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मधेपुरा: 2 डॉक्टर के भरोसे चल रहा सदर अस्पताल, मरीजों को करना पड़ता है घंटों इंतजार - Madhepura Sadar Hospital Latest News

जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी है. जिसके कारण रोगियों के इलाज में परेशानी हो रही है.अस्पताल में सुविधाओं की कमी होने के कारण मरीज के साथ-साथ डॉक्टरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है

सदर अस्पताल में लाइन मे खड़े मरीज
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Published : Aug 22, 2019, 1:11 PM IST

मधेपुरा: जिला के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों की कमी के कारण मरीज घंटों तक लाइन में खडे़ रहने को मजबूर हैं. अस्पतालों मे बेड और स्ट्रेचर की भी कमी है.

मधेपुरा
सदर अस्पताल में लाइन मे खड़े मरीज
राज्य में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बिल्कुल ठीक नहीं है. ताजा मामला मधेपुरा के सदर अस्पताल का है. यहां डॉक्टरों की कमी के वजह से मरीजों को मुश्किलें झेलनी पड़ रही है. मरीजों की लाइन इतनी लंबी हो जा रही है कि सुरक्षाकर्मियों को संभालने में पसीने छूट रहे हैं. कई बार मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पताल प्रशासन को पुलिस बुलाना पड़ती है.
मधेपुरा
मधेपुरा सदर अस्पताल
दो डॉक्टरों पर टिका अस्पताल मधेपुरा के सदर अस्पताल में केवल दो डॉक्टर हैं. दो डॉक्टरों के होने से मरीजों को चिकित्सक से मिलने के लिए लंबा इंतजार करना होता है. घंटों लाइन में रहने से रोगियों की तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है. इस तरह की असुविधा होने से कई मरीज बिना डॉक्टर को दिखाए ही लौट जाते हैं. इस तरह से सरकारी अस्पताल में भी मरीजों के रोगों का इलाज नहीं हो रहा है.
मधेपुरा
सिविल सर्जन शैलेंद्र कुमार
सिविल सर्जन ने बतायाअस्पताल के सिविल सर्जन शैलेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी है. जिसके कारण रोगियों के ईलाज में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को पिछले कई सालों से लिखा जा रहा है. लेकिन आज तक सरकार के तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. अस्पताल में सुविधाओं की कमी होने के कारण मरीज के साथ-साथ डॉक्टरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. डॉक्टर अस्पताल को जैसे-तैसे चलाने को मजबूर हैं.
सदर अस्पताल की पूरी रिपोर्ट

मधेपुरा: जिला के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों की कमी के कारण मरीज घंटों तक लाइन में खडे़ रहने को मजबूर हैं. अस्पतालों मे बेड और स्ट्रेचर की भी कमी है.

मधेपुरा
सदर अस्पताल में लाइन मे खड़े मरीज
राज्य में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बिल्कुल ठीक नहीं है. ताजा मामला मधेपुरा के सदर अस्पताल का है. यहां डॉक्टरों की कमी के वजह से मरीजों को मुश्किलें झेलनी पड़ रही है. मरीजों की लाइन इतनी लंबी हो जा रही है कि सुरक्षाकर्मियों को संभालने में पसीने छूट रहे हैं. कई बार मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पताल प्रशासन को पुलिस बुलाना पड़ती है.
मधेपुरा
मधेपुरा सदर अस्पताल
दो डॉक्टरों पर टिका अस्पताल मधेपुरा के सदर अस्पताल में केवल दो डॉक्टर हैं. दो डॉक्टरों के होने से मरीजों को चिकित्सक से मिलने के लिए लंबा इंतजार करना होता है. घंटों लाइन में रहने से रोगियों की तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है. इस तरह की असुविधा होने से कई मरीज बिना डॉक्टर को दिखाए ही लौट जाते हैं. इस तरह से सरकारी अस्पताल में भी मरीजों के रोगों का इलाज नहीं हो रहा है.
मधेपुरा
सिविल सर्जन शैलेंद्र कुमार
सिविल सर्जन ने बतायाअस्पताल के सिविल सर्जन शैलेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी है. जिसके कारण रोगियों के ईलाज में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को पिछले कई सालों से लिखा जा रहा है. लेकिन आज तक सरकार के तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. अस्पताल में सुविधाओं की कमी होने के कारण मरीज के साथ-साथ डॉक्टरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. डॉक्टर अस्पताल को जैसे-तैसे चलाने को मजबूर हैं.
सदर अस्पताल की पूरी रिपोर्ट
Intro:मधेपुरा के सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण,ईलाज कराने आये रोगी की भीड़ को संभालने में पसीना छूट रहे हैं सुरक्षा कर्मियों की ।स्वास्थ्य सेवा में सुधार की सरकारी दावे का निकल रही है हवा।


Body:सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवा में सुधार की लाख दावे कर ले।लेकिन हकीकत यही है कि सदर अस्पताल में चिकित्सक व अन्य कर्मियों की कमी के कारण प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में ईलाज कराने आने बाले रोगी को घंटों लाईन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।जिसके कारण लाईन में खड़े रोगी व उनके परिजन बराबर उग्र होकर सुरक्षा में लगे कर्मियों से धक्का मुक्की,मार पीट ,तोड़ फोड़ व गाली गलौच की घटना को अंजाम देते रहते हैं।हालत ऐसी हो जाती है कि सदर थाना से पुलिस बल को बुलाकर मामले को शांत कराना पड़ता है।बता दें कि सदर अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मी रविन्द्र यादव ने बताया कि प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में सदर अस्पताल में रोगी ईलाज कराने आते हैं और सुबह छह बजे से ही लाईन लगाना पड़ पड़ता है।ओपीडी में मात्र दो चिकित्सक रहने के कारण रोगी को घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है।जिसके कारण वे परेशान होकर उग्र हो जाते हैं।उन्होंने कहा कि नोबत ऐसी आ जाती है कि सदर थाना से पुलिस बल को बुलाना पर जाता है।हैरत की बात तो यह है कि चिकित्सक की कमी के कारण सुरक्षा कर्मी और रोगी दोनों को पसीना छूट रहे हैं।मधेपुरा के सिविल सर्जन डॉ0शैलेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में खासकर चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है।जिसके कारण रोगी के ईलाज में दिक्कतें आ रही है।इसके लिए आज से नहीं पिछले कई सालों से सरकार को लिखा जा रहा है।लेकिन आज तक सरकार द्वारा सार्थक कमद नहीं उठाया गया है।उन्होंने कहा कि किसी तरह से जैसे तैसे अस्पताल को चलाया जा रहा है।उल्लेखनीय बात तो यह है कि इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पिछले नब्बे की दशक से देश के नामचीन नेता लालू यादव,शरद यादव,पप्पू यादव और वर्तमान में जेडीयू के दिनेशचंद्र यादव कर रहे हैं।जबकि ज़िले के दो दो विधायक नरेंद्रनारायण यादव और रमेश ऋषिदेव बिहार सरकार में पिछले 20 साल से लगातार मंत्री हैं,फिर भी यह जिला मूलभूत समस्या चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से जूझ रहा है।बाइट--1---रविन्द्र यादव---सुरक्षा कर्मी।बाइट----2----डॉ0शैलेन्द्र कुमार-सिविल सर्जन मधेपुरा।


Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।
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