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लखीसराय: अशोक धाम में हर साल लगता है भक्तों का तांता, मंदिर ट्रस्ट की ओर से साफ-सफाई नदारद

अशोक धाम में हर साल सावन माह में लाखों भक्त पूजा-अर्चना करने आते हैं. लेकिन मंदिर ट्रस्ट की ओर से सफाई की कोई व्यवस्थी नहीं की गई है. मंदिर परिसर में दो कुआं है जो काफी गंदा हो चुका है. भक्तों को स्नान करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

अशोक धाम
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Published : Aug 5, 2019, 12:42 PM IST

लखीसराय: अशोक धाम में तीसरी सोमवारी पर भी भक्तों की लंबी कतार लगी है. शिव भक्तों का आना-जाना जारी है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया. बता दें कि अशोक धाम मंदिर को इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

बिहार के लखीसराय जिले के नगर पालिका स्थित रजओना चौकी के वार्ड नंबर 1 में यह मंदिर स्थित है. ये बिहार के देवघर के नाम से भी प्रसिद्ध है. बता दें कि 7 अप्रैल 1977 को अशोक यादव नाम के एक बच्चे ने खेल-खेल में जमीन के नीचे से विशाल शिवलिंग की खोज की थी. तब से लेकर आजतक हर साल सावन माह में लाखों भक्त पूजा-अर्चना करने यहां आते हैं.

lakhisarai
तीसरी सोमवारी पर भक्तों की लगी लंबी कतार

मंदिर के पुजारी के लिए कोई व्यवस्था नहीं
मंदिर के पुजारी अशोक यादव ने बताया कि इस शिवलिंग की खोज मैंने की थी. उसके बाद भी मंदिर के ट्रस्ट द्वारा दरकिनार किया जा रहा है. ट्रस्ट नेअपने लिए बड़े-बड़े भवन और कार्यालय खोल रखा है. इस शिवलिंग की खोज करने वाले अशोक पर किसी का कोई ध्यान नहीं है. इनके लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

पेश है रिपोर्ट

कुआं गंदा होने से भक्तों को होती है परेशानी
मंदिर की देखभाल और साफ सफाई का व्यापक व्यवस्था इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. लेकिन इस बार ट्रस्ट के सदस्यों ने मंदिर के साफ-सफाई पर कम ध्यान दिया है. स्थानीय शिव भक्तों के लिए स्नान करने के लिए शिवगंगा नहीं बनाई गई है. मंदिर परिसर में दो कुआं है जो काफी गंदा हो चुका है. भक्तों को स्नान करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

लखीसराय: अशोक धाम में तीसरी सोमवारी पर भी भक्तों की लंबी कतार लगी है. शिव भक्तों का आना-जाना जारी है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया. बता दें कि अशोक धाम मंदिर को इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

बिहार के लखीसराय जिले के नगर पालिका स्थित रजओना चौकी के वार्ड नंबर 1 में यह मंदिर स्थित है. ये बिहार के देवघर के नाम से भी प्रसिद्ध है. बता दें कि 7 अप्रैल 1977 को अशोक यादव नाम के एक बच्चे ने खेल-खेल में जमीन के नीचे से विशाल शिवलिंग की खोज की थी. तब से लेकर आजतक हर साल सावन माह में लाखों भक्त पूजा-अर्चना करने यहां आते हैं.

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तीसरी सोमवारी पर भक्तों की लगी लंबी कतार

मंदिर के पुजारी के लिए कोई व्यवस्था नहीं
मंदिर के पुजारी अशोक यादव ने बताया कि इस शिवलिंग की खोज मैंने की थी. उसके बाद भी मंदिर के ट्रस्ट द्वारा दरकिनार किया जा रहा है. ट्रस्ट नेअपने लिए बड़े-बड़े भवन और कार्यालय खोल रखा है. इस शिवलिंग की खोज करने वाले अशोक पर किसी का कोई ध्यान नहीं है. इनके लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

पेश है रिपोर्ट

कुआं गंदा होने से भक्तों को होती है परेशानी
मंदिर की देखभाल और साफ सफाई का व्यापक व्यवस्था इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. लेकिन इस बार ट्रस्ट के सदस्यों ने मंदिर के साफ-सफाई पर कम ध्यान दिया है. स्थानीय शिव भक्तों के लिए स्नान करने के लिए शिवगंगा नहीं बनाई गई है. मंदिर परिसर में दो कुआं है जो काफी गंदा हो चुका है. भक्तों को स्नान करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

