मधेपुराः जिले में बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. किसानों का एटीएम कहे जाने वाली पटसन फसल पानी के अभाव में यूं ही खेतों में सुख रही है. जिसके कारण किसान काफी परेशान और आक्रोशित हैं. किसानों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जिससे आज हम लोग अपनी फसल को देखकर काफी दुखी हैं. क्या करें क्या ना करें समझ में नहीं आता.
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पानी के लिए मचा हाहाकार
दरअसल मधेपुरा में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बारिश नहीं होने के कारण किसानों का खेत में तैयार पटसन सूखकर बर्बाद हो रहा है. हताश व विवश किसान अब पटसन को सड़क के किनारे लावारिस हालत में छोड़ कर भगवान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. बता दें कि मधेपुरा जिले में पटसन यानी पाट की खेती काफी मात्रा में होती है. किसान पटसन की खेती को एटीएम भी कहते हैं. क्योंकि जब चाहे तो बेचकर घर का कार्य करने में आसानी होती है.
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पटसन से होती है अच्छी आमदनी
इस खेती से किसानों को अच्छी आमदनी भी हो जाती है. लेकिन इस बार पटसन की खेती किसान के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. अगस्त माह को बारिश का माह माना जाता है. इसलिए पटसन फसल की कटाई भी इसी में माह में होती है. क्योंकि पटसन को तैयार करने में पानी की ज्यादा जरूरत होती है. लेकिन पानी मिल नहीं पा रहा है.
'जलावन के काम आएगा पटसन'
सबसे उल्लेखनीय बात तो यह है कि इस बार बारिश नहीं होने के कारण पूरे जिले में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. पटसन की सर्वाधिक खेती करने वाले किसान तेजनारायण प्रसाद, सुनील कुमार और मनोज कुमार ने बताया कि जब तक काफी मात्रा में एक जगह पानी नहीं जमा होगा तब तक पटसन को तैयार करना आसान नहीं है. अगर बारिश नहीं हुई तो पटसन को खेत में जलाने और जलावन में उपयोग के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.