मधेपुरा: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर मधेपुरा के समर्थकों में खुशियां (Happiness on Release of Anand Mohan) है. इन समर्थकों का कहना है कि इस तरह से सम्मानजनक रिहाई से जिला फ्रेंड्स ऑफ आनंद के सक्रिय नेताओं में काफी उत्साह है. इस अवसर पर बाहुबली आनंद मोहन के समर्थकों ने पूर्वी बाईपास रोड दूरभाष केंद्र के निकट बजरंगबली मंदिर में पूजा पाठ किया, साथ ही कार्यकर्ताओं ने लड्डू का प्रसाद भी चढ़ा कर मौजूद लोगों के बीच बांटकर खुशियां भी मनाई.
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आनंद मोहन की रिहाई के बाद खुशी का माहौल: जयपालपट्टी चौक पर आनंद मोहन के समर्थन में फ्रेंड्स ऑफ आनंद के मधेपुरा संयोजक और पूर्व पार्षद ध्यानी यादव ने इस कार्यक्रम का अध्यक्षता किया. सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर आतिशबाजी भी की. नेताओं ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी फ्रेंडस ऑफ आनंद के समर्थकों ने वर्षो से आनंद मोहन की रिहाई के इंतजार में थे.
इंतजार की घड़ी समाप्त: आज जाकर हम सभी लोगों का इंतजार की घड़ी समाप्त हुई. हम सभी लोग पूर्व सांसद के संकट के समय में हमेशा साथ रहे. आज उसी का परिणाम है कि 14 वर्षो से अधिक समय भी जेल की काल कोठरी में रहने के बावजूद आनंद मोहन का आमलोगों के बीच प्रभुत्व और प्यार कम नहीं हुआ है.
कई काव्य और पुस्तकें भी लिखी: उन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने जेल में बंद रहते हुए कई काव्य, कविता और पुस्तकें भी लिखी. जिसमें 'दशरथ मांझी' (द माउंटेन मैन) को आज सीबीएसई पाठ्यक्रम में भी पढ़ाया जाता है. जो अपने आप मे गौरव की बात है. इतना ही नहीं वे जेल में रहते हुए भी उर्दू विषय से एम.ए की परीक्षा उत्तीर्ण किये.
कई गरीबों की पूर्व सांसद ने की मदद: इस अवसर पर सत्यनारायण सिंह उर्फ बाबा जी सिंह ने कहा कि हमलोग हमेशा से ही धैर्य रखकर माननीय न्यायालय के निर्देश का सम्मान करते आये हैं. आज उसी का परिणाम है कि हम सबों के चहेते नेता आज जेल से बाहर आ गए हैं. युवाध्यक्ष अमित कुमार उर्फ मोनी सिंह ने कहा कि पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल में रहते हुए भी गरीब, दलित-महादलित और शोषितों की खातिर हमेशा लड़ने और मदद करने का कार्य करते रहे हैं. कभी भी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किये. इस अवसर पर कई लोगों की मौजूदगी भी रही.