मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा में पुलिस लाइन के निर्माण (Construction of Police Line in Madhepura) के लिए चिन्हित की गई 23 एकड़ भूमि का एसपी राजेश कुमार ने निरीक्षण किया. मधेपुरा में अभी तक पुलिस लाइन का निर्माण नहीं हुआ है. कभी छात्रावास तो कभी गोदाम में मधेपुरा के पुलिस बल जैसे-तैसे रहने को मजबूर हैं.
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मधेपुरा जिले का निर्माण 9 मई 1981 को हुआ था. लेकिन, आज तक यहां पुलिस लाइन का निर्माण नहीं हुआ है. फिलहाल, कई दशक से मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर स्थित बाजार समिति के जर्जर गोदाम में पुलिसकर्मी रह रहे हैं. यहां भी पुलिसकर्मी अपने चौकी के ऊपर प्लास्टिक टांग कर रह रहे हैं. क्योंकि, जब बारिश होती है तो फूटे छत से पानी टपक कर सीधा उनके ऊपर गिरता है. गोदाम के आसपास के जंगल से सांप-बिच्छू का डर रहता है वो अलग. यहां रहना भी पुलिसकर्मियों के लिए कम चुनौती भरा नहीं है.
मधेपुरा में पुलिस लाइन निर्माण का काम 80 के दशक से चल रहा है. भू-दाता किसान बताते हैं कि 1986 -87 में ही मधेपुरा के वार्ड नंबर 4 में जमीन को चिन्हित किया गया. 1994-95 में नोटिफिकेशन भी किया गया. लेकिन, मुआवजा वितरण का काम लटका रहा. 2014-15 में मुआवजा देने की शुरुआत भी हुई. लेकिन, दर पुराना और काफी कम था जिसके बाद कुछ भूस्वामी न्यायालय के शरण में भी गए. मामला फिर लटक गया. भूस्वामी भी चाह रहे हैं कि सरकार जल्द से जल्द भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरा कर निर्माण कार्य को आगे बढाए.
'जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी लाने की भी बात कही है. सरकार द्वारा राशि प्राप्त हो चुकी है. जल्द ही अधिक्रहण का काम पूरा कर लिया जाएगा.' - राजेश कुमार, एसपी
मधेपुरा में पुलिस लाइन नहीं होने से पुलिसकर्मी नारकीय स्थिति में रहने को मजबूर हैं. बीते 4 दशकों में कई बार ऐसा हुआ कि लोगों को लगा अब पुलिसकर्मियों को इस नारकीय जीवन से मुक्ति मिलेगी लेकिन कुछ अब तक ऐसा नहीं हुआ. अब देखना यह है कि वर्तमान में पुलिस लाइन निर्माण को लेकर जो तेजी दिख रही है वो कब तक रहती है.
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