मधेपुरा: राज्य सरकार की नल-जल योजना मधेपुरा में नगर परिषद की लापरवाही के कारण लोगों के जी का जंजाल बनी हुई है. लोगों को घर-घर शुद्ध जल पहुंचाने के लिए बिछाए गए पाइपों से पीने के लिए जल तो नहीं पहुंचा. साथ ही निर्माण कार्य में बरती गई गड़बड़ी के कारण आए दिन जगह-जगह पाइप फटता रहता है.
अधिकांश समय पानी का पाइप फटने के कारण लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है. कभी यातायात ठप हो जाता है तो कभी बिन मौसम सड़क दलदल में तब्दील हो जाती है. यहां तक की कई व्यवसायियों के दुकानों, गोदामों में पानी घुसने से लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है.
पाइप फटने से हो रही समस्या
बता दें कि जिला मुख्यालय के नगर परिषद इलाके में मुख्यमंत्री नल-जल योजना के तहत 16 करोड़ की लागत से घर-घर शुद्ध जल मुहैया कराने के लिए पाइप बिछाया गया है. विभागीय अधिकारियों की ओर से निर्माण कार्य के दौरान मुस्तैदी नहीं बरतने का खामियाजा जनता भुगत रही है. दरअसल, शनिवार रात को किसी वजह से बस स्टैंड के नजदीक पानी का पाइप फट गया. दुकान के बाहर रखा प्लाई गीला हो गया. जिससे एक प्लाईवुड के व्यापारी का करोड़ों का नुकसान हो गया.
विरोध में सड़क पर उतरे लोग
इस नुकसान से व्यापारी काफी आक्रोशित हैं. आसपास के लोगों ने बताया कि आए दिन जिले में ऐसा होता रहता है. कई बार शिकायत के बावजूद मदद नहीं मिलती. शिकायत के लिए फोन करने पर विभागीय अधिकारी बात टालने लगते हैं. इसी के विरोध में रविवार को बस स्टैंड के पास पीड़ित व्यवसायियों और स्थानीय लोगों ने एनएच-106 को घंटों जाम कर उग्र प्रदर्शन किया.
नगर परिषद ने मानी गलती, जांच का दिया आश्वासन
आक्रोशित लोगों ने बताया कि देर रात से ही जिले के उच्चाधिकारियों को सूचना दी जा रही है कि पानी के लीकेज को बंद करवाया जाए. लेकिन, किसी ने सुध नहीं ली. इसके बाद नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद अशोक कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने स्वीकार किया कि निर्माण कार्य में गड़बड़ी हुई है. उन्होंने आक्रोशित लोगों को आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारी और एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.