ETV Bharat / state

मधेपुरा: किसानों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- तय राशि से ज्यादा वसूला जा रहा है लगान - डीएम नवदीप शुक्ला

स्थानीय किसानों का कहना है कि मधेपुरा में किसान परेशान हैं. बरसात के मौसम में बाढ़ आती है और सूखे में सुखाड़ हो जाता है. जिसके कारण किसानों की स्थिति दयनीय बनी रहती है.

स्थानीय किसानों ने लगाया आरोप
स्थानीय किसानों ने लगाया आरोप
author img

By

Published : Dec 8, 2019, 9:07 PM IST

मधेपुरा: कोसी प्रमंडल के मधेपुरा जिले में किसानों का दुख कम होने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर जहां इस इलाके में बाढ़ और सुखाड़ का सबसे ज्यादा कहर रहता है. वहीं, सरकार की ओर से राजस्व वसूली का टारगेट दिए जाने के बाद जिला प्रशासन किसानों पर बोझ बढ़ा रहा है. जिले में किसानों से चार गुना लगान वसूला जा रहा है.

किसानों में जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ गुस्सा है. बता दें कि पहले लगान के रूप में किसानों को 7 एकड़ जमीन का मात्र 477 रुपये प्रति वर्ष लगता था. लेकिन, इस साल से 1 एकड़ जमीन के लिए 477 रुपये देने होंगे. जिला प्रशासन किसानों से 7 एकड़ के 3339 रुपये वसूल रहा है. इसके खिलाफ किसानों ने जांच की मांग की है.

madhepura
किसानों की बढ़ी परेशानी

क्या कहते हैं स्थानीय किसान?
स्थानीय किसानों का कहना है कि मधेपुरा में पहले ही किसान परेशान हैं. बरसात के मौसम में बाढ़ आती है और सूखे में सुखाड़ हो जाता है. जिसके कारण किसानों की स्थिति दयनीय बनी रहती है. जो किसान सिर्फ खेती पर आश्रित हैं, वे दाने-दाने को मोहताज रहते हैं. हाल ऐसा होता है कि उपजाऊ जमीन रहने के बावजूद उन्हें परिवार चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ती है. ऐसे में जिला प्रशासन का फरमान उनकी मुसीबतें बढ़ा रहा है.

स्थानीय किसानों ने लगाया आरोप

डीएम ने जारी किया फरमान
बता दें कि चार गुना अधिक लगान के फरमान पर मधेपुरा के डीएम नवदीप शुक्ला कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं. जबकि किसानों का साफ कहना है कि डीएम ही इसके लिए दोषी हैं. डीएम नवदीप शुक्ला ने अनौपचारिक तरीके से बस इतना ही कहा कि सरकार के निर्देश पर लगान बढ़ाया गया है. जिले के गुस्साए किसानों ने मामले की जांच की मांग की है.

मधेपुरा: कोसी प्रमंडल के मधेपुरा जिले में किसानों का दुख कम होने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर जहां इस इलाके में बाढ़ और सुखाड़ का सबसे ज्यादा कहर रहता है. वहीं, सरकार की ओर से राजस्व वसूली का टारगेट दिए जाने के बाद जिला प्रशासन किसानों पर बोझ बढ़ा रहा है. जिले में किसानों से चार गुना लगान वसूला जा रहा है.

किसानों में जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ गुस्सा है. बता दें कि पहले लगान के रूप में किसानों को 7 एकड़ जमीन का मात्र 477 रुपये प्रति वर्ष लगता था. लेकिन, इस साल से 1 एकड़ जमीन के लिए 477 रुपये देने होंगे. जिला प्रशासन किसानों से 7 एकड़ के 3339 रुपये वसूल रहा है. इसके खिलाफ किसानों ने जांच की मांग की है.

madhepura
किसानों की बढ़ी परेशानी

क्या कहते हैं स्थानीय किसान?
स्थानीय किसानों का कहना है कि मधेपुरा में पहले ही किसान परेशान हैं. बरसात के मौसम में बाढ़ आती है और सूखे में सुखाड़ हो जाता है. जिसके कारण किसानों की स्थिति दयनीय बनी रहती है. जो किसान सिर्फ खेती पर आश्रित हैं, वे दाने-दाने को मोहताज रहते हैं. हाल ऐसा होता है कि उपजाऊ जमीन रहने के बावजूद उन्हें परिवार चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ती है. ऐसे में जिला प्रशासन का फरमान उनकी मुसीबतें बढ़ा रहा है.

स्थानीय किसानों ने लगाया आरोप

डीएम ने जारी किया फरमान
बता दें कि चार गुना अधिक लगान के फरमान पर मधेपुरा के डीएम नवदीप शुक्ला कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं. जबकि किसानों का साफ कहना है कि डीएम ही इसके लिए दोषी हैं. डीएम नवदीप शुक्ला ने अनौपचारिक तरीके से बस इतना ही कहा कि सरकार के निर्देश पर लगान बढ़ाया गया है. जिले के गुस्साए किसानों ने मामले की जांच की मांग की है.

Intro:मधेपुरा में चार गुणा अधिक लगान बढ़ाये जाने के कारण,किसानों में सरकार व जिला प्रशासन के प्रति जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।


Body:कोसी प्रमंडल के सर्वाधिक बाढ़ और सुखाड़ प्रभावित मधेपुरा ज़िले के किसान जहां प्राकृतिक आपदाओं के चंगुल से उबर नहीं पा रहा है, वहीं सरकार द्वारा लगान की राशि चार गुणा अधिक बढ़ा दिये जाने के कारण किसानों में सरकार व जिला प्रशासन के प्रति भाड़ी आक्रोशित व्याप्त है।बता दें कि पहले लगान के रूप में किसानों को सात एकड़ जमीन का मात्र 477 रुपये प्रति वर्ष लगता था।लेकिन इस वर्ष से अचानक किसान को बिहार सरकार के आदेशानुसार मधेपुरा के डीएम ने चार गुणा अधिक यानी अब 3339 रुपये लगान के रूप में देना पड़ेगा।पहले सात एकड़ का 477 रुपये लगान लगता था, अब एक एकड़ का 477 रुपये प्रति वर्ष किसान को लगान लगेगा। मधेपुरा बिहार का पहला जिला है जहां हर वर्ष बरसात के मौसम में बाढ़ आता है और सूखे के मौसम में सुखाड़ हो जाता है।जिसके कारण किसानों की स्थिति दयनीय बनी रहती है,जो किसान सिर्फ खेती पर आश्रित हैं, वे दाने दाने को मुहताज रहते हैं।इतना ही नहीं उपजाऊ जमीन रहने के बाद भी उन्हें परिवार चलाने के लिए मजदूरी करने दूसरे प्रदेश जाना पड़ता है।लेकिन सरकार व जिला प्रशासन की बेरुखी फरमान ने किसान की होश उड़ाकर रख दिया है।उल्लेखनीय बात तो यह है कि चार गुणा अधिक लगान के फरमान पर मधेपुरा के डीएम नवदीप शुक्ला कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए।उन्होंने अनोपचारिक रूप से बस इतना ही कहा कि सरकार के निर्देश पर लगान बढ़ाया गया है।इस बाबत आक्रोशित किसानों ने इसके लिए डीएम मधेपुरा को जिम्मेदार मानते हुए जांचकर उचित कार्रवाई की मांग सरकार से की है ।बाइट--1----सुनील कुमार-स्थानीय किसान।बाइट---2----प्रो0सूरज यादव---स्थानीय किसान सह प्राध्यापक



Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.