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दिव्यांगों को ऑन स्पॉट सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए लगाया गया चलंत न्यायालय

दिव्यांगों को ऑन स्पॉट सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जिले में गुरुवार को चलंत न्यायालय अदालत लगाई गई. जहां उन्होंने सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ प्रमाण पत्र आदि भी मुहैया कराया गया.

चलंत न्यायालय
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Published : Feb 20, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Feb 20, 2020, 8:17 PM IST

लखीसराय: दिव्यांगों को हर सरकारी और कानूनी सुविधा का लाभ मिले इस मकसद से गुरुवार को जिले में अनोखी पहल देखने को मिली. दिव्यांगों की समस्याओं को प्राथमिकता से निराकरण हो इसके लिए चलंत न्यायालय लगाी गई. यह पहली बार है कि दिव्यांगों के लिए ऐसी अगल व्यवस्था की गई.

दरअसल, बिहार राज्य निःशक्तता आयोग के चेयरपर्सन डॉ. शिवाजी कुमार चार दिवसीय दौरे पर लखीसराय पहुंचे. जहां उनके नेतृत्व में चलंत न्यायालय लगाया गया. मौके पर उन्होंने कहा कि पहले सात प्रकार के दिव्यांगता होती थी जो अब 21 प्रकार की हो गई है. जानकारी के अभाव में ऐसे लोग योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

'दिव्यांगों का आत्मनिर्भर बनाना चाहती है सरकार'

आयुक्त डॉ. शिवाजी कुमार ने बताया कि दिव्यांग व्यक्ति को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए महीनों कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था. लेकिन, चलंत न्यायालय के माध्यम से अब 10 से 15 मिनट में दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दिव्यांगों के लिए मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन, स्वरोजगार ऋण संबल योजना सहित कई योजनाएं चल रही हैं. दिव्यांगों को रोजगार में 4% का आरक्षण भी दिया जा रहा है. सभी योजनाओं की जानकारी चलंत न्यायालय में दी जा रही है. सरकार का लक्ष्य है कि दिव्यांगजनों को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया जाए.

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद

बता दें कार्यक्रम में आयोग के राज्य आयुक्त डॉ. शिवाजी कुमार, डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी, सिविल सर्जन डॉ सुरेश शरण, उप समाहर्ता इबरार आलम, डीडीसी विनय कुमार मंडल, डीसीएलआर नीरज कुमार, पंचायती राज्य पदाधिकारी राजीव, डीसीओ सुनैना कुमारी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.

लखीसराय: दिव्यांगों को हर सरकारी और कानूनी सुविधा का लाभ मिले इस मकसद से गुरुवार को जिले में अनोखी पहल देखने को मिली. दिव्यांगों की समस्याओं को प्राथमिकता से निराकरण हो इसके लिए चलंत न्यायालय लगाी गई. यह पहली बार है कि दिव्यांगों के लिए ऐसी अगल व्यवस्था की गई.

दरअसल, बिहार राज्य निःशक्तता आयोग के चेयरपर्सन डॉ. शिवाजी कुमार चार दिवसीय दौरे पर लखीसराय पहुंचे. जहां उनके नेतृत्व में चलंत न्यायालय लगाया गया. मौके पर उन्होंने कहा कि पहले सात प्रकार के दिव्यांगता होती थी जो अब 21 प्रकार की हो गई है. जानकारी के अभाव में ऐसे लोग योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

'दिव्यांगों का आत्मनिर्भर बनाना चाहती है सरकार'

आयुक्त डॉ. शिवाजी कुमार ने बताया कि दिव्यांग व्यक्ति को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए महीनों कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था. लेकिन, चलंत न्यायालय के माध्यम से अब 10 से 15 मिनट में दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दिव्यांगों के लिए मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन, स्वरोजगार ऋण संबल योजना सहित कई योजनाएं चल रही हैं. दिव्यांगों को रोजगार में 4% का आरक्षण भी दिया जा रहा है. सभी योजनाओं की जानकारी चलंत न्यायालय में दी जा रही है. सरकार का लक्ष्य है कि दिव्यांगजनों को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया जाए.

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद

बता दें कार्यक्रम में आयोग के राज्य आयुक्त डॉ. शिवाजी कुमार, डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी, सिविल सर्जन डॉ सुरेश शरण, उप समाहर्ता इबरार आलम, डीडीसी विनय कुमार मंडल, डीसीएलआर नीरज कुमार, पंचायती राज्य पदाधिकारी राजीव, डीसीओ सुनैना कुमारी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.

Last Updated : Feb 20, 2020, 8:17 PM IST
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