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निर्माण के 15 दिन बाद ही टूट गई मधेपुरा-सहरसा मुख्य सड़क

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Published : May 16, 2020, 7:36 PM IST

Updated : May 16, 2020, 9:05 PM IST

जब ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने मधेपुरा के डीडीसी से बात की तो अधिकारी ने जांच कर ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.

madhepura
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मधेपुरा: जिला मुख्यालय के सहरसा-मधेपुरा मुख्य मार्ग पर भिरखी पुल और कॉमर्स कॉलेज के बीच बनी लाखों रुपये की लागत से बनी सड़क महज 15 दिन बाद ही टूट गई. जर्जर हालत में ये सड़क एक्सीडेंट को भी आमंत्रित कर रही है. सबसे बड़ी बात ये है कि मधेपुरा-सहरसा के बीच इस मुख्य मार्ग की जर्जर अवस्था से किसी अधिकारी या नेता को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

मधेपुरा से सहरसा जाने वाली सड़क पिछले 10 साल से जर्जर पड़ी हुई थी. सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों द्वारा उग्र आंदोलन के बाद सरकार और प्रसाशन की नींद खुली और सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ. लेकिन सड़क निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री ऐसी थी कि 15 दिन के अंदर ये सड़क उसी हालत में पहुंच गई. इसमें अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत की बात सामने आ रही है. खराब दशा में होने के कारण ये सड़क टूटकर जान लेवा भी बन गई है.

पेश है रिपोर्ट

अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
सबसे दुखद बात ये है कि मधेपुरा-सहरसा की लाइफ लाईन कही जाने वाली इस सड़क से चौबीसों घंटे सभी उच्च अधिकारी, मंत्री, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि आते जाते हैं, लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही और लूट खसोट के बावजूद इस पर किसी की नजर नहीं पड़ी. वहीं जब इस बारे में ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने मधेपुरा के डीडीसी से बात की तो अधिकारी ने जांच कर ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.

मधेपुरा: जिला मुख्यालय के सहरसा-मधेपुरा मुख्य मार्ग पर भिरखी पुल और कॉमर्स कॉलेज के बीच बनी लाखों रुपये की लागत से बनी सड़क महज 15 दिन बाद ही टूट गई. जर्जर हालत में ये सड़क एक्सीडेंट को भी आमंत्रित कर रही है. सबसे बड़ी बात ये है कि मधेपुरा-सहरसा के बीच इस मुख्य मार्ग की जर्जर अवस्था से किसी अधिकारी या नेता को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

मधेपुरा से सहरसा जाने वाली सड़क पिछले 10 साल से जर्जर पड़ी हुई थी. सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों द्वारा उग्र आंदोलन के बाद सरकार और प्रसाशन की नींद खुली और सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ. लेकिन सड़क निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री ऐसी थी कि 15 दिन के अंदर ये सड़क उसी हालत में पहुंच गई. इसमें अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत की बात सामने आ रही है. खराब दशा में होने के कारण ये सड़क टूटकर जान लेवा भी बन गई है.

पेश है रिपोर्ट

अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
सबसे दुखद बात ये है कि मधेपुरा-सहरसा की लाइफ लाईन कही जाने वाली इस सड़क से चौबीसों घंटे सभी उच्च अधिकारी, मंत्री, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि आते जाते हैं, लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही और लूट खसोट के बावजूद इस पर किसी की नजर नहीं पड़ी. वहीं जब इस बारे में ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने मधेपुरा के डीडीसी से बात की तो अधिकारी ने जांच कर ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.

Last Updated : May 16, 2020, 9:05 PM IST
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