मधेपुरा: जिले में रविवार को वित्तरहित शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के नेताओं ने एक बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. संघ के नेताओं ने कहा कि जब से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने तब से लेकर आज तक वित्त रहित कर्मियों को ठगने का काम किया है. इसके ही कारण आज मह वित्त रहित कर्मी न घर के हैं न घाट के. भूखे पेट जीवन काटने को मजबूर हैं.
सरकार ने किया है घोर अन्याय
नेताओं ने कहा कि काफी मश्क्कत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनुदान देने की घोषणा की थी. कुछ दिन जरूर मिला, लेकिन बाद में अनुदान की राशि यूनिवर्सिटी से वापस कर लिया, जो अन्याय नहीं घोर अन्याय है. इतना ही नहीं, सब दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया गया कि अनुदान के बजाय वेतन देने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन आज तक ठगने के बजाय कुछ नहीं किया.
बदलेगी सरकार तभी मिलेगा न्याय
बैठक में शिक्षक संघ के नेताओं ने राज्यस्तर पर निर्णय लिया है कि वित्त रहित शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों द्वारा संपूर्ण बिहार में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध किया जाए, ताकि दोबारा बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बन सकें. संघ के नेताओं ने कहा कि अब जब सरकार बदलेगी तब जाकर ही न्याय मिलेगा.