लखीसराय: मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर बहुत बड़ा कदम उठाया है. जम्मू-कश्मीर अब राज्य नहीं बल्कि केंद्र शासित प्रदेश बन गया. वहीं, लद्दाख को भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35ए हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया है. इस पर बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने मोदी सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया है. उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि जदयू हमेशा अपने स्टेंड पर कायम रहेगी.
'जदयू नहीं करेगा समझौता'
समाज कल्याण विभाग के मंत्री रामसेवक सिंह ने बैठक के दौरान कहा कि जदयू भारत सरकार के साथ कश्मीर मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करने जा रहा है. कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटने का जदयू विरोध करेगा. क्योंकि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत पार्टी इन मामले पर किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगी.
जम्मू-कश्मीर बना केद्र शासित प्रदेश
बताते चलें की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया है. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर अन्य सभी खंड लागू नहीं होंगे. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन का भी फैसला किया गया है. केंद्र सरकार के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर अब राज्य नहीं बल्कि केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. वहीं, लद्दाख को भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के कारण ये होंगे बदलाव:
- जम्मू-कश्मीर में पहले अलग झंडा था, लेकिन अब तिरंगा ही होगा
- देश के हर राज्य की तरह जम्मू-कश्मीर में लागू होगा कानून
- राज्यपाल शासन की जगह लागू होगा राष्ट्रपति शासन
- अब यहां लागू होगी IPC की धारा 356
- दोहरी नागरिकता खत्म
- कश्मीर और लद्दाख अब होंगे केंद्र शासित प्रदेश
- केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की होगी अपनी विधानसभा
- कश्मीर का कोई संविधान नहीं रहेगा, देश का कानून लागू होगा
- RTI कानून कश्मीर में भी चलेगा
- बाहरी राज्य के लोगों को भी यहां नौकरी मिल सकेगी
- वित्तीय आपातकाल भी लग सकेंगे
- जम्मू-कश्मीर की महिलाओं से भेदभाव खत्म होगा