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मधुबनी: शहीदों की याद में बने मिथिला विजय स्तंभ का मनाया गया 10वां स्थापना दिवस

1753 ई. में हुई मधुबनी की लड़ाई इतिहास के किन्हीं पन्नों में सिमटी हुई थी. लेकिन झंझारपुर के तत्कालीन एसडीएम डॉ. रंगनाथ चौधरी ने इसको प्रमुखता से लोगों के सामने पेश किया.

मधुबनी में मिथिला विजय स्तंभ
मधुबनी में मिथिला विजय स्तंभ
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Published : Jan 21, 2020, 10:48 AM IST

मधुबनी: जिले के अंधराठाढ़ी प्रखंड के हरना गांव के कंदर्पी घाट पर मिथिला विजय स्तंभ का 10वां स्थापना दिवस मनाया गया. जहां झंझारपुर के पूर्व एसडीएम डॉ. रंगनाथ चौधरी सहित तमाम लोग मौजूद रहे.

युद्ध में शहीद हुए थे हजारों जवान
बता दें कि 1753 ईस्वी में मधुबनी में 4 अक्टूबर से लेकर 7 अक्टूबर तक एक युद्ध लड़ा गया था. जिसमें हजारों जवान शहीद हो गए थे. उन्हीं शहीदों को याद करते हुए 10 जनवरी 2010 को झंझारपुर के तत्कालीन एसडीएम डॉ. रंगनाथ चौधरी ने मिथिला विजय स्तंभ का निर्माण करवाया. जिसका अनावरण बिहार सरकार के तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया था. वहीं, 20 जनवरी को हर साल इस विजय स्तंभ का वार्षिक समारोह मनाया जाता है. जिसमें शहीदों को याद किया जाता है.

मिथिला विजय स्तंभ का स्थापना दिवस समारोह

मिथिला विजय स्तंभ है शहादत का प्रतीक
1753 ईस्वी में हुई मधुबनी की लड़ाई इतिहास के किन्हीं पन्नों में सिमटी हुई थी. लेकिन झंझारपुर के तत्कालीन एसडीएम डॉ. रंगनाथ चौधरी ने इसको प्रमुखता से लोगों के सामने पेश किया और शहीदों को नमन करने के लिए मिथिला विजय स्तंभ का निर्माण कराया.

मधुबनी: जिले के अंधराठाढ़ी प्रखंड के हरना गांव के कंदर्पी घाट पर मिथिला विजय स्तंभ का 10वां स्थापना दिवस मनाया गया. जहां झंझारपुर के पूर्व एसडीएम डॉ. रंगनाथ चौधरी सहित तमाम लोग मौजूद रहे.

युद्ध में शहीद हुए थे हजारों जवान
बता दें कि 1753 ईस्वी में मधुबनी में 4 अक्टूबर से लेकर 7 अक्टूबर तक एक युद्ध लड़ा गया था. जिसमें हजारों जवान शहीद हो गए थे. उन्हीं शहीदों को याद करते हुए 10 जनवरी 2010 को झंझारपुर के तत्कालीन एसडीएम डॉ. रंगनाथ चौधरी ने मिथिला विजय स्तंभ का निर्माण करवाया. जिसका अनावरण बिहार सरकार के तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया था. वहीं, 20 जनवरी को हर साल इस विजय स्तंभ का वार्षिक समारोह मनाया जाता है. जिसमें शहीदों को याद किया जाता है.

मिथिला विजय स्तंभ का स्थापना दिवस समारोह

मिथिला विजय स्तंभ है शहादत का प्रतीक
1753 ईस्वी में हुई मधुबनी की लड़ाई इतिहास के किन्हीं पन्नों में सिमटी हुई थी. लेकिन झंझारपुर के तत्कालीन एसडीएम डॉ. रंगनाथ चौधरी ने इसको प्रमुखता से लोगों के सामने पेश किया और शहीदों को नमन करने के लिए मिथिला विजय स्तंभ का निर्माण कराया.

Intro:मिथिला विजय स्तम्भ का 10 वी स्थापना दिवस मनाया गया,पूर्वadm , sdm , मुखियाने किया उद्घाटन,मधुबनी


Body:मधुबनी
मिथिला विजय स्तंभ मधुबनी जिला के अंधराठाढ़ी प्रखंड के हरना गांव के कंदर्पी घाट पर बनाया गया है । 10 जनवरी 2010 ईस्वी को तत्कालीन झंझारपुर एसडीएम डॉ रंगनाथ चौधरी ने बनवाया था ।ऐसी इतिहास में वर्णन मिलता है जो मिथिला के महत्वपूर्ण स्थान है जहाँ दो राजा के बीच भयंकर युद्ध हुआ था राजा मिथिलेश नरेंद्र सिंह के आह्वान पर मिथिला वासी सभी जाति धर्म के लोग जाति से ऊपर उठ कर उनके आह्वान पर शिशोत्सर्ग कर विजयश्री वरण किया था।उस युद्ध में हजारों लोगों की मौत हुई थी इस बात का प्रमाण इससे मिलता है।कमला नदी में पानी सूखने के बाद लगभग 22 मोन अर्थात 9 किवंटल जनेऊ मिली थी जिसे अंदाजा लगाया जा रहा है हजारों की संख्या में लोगों की मौत इस लड़ाई में हुई थी जो इतिहास के पन्नों में सिमट गई थी ।यह लड़ाई 4 से 7 अक्टूबर तक 1753 ईस्वी में लड़ी गई थी तत्कालीन झंझारपुर एसडीएम डॉ रंगनाथ चौधरी ने अमर शहीदों के लिए मिथिला विजय स्तंभ का भी निर्माण करवाया । बिहार सरकार के तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने मिथिला विजय स्तंभ का अनावरण किया था ।10 जनवरी 2010 को मिथिला विजय स्तंभ का शिलान्यास किया गया था ।20 जनवरी को मिथिला विजय स्तंभ वार्षिक समारोह मनाया जाता है शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित की जाती है ।
वाइट रंगनाथ चौधरी पूर्व एसडीएम झंझारपुर
राजकुमार झा
मधुबनी


Conclusion:यह स्थान इतिहास के पन्नों में ही सिमटी हुई थी जिसे तत्कालीन एसडीएम डॉ रंगनाथ चौधरी ने अपने शोध में इस स्थान को प्रमुखता से लोगों के सामने लाई और शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए मिथिला विजय स्तंभ का निर्माण कराया
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