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नदियों के जलस्तर में वृद्धि से किसानों को भारी नुकसान, सैंकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद

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Published : Jun 29, 2020, 7:45 PM IST

कोसी नदी में आई बाढ़ से लगभग 6 हजार से अधिक की आबादी चारों ओर से घिर चुकी है. घर से बाहर निकलने का एकमात्र साधन नाव ही बना हुआ है. नदी के कटाव स्थल के मुहाने पर बसे लोग अपने घरों को तोड़कर किसी सुरक्षित जगह की ओर ले जाने की तैयारी में जुट गए हैं.

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मधुबनीः नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण कोसी, कमला और भुतही नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. जिले में कई गांवों के नीचले हिस्सों में बाढ़ का पानी फैल गया है. जिससे किसानों के फसल को काफी नुकसान हुआ है.

डूबी मूंग की फसल
मधुबनी के मधेपुर प्रखंड के गढ़गांव, भवानीपुर, बक्सा टोल, लुचबनी, पीरयाही, मेनाही, भवानीपुर, गोबरगढ़ा, सलहेसपुर एवं बसीपट्टी गांव के नीचले हिस्सों में बाढ़ का पानी फैल गया है. सैकड़ों एकड़ में लगी मूंग की फसल डूब चुकी है. जिससे स्थानीय किसान काफी मायूस हैं.

देखें रिपोर्ट

किसानों को हुआ आर्थिक नुकसान
लोगो का आवागमन के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है. पानी के तेज बहाव मे चचरी के पुल भी बह जाती है. बसीपट्टी के रंजीत चौपाल ने बताया कि कोसी क्षेत्र की प्रमुख दलहन फसल मूंग है और इस साल यह बाढ़ के पानी में डूब चुकी है. जिससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है.

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चचरी पुल

बाढ़ से घिरे आधे दर्जन गांव
कोसी नदी में आई बाढ़ से लगभग 6 हजार से अधिक की आबादी चारों ओर से घिर चुकी है. घर से बाहर निकलने का एकमात्र साधन नाव ही बना हुआ है. नदी की कटाव स्थल के मुहाने पर बसे लोग अपने घरों को तोड़कर किसी सुरक्षित जगह की ओर ले जाने की तैयारी में जुट गए हैं.

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नदी के आस पास बने घर

तैयारियों में जुटे लोग
संभावित प्रलयंकारी बाढ़ के खतरा को देखते हुए स्थानीय लोग तैयारियों में जुटे हुए हैं. लोग बाजारों से आवश्यक खाद्य सामग्री, दवा, किरासन तेल सहित अन्य दैनिक आवश्यक सामानों की खरीददारी करने में लगे हुए हैं. फिलहाल बाढ़ का पानी लोगों के घरों में नहीं घुसा है.

छोड़ दिया जाता है भगवान भरोसे
वहगढ़गाव के सचिन्द्र यादव ने बताया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय ही आते हैं. बाढ़ जैसी आपदा के समय वे लोगों की सुध लेने तक नहीं पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि हमलोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है.

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बढ़ा जलस्तर

नाव की व्यवस्था
सचिन्द्र यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब 6 महीने पहले रिंग बांध का शिलान्यास करने आए थे. लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ. वहीं, प्रभारी सीओ कन्हैया लाल ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है. लोगों के अवागमन के लिए नाव की व्यवस्था कर दी गई है.

स्थिति की समीक्षा कर रहे मुख्यमंत्री
बता दें कि उत्तर भारत की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही बचाव के लिए सभी विभागों के साथ बैठक कर रहे हैं.

मधुबनीः नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण कोसी, कमला और भुतही नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. जिले में कई गांवों के नीचले हिस्सों में बाढ़ का पानी फैल गया है. जिससे किसानों के फसल को काफी नुकसान हुआ है.

डूबी मूंग की फसल
मधुबनी के मधेपुर प्रखंड के गढ़गांव, भवानीपुर, बक्सा टोल, लुचबनी, पीरयाही, मेनाही, भवानीपुर, गोबरगढ़ा, सलहेसपुर एवं बसीपट्टी गांव के नीचले हिस्सों में बाढ़ का पानी फैल गया है. सैकड़ों एकड़ में लगी मूंग की फसल डूब चुकी है. जिससे स्थानीय किसान काफी मायूस हैं.

देखें रिपोर्ट

किसानों को हुआ आर्थिक नुकसान
लोगो का आवागमन के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है. पानी के तेज बहाव मे चचरी के पुल भी बह जाती है. बसीपट्टी के रंजीत चौपाल ने बताया कि कोसी क्षेत्र की प्रमुख दलहन फसल मूंग है और इस साल यह बाढ़ के पानी में डूब चुकी है. जिससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है.

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चचरी पुल

बाढ़ से घिरे आधे दर्जन गांव
कोसी नदी में आई बाढ़ से लगभग 6 हजार से अधिक की आबादी चारों ओर से घिर चुकी है. घर से बाहर निकलने का एकमात्र साधन नाव ही बना हुआ है. नदी की कटाव स्थल के मुहाने पर बसे लोग अपने घरों को तोड़कर किसी सुरक्षित जगह की ओर ले जाने की तैयारी में जुट गए हैं.

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नदी के आस पास बने घर

तैयारियों में जुटे लोग
संभावित प्रलयंकारी बाढ़ के खतरा को देखते हुए स्थानीय लोग तैयारियों में जुटे हुए हैं. लोग बाजारों से आवश्यक खाद्य सामग्री, दवा, किरासन तेल सहित अन्य दैनिक आवश्यक सामानों की खरीददारी करने में लगे हुए हैं. फिलहाल बाढ़ का पानी लोगों के घरों में नहीं घुसा है.

छोड़ दिया जाता है भगवान भरोसे
वहगढ़गाव के सचिन्द्र यादव ने बताया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय ही आते हैं. बाढ़ जैसी आपदा के समय वे लोगों की सुध लेने तक नहीं पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि हमलोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है.

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बढ़ा जलस्तर

नाव की व्यवस्था
सचिन्द्र यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब 6 महीने पहले रिंग बांध का शिलान्यास करने आए थे. लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ. वहीं, प्रभारी सीओ कन्हैया लाल ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है. लोगों के अवागमन के लिए नाव की व्यवस्था कर दी गई है.

स्थिति की समीक्षा कर रहे मुख्यमंत्री
बता दें कि उत्तर भारत की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही बचाव के लिए सभी विभागों के साथ बैठक कर रहे हैं.

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