मधेपुरा: जिले कि हर योजना में भ्रष्टाचार चरम पर रहता है, ऐसा लगता है मानों लूट की छूट दे दी गयी है. ताजा मामला जिले के पुरैनी प्रखंड से सामने आया है. यहां 50 लाख रुपये की लागत से बना ई-किसान भवन सह प्रखंड कृषि कार्यालय पीछले 5 साल से बनकर तैयार नहीं हो सका है. जिसके चलते किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
5 साल बाद भी बनकर नहीं तैयार हुआ किसान भवन
गौरतलब है कि किसानों के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रखंड स्तर पर किसान भवन सह प्रखंड कृषि कार्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया था. इसी निर्णय के आलोक में मधेपुरा जिले के सभी 13 प्रखंडों में किसान भवन का निर्माण 50-50 लाख रुपये की लागत से प्रारंभ किया गया था, जिसमें से 12 प्रखंड में भवन बनकर तैयार भी हो गया है, लेकिन मात्र 1 प्रखंड पुरैनी में पांच साल गुजर जाने के बाद भी अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है और ठेकेदार राशि की निकासी कर फरार हो गया है. जिसके कारण किसान भवन आधी-अधूरी अवस्था में खड़ा है.
किसान भवन से किसानों को मिलनी थी कई सुविधाएं
इसको लेकर किसानों ने कई बार जिला कृषि पदाधिकारी से मिलकर भवन निर्माण कार्य पूरा कराने की मांग भी की है. दरअसल, सरकार की मंशा थी कि हर प्रखंड में ई-किसान भवन बन जाने से किसानों को हर सुविधा मिलेगी. इसी भवन में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, किसान गोष्ठी होगी. इसके अलावा किसान को कई तरह की अन्य सुविधा भी मिलेगी, लेकिन पुरैनी प्रखंड का यह भवन 5 साल बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है. जबकि, इस भवन को 2014-15 में ही बन कर तैयार होना था.
जिला कृषि पदाधिकारी ने दी जानकारी
वहीं, इस मामले को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने कहा कि ई-किसान भवन निर्माण की जिम्मेदारी जिला परिषद् के जिला अभियंता को दी गयी थी. उन्होंने बताया कि लगभग सभी प्रखंडों में भवन का निर्माण करा दिया गया है, लेकिन पुरैनी में आज तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. इसके लिए जिला परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी और अभियंता को लिखित शिकायत भी भेजी गयी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही निर्माण कार्य पूरा करवाया जाएगा.