मधेपुरा: जिला पुलिस पर शराब माफियाओं से सांठ-गांठ के आरोप लग रहे हैं. मधेपुरा में इन दिनों पुलिस की लापरवाही के उदाहरण सामने आए हैं. ताजा मामला आलमनगर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि शराबबंदी के मामलों में पुलिस घोटाला कर रही है. आंकड़ें कम दिखे इसलिए एफआईआर की कॉपी ही गायब कर दी गई है.
मामला बीते 13 अक्टूबर का बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गश्ती के दौरान थाने के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार हिमांशु ने कुर्मी टोला के एक फूस की झोपड़ी में छापेमारी कर 6 लीटर विदेश शराब सहित 1 को गिरफ्तार किया था. इस मामले पर 14 अक्टूबर को कई धाराओं में केस नंबर 264/19 दर्ज किया गया. लेकिन, पुलिस ने आरोपी को जेल में डालने की बजाए रिहा कर दिया. अब पुलिस रिकॉर्ड से ये पूरा मामला ही गायब है.
नंबर पर दर्ज है दूसरा केस
मौजूदा समय में केस नंबर 264/19 में महिला के यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज है. आरजेडी विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने इसके लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है. साथ ही नीतीश सरकार की शराबबंदी को पूरी तरह से फेल बताया है. इस पूरे मामले पर एसपी संजय कुमार ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.
हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
बिहार में शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अहम फैसलों में से एक है. सीएम कहते हैं कि इसके लिए वो अभियान नहीं बल्कि आंदोलन चला रहे हैं. लेकिन, आए दिन अवैध शराब पकड़ें जाने की खबरें आती हैं. कुछ दिनों पहले पटना हाईकोर्ट ने भी शराबबंदी के लंबित मामलों को लेकर फटकार लगाई थी. ऐसे में कहा जा रहा है कि शराबबंदी के मामलों को कम करने के लिए पुलिस ने एफआईआर की कॉपी ही गायब कर दी.