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मधेपुराः पानी के अभाव में बर्बाद हो रही जूट की फसल, किसान बोले- जलावन के काम में आएगी - bihar news

इस बार बारिश नहीं होने के कारण पूरे जिले में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. पटसन की सर्वाधिक खेती करने वाले किसान डबल इंजन की सरकार से काफी नाराज हैं.

खेत में किसान
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Published : Aug 17, 2019, 7:49 AM IST

मधेपुराः जिले में बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. किसानों का एटीएम कहे जाने वाली पटसन फसल पानी के अभाव में यूं ही खेतों में सुख रही है. जिसके कारण किसान काफी परेशान और आक्रोशित हैं. किसानों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जिससे आज हम लोग अपनी फसल को देखकर काफी दुखी हैं. क्या करें क्या ना करें समझ में नहीं आता.

Jute crop
जूट की फसल

पानी के लिए मचा हाहाकार
दरअसल मधेपुरा में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बारिश नहीं होने के कारण किसानों का खेत में तैयार पटसन सूखकर बर्बाद हो रहा है. हताश व विवश किसान अब पटसन को सड़क के किनारे लावारिस हालत में छोड़ कर भगवान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. बता दें कि मधेपुरा जिले में पटसन यानी पाट की खेती काफी मात्रा में होती है. किसान पटसन की खेती को एटीएम भी कहते हैं. क्योंकि जब चाहे तो बेचकर घर का कार्य करने में आसानी होती है.

Jute crop
सूखी फसल

पटसन से होती है अच्छी आमदनी
इस खेती से किसानों को अच्छी आमदनी भी हो जाती है. लेकिन इस बार पटसन की खेती किसान के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. अगस्त माह को बारिश का माह माना जाता है. इसलिए पटसन फसल की कटाई भी इसी में माह में होती है. क्योंकि पटसन को तैयार करने में पानी की ज्यादा जरूरत होती है. लेकिन पानी मिल नहीं पा रहा है.

परेशान किसान और सूखी पड़ी फसल

'जलावन के काम आएगा पटसन'
सबसे उल्लेखनीय बात तो यह है कि इस बार बारिश नहीं होने के कारण पूरे जिले में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. पटसन की सर्वाधिक खेती करने वाले किसान तेजनारायण प्रसाद, सुनील कुमार और मनोज कुमार ने बताया कि जब तक काफी मात्रा में एक जगह पानी नहीं जमा होगा तब तक पटसन को तैयार करना आसान नहीं है. अगर बारिश नहीं हुई तो पटसन को खेत में जलाने और जलावन में उपयोग के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

मधेपुराः जिले में बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. किसानों का एटीएम कहे जाने वाली पटसन फसल पानी के अभाव में यूं ही खेतों में सुख रही है. जिसके कारण किसान काफी परेशान और आक्रोशित हैं. किसानों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जिससे आज हम लोग अपनी फसल को देखकर काफी दुखी हैं. क्या करें क्या ना करें समझ में नहीं आता.

Jute crop
जूट की फसल

पानी के लिए मचा हाहाकार
दरअसल मधेपुरा में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बारिश नहीं होने के कारण किसानों का खेत में तैयार पटसन सूखकर बर्बाद हो रहा है. हताश व विवश किसान अब पटसन को सड़क के किनारे लावारिस हालत में छोड़ कर भगवान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. बता दें कि मधेपुरा जिले में पटसन यानी पाट की खेती काफी मात्रा में होती है. किसान पटसन की खेती को एटीएम भी कहते हैं. क्योंकि जब चाहे तो बेचकर घर का कार्य करने में आसानी होती है.

Jute crop
सूखी फसल

पटसन से होती है अच्छी आमदनी
इस खेती से किसानों को अच्छी आमदनी भी हो जाती है. लेकिन इस बार पटसन की खेती किसान के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. अगस्त माह को बारिश का माह माना जाता है. इसलिए पटसन फसल की कटाई भी इसी में माह में होती है. क्योंकि पटसन को तैयार करने में पानी की ज्यादा जरूरत होती है. लेकिन पानी मिल नहीं पा रहा है.

परेशान किसान और सूखी पड़ी फसल

'जलावन के काम आएगा पटसन'
सबसे उल्लेखनीय बात तो यह है कि इस बार बारिश नहीं होने के कारण पूरे जिले में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. पटसन की सर्वाधिक खेती करने वाले किसान तेजनारायण प्रसाद, सुनील कुमार और मनोज कुमार ने बताया कि जब तक काफी मात्रा में एक जगह पानी नहीं जमा होगा तब तक पटसन को तैयार करना आसान नहीं है. अगर बारिश नहीं हुई तो पटसन को खेत में जलाने और जलावन में उपयोग के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

Intro:मधेपुरा में बारिश नहीं होने के कारण,सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।किसानों का एटीएम कहे जाने बाला पटसन फसल पानी के अभाव में यूं ही खेतों में सुख रहा है।जिसके कारण किसान काफी परेशान है।


Body:मधेपुरा में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है,बारिश नहीं होने के कारण किसानों का खेत में तैयार पटसन सूखकर बर्बाद हो रहा है।हताश व वेवश किसान अब पटसन को सड़क के किनारे लावारिस हालत में छोड़ कर भगवान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं।बता दें कि मधेपुरा ज़िले में पटसन यानी पाट की खेती काफी मात्रा में होती है।किसान पटसन की खेती को एटीएम भी कहते हैं, क्योंकि जब चाहे तो बेचकर घर का कार्य करने में आसानी होती है ।इस खेती से किसानों को अच्छी आमदनी भी हो जाती है।लेकिन इसबार पटसन की खेती किसान के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है।अगस्त माह को बारिश का माह माना जाता है। इसलिए पटसन फसल की कटाई भी इसी में माह में होती है, क्योंकि पटसन को तैयार करने में पानी की आवश्यकता होती है।सबसे उल्लेखनीय बात तो यह है कि इस बार बारिश नहीं होने के कारण संपूर्ण ज़िले में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है।पटसन की सर्वाधिक खेती करने बाले किसान तेजनारायण प्रसाद,सुनील कुमार,मनोज कुमार ने बताया कि जब तक काफी मात्रा में एक जगह पानी नहीं जमा होगा तब तक पटसन को तैयार करना आसान नहीं है।अगर बारिश नहीं हुई तो पटसन को खेत में जलाने व जलावन में उपयोग के शिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं है।बाइट--1---तेजनारायण ---प्रसाद---पीड़ित किसान।बाइट---2---मनोज कुमार--पीड़ित किसान।बाइट----3----सुनील कुमार----पीड़ित किसान।


Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण ।
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