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बिहार पुलिस से जरा बचके! करेगी शराबबंदी में गिरफ्तार, फिर FIR पलटकर कर देगी छेड़छाड़

14 अक्टूबर को कई धाराओं में शराब तस्करी के मामले को लेकर केस नंबर 264/19 दर्ज किया गया. मौजूदा समय में केस नंबर 264/19 में महिला के यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज है.

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Published : Dec 5, 2019, 7:49 PM IST

मधेपुरा: जिला पुलिस पर शराब माफियाओं से सांठ-गांठ के आरोप लग रहे हैं. मधेपुरा में इन दिनों पुलिस की लापरवाही के उदाहरण सामने आए हैं. ताजा मामला आलमनगर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि शराबबंदी के मामलों में पुलिस घोटाला कर रही है. आंकड़ें कम दिखे इसलिए एफआईआर की कॉपी ही गायब कर दी गई है.

मामला बीते 13 अक्टूबर का बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गश्ती के दौरान थाने के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार हिमांशु ने कुर्मी टोला के एक फूस की झोपड़ी में छापेमारी कर 6 लीटर विदेश शराब सहित 1 को गिरफ्तार किया था. इस मामले पर 14 अक्टूबर को कई धाराओं में केस नंबर 264/19 दर्ज किया गया. लेकिन, पुलिस ने आरोपी को जेल में डालने की बजाए रिहा कर दिया. अब पुलिस रिकॉर्ड से ये पूरा मामला ही गायब है.

madhepura
विधायक के आरोप पर पुलिस ने लिया संज्ञान

नंबर पर दर्ज है दूसरा केस
मौजूदा समय में केस नंबर 264/19 में महिला के यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज है. आरजेडी विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने इसके लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है. साथ ही नीतीश सरकार की शराबबंदी को पूरी तरह से फेल बताया है. इस पूरे मामले पर एसपी संजय कुमार ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

आरजेडी विधायक ने पुलिस पर लगाया आरोप

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
बिहार में शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अहम फैसलों में से एक है. सीएम कहते हैं कि इसके लिए वो अभियान नहीं बल्कि आंदोलन चला रहे हैं. लेकिन, आए दिन अवैध शराब पकड़ें जाने की खबरें आती हैं. कुछ दिनों पहले पटना हाईकोर्ट ने भी शराबबंदी के लंबित मामलों को लेकर फटकार लगाई थी. ऐसे में कहा जा रहा है कि शराबबंदी के मामलों को कम करने के लिए पुलिस ने एफआईआर की कॉपी ही गायब कर दी.

मधेपुरा: जिला पुलिस पर शराब माफियाओं से सांठ-गांठ के आरोप लग रहे हैं. मधेपुरा में इन दिनों पुलिस की लापरवाही के उदाहरण सामने आए हैं. ताजा मामला आलमनगर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि शराबबंदी के मामलों में पुलिस घोटाला कर रही है. आंकड़ें कम दिखे इसलिए एफआईआर की कॉपी ही गायब कर दी गई है.

मामला बीते 13 अक्टूबर का बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गश्ती के दौरान थाने के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार हिमांशु ने कुर्मी टोला के एक फूस की झोपड़ी में छापेमारी कर 6 लीटर विदेश शराब सहित 1 को गिरफ्तार किया था. इस मामले पर 14 अक्टूबर को कई धाराओं में केस नंबर 264/19 दर्ज किया गया. लेकिन, पुलिस ने आरोपी को जेल में डालने की बजाए रिहा कर दिया. अब पुलिस रिकॉर्ड से ये पूरा मामला ही गायब है.

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विधायक के आरोप पर पुलिस ने लिया संज्ञान

नंबर पर दर्ज है दूसरा केस
मौजूदा समय में केस नंबर 264/19 में महिला के यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज है. आरजेडी विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने इसके लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है. साथ ही नीतीश सरकार की शराबबंदी को पूरी तरह से फेल बताया है. इस पूरे मामले पर एसपी संजय कुमार ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

आरजेडी विधायक ने पुलिस पर लगाया आरोप

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
बिहार में शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अहम फैसलों में से एक है. सीएम कहते हैं कि इसके लिए वो अभियान नहीं बल्कि आंदोलन चला रहे हैं. लेकिन, आए दिन अवैध शराब पकड़ें जाने की खबरें आती हैं. कुछ दिनों पहले पटना हाईकोर्ट ने भी शराबबंदी के लंबित मामलों को लेकर फटकार लगाई थी. ऐसे में कहा जा रहा है कि शराबबंदी के मामलों को कम करने के लिए पुलिस ने एफआईआर की कॉपी ही गायब कर दी.

Intro:
बिहार पुलिस पर शराब माफियाओं के साथ सांठ गाँठ कर काम करने के आरोप लगते रहे है..... लेकिन मधेपुरा पुलिस की कारगुजारी ने इन आरोपों पर मुहर लगा दी है........ वो भी तब जब सूबे के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय है.... जो सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के शराब बंदी के सपने को साकार करने के लिए अभियान की जगह आन्दोलन चला रहे हैं.......

Body:दरअसल ताजा मामला जिले के आलमनगर थाना के थानाध्यक्ष से जुड़ा है। जिनपर शराब कारोबारी का एफआईआर गायब करने का आरोप है..मामला  13 अक्टूबर का बताया जाता है.... जब गस्ती के दौरान थाने का सब इस्पेक्टर अमित कुमार हिमांशु कुर्मी टोला में एक फूस की झोपडी में छापेमारी करने के दौरान वहां से एक शराब कारोबारी को  बारह पाउच में 6 लीटर देशी शराब के साथ गिरफ्तार करता है.... उसी सब इंस्पेक्टर के बयान पर 14 अक्टूबर 2019 को विभिन्न धाराओं में केस न. 264 /19 दर्ज किया जाता है लेकिन आरोपी को जेल भेजने की जगह छोड़ दिया जाता है..... और पुलिस रिकॉर्ड से इस पुरे मामले को ही गायब कर दिया जाता है.... इस केस नंबर पर दूसरा केस महिला के यौन उत्पीड़न का दर्ज कर लिया जाता है.... दरोगा साहब के इस कार्यशैली पर लोग अचंभित हैं..वही इस मामले के प्रकाश में आने के बाद मधेपुरा के राजद विधायक पुलिस के इस कारनामे पर सीधे सरकार पर निशाना साध रहे हैं....Conclusion:आलमनगर थाना अध्यक्ष राजेश कुमार के इस कारगुजारी पर एसपी संजय कुमार जाँच कर कार्रवाई करने की बात कही है... उन्होंने मामले की जाँच की जिम्मेदारी एसडीपीओ उदाकिशुनगंज को सौपी है....

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प्रो. चंद्रशेखर, विधायक, मधेपुरा

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संजय कुमार, एसपी
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