मधुबनी: पूरे विश्व में 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है. इसकी शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की थी. वैश्विक महामारी करोना संकट काल के बीच रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक अपर सचिव ने डीएम को पत्र लिखकर ब्लड बैंक में रक्त की कमी और थैलेसीमिया के मरीजों का रक्त उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. साथ ही ये भी निर्देश दिया गया है कि ब्लड डोनेशन के दौरान सोशल डिस्टेंस और कोविड-19 के गाइडलाइंस पालन करना अनिवार्य है, जिससे संक्रमण से बचाया जा सके.
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने अपील करते हुए कहा कि सभी युवाओं को रक्तदान में ज्यादा से ज्यादा संख्या में हिस्सा लेना चाहिए. रक्तदान महादान की श्रेणी में आता है. रक्तदान करने से जरूरतमंद की मदद तो होती ही है. साथ ही रक्तदाता कार्ड प्राप्त करने से भविष्य में अपने और परिवार के लिए भी जरूरत पड़ने पर आसानी से रक्त प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि रक्तदान से कमजोरी आती है, ये मिथक है. रक्तदान से रक्तदाता को स्वास्थ्य लाभ मिलता है.
रक्तदाता इन बातों का रखें ख्याल:
- 18 साल से 65 साल के लोग रक्तदान कर सकते हैं.
- 45 किलोग्राम वजन के लोग 350 मिलीलीटर और 55 किलोग्राम से ऊपर वजन के लोग 450 मिलीलीटर खून दान कर सकते हैं.
- 12.50 ग्राम हेमोग्लोबिन, इससे अधिक होने पर ही रक्तदान संभव है.
- एड्स, उच्च रक्तचाप, अत्यधिक मधुमेह और थेलेसीमिया जैसे अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं.
- रक्तदाता का वजन 45 किलोग्राम से कम न हो.
- खून देने से 24 घंटे पहले से ही शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन ना करें.