Intro:अशोक धाम में तीसरी सोमवारी पर हजारों शिवभक्तों ने की पूजा अर्चना
--- अशोक धाम मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लगी है शिव भक्तों का आना-जाना जारी

-- सुबह से लगातार अब तक 20000 शिव भक्तों ने शिवलिंग पर किया जलाभिषेक


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अशोक धाम में तीसरी सोमवारी पर हजारों शिवभक्तों ने की पूजा अर्चना
--- अशोक धाम मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लगी है शिव भक्तों का आना-जाना जारी

-- सुबह से लगातार अब तक 20000 शिव भक्तों ने शिवलिंग पर किया जलाभिषेक

anchor-- अशोक धाम मंदिर से इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बिहार के लखीसराय जिले के नगर पालिका स्थित रजओना चौकी के वार्ड नंबर 1 में स्थित है। जो बिहार के देवघर के नाम से भी प्रसिद्ध है।

बताते चलें कि 7 अप्रैल 1977 ईस्वी को अशोक यादव नाम के एक लड़का ने जमीन के नीचे से विशालकाय शिवलिंगम की खोज की थी ।
परंपरागत गिल्ली डंडा के खेल - खेल के दौरान अशोक यादव ने इस शिवलिंगम की जमीन खोद- खोद कर किया और तब से अब तक लगातार सावन माह में लाखों भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना जारी है ।
11 फरवरी 1993 ईस्वी को जगन्नाथ पुरी के शंकराचार्य मंदिर परिसर में पुनर्निर्माण के लिए शिलान्यास किया । और तब से इस जगह पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। इसके लिए लखीसराय डीएम ने इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट बनाकर इसके मानद अध्यक्ष बनकर एक संचालन कमेटी बनाई गई। और तभी से लगातार लखीसराय पदस्थापित जिलाधिकारी मानद अध्यक्ष और अनुमंडल पदाधिकारी उपाध्यक्ष के रूप मे बने रहते हैं और शहर के कई जाने-माने लोग इस के सचिव, सदस्य पद पर सुशोभित हैं ।
मंदिर की देखभाल साफ सफाई का व्यापक व्यवस्था इंद्रदमनेश्वर
महादेव मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। लेकिन इस बार ट्रस्ट के सदस्यों ने मंदिर के साफ-सफाई पर थोड़ा कम ध्यान दिया है। स्थानीय शिव भक्तों के लिए स्नान करने के लिए शिवगंगा नहीं बन सकी है। दो कुआं है जो काफी गंदा हो चुका है कुएं में बेलपत्र और जलने वाला पात्र से भरा पड़ा है स्थानीय से भक्तों को स्नान करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है चापाकल के दौरान किसी तरह से इस मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।

V,O 1-- अशोक धाम के नाम से जाने जाने वाला अशोक जाधव ने बताया कि इस शिवलिंग की खोज मैंने की थी उसके बाद भी मंदिर के ट्रस्टी यों द्वारा दरकिनार किया जा रहा है ट्रस्टी अपने लिए बड़े-बड़े भवन और कार्यालय खोल रखे हैं इस शिवलिंग की खोज करने वाले अशोक पर किसी का कोई ध्यान नहीं है मंदिर प्रांगण एवं दो कुएं बेलपत्र और जल पात्र से भरा है काफी गंदा है ट्रस्टी द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है आम भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।

बाइट-- अशोक यादव - शिवलिंग की खोज करने वाला भक्त


Conclusion:मंदिर की देखभाल साफ सफाई का व्यापक व्यवस्था इंद्रदमनेश्वर
महादेव मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। लेकिन इस बार ट्रस्ट के सदस्यों ने मंदिर के साफ-सफाई पर थोड़ा कम ध्यान दिया है। स्थानीय शिव भक्तों के लिए स्नान करने के लिए शिवगंगा नहीं बन सकी है। दो कुआं है जो काफी गंदा हो चुका है कुएं में बेलपत्र और जलने वाला पात्र से भरा पड़ा है स्थानीय से भक्तों को स्नान करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है चापाकल के दौरान किसी तरह से इस मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।
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