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करोड़ों की लागत से बिछाई गई थी पाइप लाइन, लीकेज होने से बर्बाद हो रहा पानी

आसपास के लोगों ने बताया कि आए दिन जिले में कहीं न कहीं ऐसा होता रहता है. कई बार शिकायत के बावजूद मदद नहीं मिल रही है.

लीकेज से गीला हुआ प्लाईवुड
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Published : May 5, 2019, 5:48 PM IST

मधेपुरा: राज्य सरकार की नल-जल योजना मधेपुरा में नगर परिषद की लापरवाही के कारण लोगों के जी का जंजाल बनी हुई है. लोगों को घर-घर शुद्ध जल पहुंचाने के लिए बिछाए गए पाइपों से पीने के लिए जल तो नहीं पहुंचा. साथ ही निर्माण कार्य में बरती गई गड़बड़ी के कारण आए दिन जगह-जगह पाइप फटता रहता है.

अधिकांश समय पानी का पाइप फटने के कारण लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है. कभी यातायात ठप हो जाता है तो कभी बिन मौसम सड़क दलदल में तब्दील हो जाती है. यहां तक की कई व्यवसायियों के दुकानों, गोदामों में पानी घुसने से लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है.

पाइप फटने से हो रही समस्या
बता दें कि जिला मुख्यालय के नगर परिषद इलाके में मुख्यमंत्री नल-जल योजना के तहत 16 करोड़ की लागत से घर-घर शुद्ध जल मुहैया कराने के लिए पाइप बिछाया गया है. विभागीय अधिकारियों की ओर से निर्माण कार्य के दौरान मुस्तैदी नहीं बरतने का खामियाजा जनता भुगत रही है. दरअसल, शनिवार रात को किसी वजह से बस स्टैंड के नजदीक पानी का पाइप फट गया. दुकान के बाहर रखा प्लाई गीला हो गया. जिससे एक प्लाईवुड के व्यापारी का करोड़ों का नुकसान हो गया.

विरोध में सड़क पर उतरे लोग
इस नुकसान से व्यापारी काफी आक्रोशित हैं. आसपास के लोगों ने बताया कि आए दिन जिले में ऐसा होता रहता है. कई बार शिकायत के बावजूद मदद नहीं मिलती. शिकायत के लिए फोन करने पर विभागीय अधिकारी बात टालने लगते हैं. इसी के विरोध में रविवार को बस स्टैंड के पास पीड़ित व्यवसायियों और स्थानीय लोगों ने एनएच-106 को घंटों जाम कर उग्र प्रदर्शन किया.

निगम की लापरवाही से सड़क पर उतरे लोग

नगर परिषद ने मानी गलती, जांच का दिया आश्वासन
आक्रोशित लोगों ने बताया कि देर रात से ही जिले के उच्चाधिकारियों को सूचना दी जा रही है कि पानी के लीकेज को बंद करवाया जाए. लेकिन, किसी ने सुध नहीं ली. इसके बाद नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद अशोक कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने स्वीकार किया कि निर्माण कार्य में गड़बड़ी हुई है. उन्होंने आक्रोशित लोगों को आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारी और एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

मधेपुरा: राज्य सरकार की नल-जल योजना मधेपुरा में नगर परिषद की लापरवाही के कारण लोगों के जी का जंजाल बनी हुई है. लोगों को घर-घर शुद्ध जल पहुंचाने के लिए बिछाए गए पाइपों से पीने के लिए जल तो नहीं पहुंचा. साथ ही निर्माण कार्य में बरती गई गड़बड़ी के कारण आए दिन जगह-जगह पाइप फटता रहता है.

अधिकांश समय पानी का पाइप फटने के कारण लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है. कभी यातायात ठप हो जाता है तो कभी बिन मौसम सड़क दलदल में तब्दील हो जाती है. यहां तक की कई व्यवसायियों के दुकानों, गोदामों में पानी घुसने से लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है.

