मधेपुरा: लॉक डाउन से गरीबों की रोजी-रोटी पर आए संकट को देखते हुए सरकार ने उन्हें नि:शुल्क राशन देने की घोषणा की थी. साथ ही यह दावा भी किया था कि गरीबों को मुफ्त में अगले 3 महीने तक का राशन दिया जाएगा, लेकिन मधेपुरा जिले के वार्ड संख्या 15 में सरकार के दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यहां डीलरों की मनमानी की वजह से गरीबों को राशन नहीं मिल पा रहा है. इससे नाराज लोगों ने डीलर के खिलाफ एकजुट होकर जमकर हंगामा किया.इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल नहीं रखा गया.
ग्रामीणों का आरोप
लॉक डाउन की वजह से दिहाड़ी मजदूरों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. एक तरफ रोजगार बंद हो चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ दो वक्त की रोटी का जुगाड़ उनके लिए परेशानी का सबब बना है. पीड़िता चंदा देवी ने बताया कि पिछले 4 महीने से हमें डीलर राशन नहीं दे रहा है. कई बार यहां आई लेकिन मुझे भगा दिया जाता है. आसपास के लोगों से मांग कर किसी तरीके से मैं बच्चों का पेट पाल रही हूं. बीते चैती छठ में मुझे डीलर ने 15 किलो अनाज दिया था, लेकिन लॉक डाउन के दौरान मुझे अनाज नहीं मिला है.
डीलर की सफाई
इस पूरे मामले पर डीलर शैलेन्द्र प्रसाद यादव ने सफाई देते हुए कहा कि जब तक पोस मशीन में इनका नंबर नहीं आएगा तब तक मैं अनाज नहीं दे सकता हूं. मैंने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से ही बात की थी. फिलहाल उन्होंने रजिस्टर पर नाम लिखकर अनाज मुहैया कराने की बात कही है, इसके बाद मैं लोगों को अनाज दे रहा हूं.