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लखीसराय में नगर परिषद की मनमानी के खिलाफ सफाई मजदूरों की हड़ताल, शहर में लगा कचरे का अंबार - लखीसराय में सफाईकर्मियों की हड़ताल

लखीसराय नगर परिषद (Lakhisarai Municipal Council) की मनमानी को लेकर सफाईकर्मियों का धरना प्रदर्शन दे रहे हैं. दो भागों में बांटे गए सरकारी और गैर सरकारी सफाईकर्मियों के बीच मजदूरी दर के कारण 27 गैर सरकारी सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं.

लखीसराय में सफाई मजदूरों की हड़ताल
लखीसराय में सफाई मजदूरों की हड़ताल
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Published : Nov 29, 2021, 11:04 PM IST

लखीसराय: बिहार के लखीसराय में नगर परिषद की मनमानी (Arbitrariness of Municipal Council in Lakhisarai) को लेकर हर साल मजदूरों के वेतन भुगतान को लेकर और मजदूरी बढ़ाने को लेकर लखीसराय में सफाईकर्मियों की हड़ताल (Sanitation workers strike in Lakhisarai) का मामला सामने आता रहता है. जानकारी के अनुसार नगर परिषद में दो भागों में सफाई मजदूरों को बांटा गया है. जिसमें गैर सरकारी मजदूर और सरकारी मजदूर के अलग-अलग दो डेली बेसिस मजदूरी दर को निर्धारित किया गया है, जिसको लेकर विवाद खड़ा होता रहा है.

ये भी पढ़ें- नवादा: सफाई कर्मियों ने मुकदमा को बताया फर्जी, फूंका चेयरमैन का पुतला

गैर सरकारी मजदूर की बात करें तो हर दिन मजदूरी न्यूनतम 270 रुपए दी जाती है, जबकि सरकारी मजदूरों को 350 रुपये की मजदूरी दी जाती है. हर मजदूर नगर के तमाम वार्डो में और सड़कों पर अलग-अलग मजदूरी कर नगर की सफाई करते हैं, जिसमें खासकर गैर सरकारी की बात करें तो लगभग 300 मजदूर काम कर रहे हैं और सरकारी सफाई कर्मी नगर परिषद में मजदूर 350 है. इसके बाद अलग-अलग सफाई कर्मी को लगाया गया है.

देखें रिपोर्ट

गैर सरकारी मजदूरों की मांग यह है कि सरकारी मजदूरों को 350 रुपए का भुगतान हर दिन किया जाता है और गैर सरकारी मजदूरों को 270 की मजदूरी दी जाती है. यही वजह है कि अपनी मजदूरी को बढ़ाने को लेकर कुल 27 गैर सरकारी सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, जो कि नगर के हर वार्डो में नाली की सफाई का काम करते हैं. अब इनके हड़ताल पर जाने के कारण नगर की सफाई दुर्लभ हो गई है. मजदूर नगर परिषद के कार्यालय पर धरना पर बैठे हुए हैं.

ये भी पढ़ें- सिवान: सफाई कर्मियों की हड़ताल से शहर में लगा कचरों का अंबार

इस संबंध में गैर सरकारी मजदूर के अध्यक्ष मिथुन मालिक ने बताया कि कुल 27 कर्मी प्राइवेट से काम कर रहे हैं. सरकारी मजदूरों को 350 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है और प्राइवेट मजदूरों को 270 रुपए का भुगतान किया जाता है, जबकि हर मजदूर हर सफाई कर्मी की तरह ही काम करते हैं. नगर परिषद के अधिकारी और अध्यक्ष को हर समय सरकारी मजदूरों की तरह वेतन का भुगतान दर बढ़ाने को लेकर धरने पर हम लोग बैठे हैं.

जबकि सफाई ठेकेदार मोती साव का कहना है कि मजदूरों की न्यूनतम राशि का भुगतान किया जाता रहा है, लेकिन हाल में ही मजदूरी दर को बढ़ाया गया और हर बार मांग करते रहे तो ऐसे में लोगों की मांग पूरी करना संभव नहीं होगी. नगर परिषद के द्वारा अलग-अलग सफाई कर्मी को लगाया गया, जिसमें जो कर्मी हड़ताल पर गए हैं, उनमें 27 लोग नाली साफ करने का काम करते हैं.