पाइप फटने से हो रही समस्या
बता दें कि जिला मुख्यालय के नगर परिषद इलाके में मुख्यमंत्री नल-जल योजना के तहत 16 करोड़ की लागत से घर-घर शुद्ध जल मुहैया कराने के लिए पाइप बिछाया गया है. विभागीय अधिकारियों की ओर से निर्माण कार्य के दौरान मुस्तैदी नहीं बरतने का खामियाजा जनता भुगत रही है. दरअसल, शनिवार रात को किसी वजह से बस स्टैंड के नजदीक पानी का पाइप फट गया. दुकान के बाहर रखा प्लाई गीला हो गया. जिससे एक प्लाईवुड के व्यापारी का करोड़ों का नुकसान हो गया.

विरोध में सड़क पर उतरे लोग
इस नुकसान से व्यापारी काफी आक्रोशित हैं. आसपास के लोगों ने बताया कि आए दिन जिले में ऐसा होता रहता है. कई बार शिकायत के बावजूद मदद नहीं मिलती. शिकायत के लिए फोन करने पर विभागीय अधिकारी बात टालने लगते हैं. इसी के विरोध में रविवार को बस स्टैंड के पास पीड़ित व्यवसायियों और स्थानीय लोगों ने एनएच-106 को घंटों जाम कर उग्र प्रदर्शन किया.

निगम की लापरवाही से सड़क पर उतरे लोग

नगर परिषद ने मानी गलती, जांच का दिया आश्वासन
आक्रोशित लोगों ने बताया कि देर रात से ही जिले के उच्चाधिकारियों को सूचना दी जा रही है कि पानी के लीकेज को बंद करवाया जाए. लेकिन, किसी ने सुध नहीं ली. इसके बाद नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद अशोक कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने स्वीकार किया कि निर्माण कार्य में गड़बड़ी हुई है. उन्होंने आक्रोशित लोगों को आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारी और एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र में नल जल योजना बना लूट कसौट का अड्डा।लोगों को घर घर शुद्ध जल पहुँचाने के लिए लगाए गए पाईप से पीने के लिए जल तो नहीं पहुँचा।लेकिन निर्माण कार्य में अनियमितता के चलते जगह जगह पाईप से पानी निकलने कारण कई व्यवसायियों के प्रतिष्ठान में पानी घुसने से लाखों की क्षति जरूर कर दी।


Body:बता दें कि जिला मुख्यालय के नगर परिषद क्षेत्र में मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत 16 करोड़ की लागत से घर घर शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए पाईप बिछाया गया है।विभागीय अधिकारी की लापरवाही के कारण कार्यकारी एजेंसी के द्वारा कार्य में जमकर प्राक्कलन की धज्जियां उड़ाई गई है।जिसके कारण संपूर्ण शहर में हर जगह पाईप से पानी यत्र तत्र निकल कर चारो तरफ फैलने लगता है।उल्लेखनीय बात तो यह है कि लोगों को शुद्ध जल पीने के लिए तो नहीं मिल पाया।लेकिन पीने बाला शुद्ध जल पाईप से रिसकर उनके घर ,दुकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान में जरूर जमा हो गया।जिसके कारण उनके लाखों का सामान बर्बाद हो गया।इसी के विरोध में आज बस स्टेंड के पास पीड़ित व्यवसायियों व स्थानीय लोगों ने एन एच 106 को घंटों जामकर उग्र प्रदर्शन किया।आक्रोशित लोगों ने बताया कि देर रात से ही ज़िले के उच्चाधिकारियों को सूचना दी जा रही है की पानी लीकेज को बंद करवाया जाय।लेकिन किसी ने सुधी नहीं ली।इसके बाद थक हार कर सड़क जाम कर विरोध जताया जा रहा है।मोके पर पहुँचे नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद अशोक कुमार ने स्वीकार किया कि निर्माण कार्य में गड़बड़ी हुईं है।उन्होंने आक्रोशित लोगों को आश्वाशन दिया कि दोषी अधिकारी व एजेंसी के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई की जाएगी।बाइट--1-----रोशन भगत----पीड़ित व्यवसायी।बाइट---2----अनुज----कुमार---पीड़ित बाइट--3----परमेश्वर झा----पीड़ित व्यवसायी।बाइट---4----अशोक कुमार--उप मुख्य पार्षद---नगर परिषद मधेपुरा।


Conclusion:अब देखना दिलचस्प होगा कि दोषी अधिकारी व एजेंसी पर क्या कार्रवाई हो पाती है।
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