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मधुबनीः SFC गोदाम बना मवेशियों का चारागाह, लोगों के बीच बंटने वाला अनाज खा रही गाय और बकरी - SFC Warehouse at Madhubani

बेनीपट्टी अनुमंडल अंतर्गत मधवापुर प्रखंड मुख्यालय में बने एसएफसी गोदाम में मवेशी बेरोक-टोक अनाज खा रहे हैं. गोदाम के संवेदक ने कहा मवेशियों को भगाने पर ग्रामीण आकर बकझक करते हैं.

मधुबनी
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Published : Jul 1, 2020, 9:13 PM IST

मधुबनी(बेनीपट्टी): जिले में एसएफसी गोदाम जानवरों का चारागाह बना हुआ है. यहां मवेशी अनाज खा रहे हैं. उसे रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है. लॉकडाउन के दौरान कई गरीब परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गए, कइयों की मौत भी हो गई. लेकिन उन्हें समय रहते अनाज नहीं मिल पाया और यहां मवेशियों को खुली छूट मिली हुई है.

मधवापुर प्रखंड का मामला
दरअसल मामला बेनीपट्टी अनुमंडल अंतर्गत मधवापुर प्रखंड मुख्यालय में बने एसएफसी गोदाम का है. जहां लोगों के बीच बांटा जाने वाला अनाज गांय और बकरियों को खिलाया जा रहा है. गांय और बकरी बेरोक-टोक अनाज चर रही हैं. लेकिन इससे ना तो वहां तैनात गार्ड को कोई फर्क पड़ता है और ना ही एसएफसी गोदाम के संवेदक को.

मनमानी करते हैं ग्रामीण
वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर एसएफसी गोदाम के संवेदक रौशन गुप्ता ने बताा कि आप-पास के लोगों का मवेशी आ जाता है. मवेशियों को भगाने पर ग्रामीण आकर बकझक करने लगते हैं. एक बार एक बकरी को हांकने के चक्कर में उसकी मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने आकर जुर्माना वसूल लिया. बकरी के मालिक को 6 हजार रुपए देना पड़ा. तब जाकर मामला शांत हुआ था. उन्होंने कहा कि गेट पर गार्ड की तैनाती है. फिर भी मवेशी अंदर आ जाते हैं.

मधुबनी(बेनीपट्टी): जिले में एसएफसी गोदाम जानवरों का चारागाह बना हुआ है. यहां मवेशी अनाज खा रहे हैं. उसे रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है. लॉकडाउन के दौरान कई गरीब परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गए, कइयों की मौत भी हो गई. लेकिन उन्हें समय रहते अनाज नहीं मिल पाया और यहां मवेशियों को खुली छूट मिली हुई है.

मधवापुर प्रखंड का मामला
दरअसल मामला बेनीपट्टी अनुमंडल अंतर्गत मधवापुर प्रखंड मुख्यालय में बने एसएफसी गोदाम का है. जहां लोगों के बीच बांटा जाने वाला अनाज गांय और बकरियों को खिलाया जा रहा है. गांय और बकरी बेरोक-टोक अनाज चर रही हैं. लेकिन इससे ना तो वहां तैनात गार्ड को कोई फर्क पड़ता है और ना ही एसएफसी गोदाम के संवेदक को.

मनमानी करते हैं ग्रामीण
वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर एसएफसी गोदाम के संवेदक रौशन गुप्ता ने बताा कि आप-पास के लोगों का मवेशी आ जाता है. मवेशियों को भगाने पर ग्रामीण आकर बकझक करने लगते हैं. एक बार एक बकरी को हांकने के चक्कर में उसकी मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने आकर जुर्माना वसूल लिया. बकरी के मालिक को 6 हजार रुपए देना पड़ा. तब जाकर मामला शांत हुआ था. उन्होंने कहा कि गेट पर गार्ड की तैनाती है. फिर भी मवेशी अंदर आ जाते हैं.

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