लखीसराय: जिले के नया बाजार धर्मशाला में एआईएसएफ, एआईवाईएफ की ओर से संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. वहीं, जेएनयू लीडर अमृता पाठक ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि देश बहुत ही गंभीर परिस्थिति से गुजर रहा है. एक तरफ देश के तमाम शिक्षा संस्थानों पर हमले हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ लोकतंत्र खतरे में है. इस प्रेस वार्ता में ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के राज्य सचिव रोशन कुमार सिन्हा, एआईआईएफ के जिलाध्यक्ष रंजीत पासवान, एआईएसएफ के जिला संयोजक बादल गुप्ता, संतोष आर्य, हकीम पासवान और विनोद कुमार मौजूद रहे.
केंद्र सरकार पर साधा निशाना
जेएनयू लीडर अमृता पाठक ने कहा कि आज जेएनयू, जामिया मिलिया, एएमयू, बीएचयू सहित दर्जनों शिक्षा संस्थानों में महीनों से शिक्षा के अधिकारों को बचाने के लिए युवाओं को सड़कों पर उतरना पड़ा है. उन्होंने कहा कि रविवार को हर तरफ युवा दिवस मनाया जा रहा है. ऐसे में सबसे अधिक युवाओं वाले इस देश को सरकार की ओर से नफरत की आग में धकेला जा रहा है. देश में लगातार बेरोजगारी और महंगाई बढ़ती ही जा रही है. एनसीआरबी के आंकड़ों ने ये खुलासा किया है. हर 2 घंटे पर 3 बेरोजगार युवक आत्महत्या कर रहे हैं. जान बूझकर देश में खौफ का माहौल पैदा किया जा रहा है. जिससे लोग सरकार की ओर से बनाई गई गलत नीतियों का चुपचाप सहन कर सकें.
'जनता को बर्बाद करने में लगी है सरकार'
अमृता पाठक ने कहा कि अगर कोई सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहा है. तो उसे देशद्रोही बनाकर जेल में डालना आम बात हो गई है. इस तानाशाही रवैया की वजह से देशभर में विरोध की आवाज और भी तेज हो गई है. उन्होंने कहा कि हमारी चुनी हुई सरकार तानाशाही की तरफ बढ़ती जा रही है. सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है और जनता का ध्यान भटकाने के लिए एनआरसी और सीएए जैसे कानून को लेकर आई है. जेएनयू लीडर ने कहा कि कमाल की बात है कि जिस वोटर आईडी, आधार कार्ड से जनता ने सरकार को बनाया. वही आज हमारी नागरिकता का प्रमाण मांग रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र है. जनता की ओर से चुनी गई सरकार जनता के लिए होनी चाहिए, लेकिन आज सरकार जनता को बर्बाद करने में लगी है.