मधेपुरा: ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए नीतीश सरकार की तरफ से नल जल योजना की शुरुआत की गई. जिसके अंतर्गत जिले में साल 2016 में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की कवायद शुरू की गई. हालांकि सुखासन के वार्ड संख्या 7 के लोगों को अबतक शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है.
शुद्ध पेयजल को तरस रहे हैं लोग
दरअसल, साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निश्चय यात्रा के दौरान मधेपुरा पहुंचे थे. जहां उन्होंने सुखासन वार्ड संख्या 7 महादलित टोला में सात निश्चय योजना की शुरुआत की थी. योजना की शुरुआत होने के साथ ही लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. पक्की सड़क, बिजली, शौचालय और शुद्ध जल का सपना पूरा होने की खबर से सभी खुश थे. लेकिन वर्तमान में यहां के लोग शुद्ध पेयजल को तरस रहे हैं.
कार्रवाई का दिया आदेश- डीएम
लोग जो नल पानी के लिए लगाए गए थे. वे सब अब सूखे पड़े हुए हैं. लोग पानी के लिए चापाकल का प्रयोग कर रहे हैं. हालांकि, लोगों का कहना है कि चापाकल का पानी पीने योग्य नहीं है. वहीं, स्थानीय हिरिया देवी ने कहा कि प्रशासन ने उसकी जमीन पर शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए मशीन लगाई थी, जिसका मुआवजा उसे भी अब तक नहीं मिला है. जिला मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर बसा सुखासन पंचायत सरकारी उदासीनता का शिकार बना हुआ है. वहीं, जिलाधिकारी ने पीएचडी के अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही जल योजना को जल्द से जल्द शुरू करने की बात कही है.