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Bihar Politics : 'जाति व्यवस्था पुरखों की गलती की देन'.. बिहार के शिक्षा मंत्री के विवादित बोल - रामचरित मानस

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था पुरखों की गलती की देन है. साथ ही उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथों में कुछ कचरा भी है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 18, 2023, 4:14 PM IST

मधुबनी : बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. हिंदू धार्मिक ग्रंथों को लेकर समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के बयानों को उद्धृत करते हुए विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि ग्रंथों में कई चीजें सीखने और अनुकरण करने की है. लेकिन, कुछ कचरा भी है.

ये भी पढ़ें - Ramcharitmanas Controversy: चंद्रशेखर के खिलाफ गया कोर्ट में 5 परिवाद दायर, BJP ने दी धर्म परिवर्तन की सलाह

'धार्मिक ग्रंथों में कुछ कचरा भी है' : बिहार के मधुबनी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि 56 प्रकार का भोग लगाकर कोई गाली दे दे तो. राम मनोहर लोहिया भी कहा करते थे कि धार्मिक ग्रंथों में कई चीजें सीखने और अनुकरण करने की है. लेकिन, कुछ कचरा भी है. उन्होंने कहा कि जो कचरा है, वह इतना खतरनाक है कि हमारे समाज को समझ लें कि इसमें घोर अपमानजक बातें है तो इसे हटाना पड़ेगा.

'जाति व्यवस्था पुरखों की गलती' : उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि इसे लेकर मैनें कुछ कहा तो मैं विवादास्पद बन गया. लेकिन, मोहन भागवत ने कहा कि कुछ ग्रंथों की समीक्षा होनी चाहिए तो, वह विवादास्पद नहीं है, क्योंकि वे पावन ब्राह्मण हैं. उन्होंने आगे यह भी कहा कि जातियां हमने बनाई हैं. जाति व्यवस्था पुरखों की गलती की देन है. उन्होंने शिक्षक नियुक्ति को लेकर कहा कि परीक्षा से घबराना नहीं चाहिए.

पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं चंद्रशेखर : कुछ महीने पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि रामचरित मानस समाज में द्वेष पैदा करने वाला ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ने से रोकता है. उनका कहना था कि श्रीरामचरितमानस में जो आपतिजनक बातें हैं, वो हटनी चाहिए.

(सोर्स - आईएएनएस)

मधुबनी : बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. हिंदू धार्मिक ग्रंथों को लेकर समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के बयानों को उद्धृत करते हुए विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि ग्रंथों में कई चीजें सीखने और अनुकरण करने की है. लेकिन, कुछ कचरा भी है.

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'धार्मिक ग्रंथों में कुछ कचरा भी है' : बिहार के मधुबनी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि 56 प्रकार का भोग लगाकर कोई गाली दे दे तो. राम मनोहर लोहिया भी कहा करते थे कि धार्मिक ग्रंथों में कई चीजें सीखने और अनुकरण करने की है. लेकिन, कुछ कचरा भी है. उन्होंने कहा कि जो कचरा है, वह इतना खतरनाक है कि हमारे समाज को समझ लें कि इसमें घोर अपमानजक बातें है तो इसे हटाना पड़ेगा.

'जाति व्यवस्था पुरखों की गलती' : उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि इसे लेकर मैनें कुछ कहा तो मैं विवादास्पद बन गया. लेकिन, मोहन भागवत ने कहा कि कुछ ग्रंथों की समीक्षा होनी चाहिए तो, वह विवादास्पद नहीं है, क्योंकि वे पावन ब्राह्मण हैं. उन्होंने आगे यह भी कहा कि जातियां हमने बनाई हैं. जाति व्यवस्था पुरखों की गलती की देन है. उन्होंने शिक्षक नियुक्ति को लेकर कहा कि परीक्षा से घबराना नहीं चाहिए.

पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं चंद्रशेखर : कुछ महीने पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि रामचरित मानस समाज में द्वेष पैदा करने वाला ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ने से रोकता है. उनका कहना था कि श्रीरामचरितमानस में जो आपतिजनक बातें हैं, वो हटनी चाहिए.

(सोर्स - आईएएनएस)

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