लगभग 300 एनजीओ के मजदूर हैं, जिनको अलग-अलग सफाई में लगाया गया है. ये रात्रि, सुबह, दोपहर और शाम में मजदूरी करते हैं और नगर की सफाई का कार्य होता है. गैर सरकारी को 293 रुपए का भुगतान किया जाता है और सरकारी को 350 का भुगतान होता है अब बिहार सरकार के आदेश पर जो आदेश हुआ है उस हिसाब से लोगों को भुगतान किया जाता है, लोग हड़ताल पर चले गए हैं अधिकारियों के आदेश पर ही कुछ कहा जा सकता है.

लखीसराय: बिहार के लखीसराय में नगर परिषद की मनमानी (Arbitrariness of Municipal Council in Lakhisarai) को लेकर हर साल मजदूरों के वेतन भुगतान को लेकर और मजदूरी बढ़ाने को लेकर लखीसराय में सफाईकर्मियों की हड़ताल (Sanitation workers strike in Lakhisarai) का मामला सामने आता रहता है. जानकारी के अनुसार नगर परिषद में दो भागों में सफाई मजदूरों को बांटा गया है. जिसमें गैर सरकारी मजदूर और सरकारी मजदूर के अलग-अलग दो डेली बेसिस मजदूरी दर को निर्धारित किया गया है, जिसको लेकर विवाद खड़ा होता रहा है.

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गैर सरकारी मजदूर की बात करें तो हर दिन मजदूरी न्यूनतम 270 रुपए दी जाती है, जबकि सरकारी मजदूरों को 350 रुपये की मजदूरी दी जाती है. हर मजदूर नगर के तमाम वार्डो में और सड़कों पर अलग-अलग मजदूरी कर नगर की सफाई करते हैं, जिसमें खासकर गैर सरकारी की बात करें तो लगभग 300 मजदूर काम कर रहे हैं और सरकारी सफाई कर्मी नगर परिषद में मजदूर 350 है. इसके बाद अलग-अलग सफाई कर्मी को लगाया गया है.

देखें रिपोर्ट

गैर सरकारी मजदूरों की मांग यह है कि सरकारी मजदूरों को 350 रुपए का भुगतान हर दिन किया जाता है और गैर सरकारी मजदूरों को 270 की मजदूरी दी जाती है. यही वजह है कि अपनी मजदूरी को बढ़ाने को लेकर कुल 27 गैर सरकारी सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, जो कि नगर के हर वार्डो में नाली की सफाई का काम करते हैं. अब इनके हड़ताल पर जाने के कारण नगर की सफाई दुर्लभ हो गई है. मजदूर नगर परिषद के कार्यालय पर धरना पर बैठे हुए हैं.

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इस संबंध में गैर सरकारी मजदूर के अध्यक्ष मिथुन मालिक ने बताया कि कुल 27 कर्मी प्राइवेट से काम कर रहे हैं. सरकारी मजदूरों को 350 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है और प्राइवेट मजदूरों को 270 रुपए का भुगतान किया जाता है, जबकि हर मजदूर हर सफाई कर्मी की तरह ही काम करते हैं. नगर परिषद के अधिकारी और अध्यक्ष को हर समय सरकारी मजदूरों की तरह वेतन का भुगतान दर बढ़ाने को लेकर धरने पर हम लोग बैठे हैं.

जबकि सफाई ठेकेदार मोती साव का कहना है कि मजदूरों की न्यूनतम राशि का भुगतान किया जाता रहा है, लेकिन हाल में ही मजदूरी दर को बढ़ाया गया और हर बार मांग करते रहे तो ऐसे में लोगों की मांग पूरी करना संभव नहीं होगी. नगर परिषद के द्वारा अलग-अलग सफाई कर्मी को लगाया गया, जिसमें जो कर्मी हड़ताल पर गए हैं, उनमें 27 लोग नाली साफ करने का काम करते हैं.

लगभग 300 एनजीओ के मजदूर हैं, जिनको अलग-अलग सफाई में लगाया गया है. ये रात्रि, सुबह, दोपहर और शाम में मजदूरी करते हैं और नगर की सफाई का कार्य होता है. गैर सरकारी को 293 रुपए का भुगतान किया जाता है और सरकारी को 350 का भुगतान होता है अब बिहार सरकार के आदेश पर जो आदेश हुआ है उस हिसाब से लोगों को भुगतान किया जाता है, लोग हड़ताल पर चले गए हैं अधिकारियों के आदेश पर ही कुछ कहा जा सकता है.

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