लखीसराय: बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने जिले में स्थित लाली पहाड़ी को बौद्ध सर्किट से जोड़कर लोगों को एक तोहफा दिया है, जिसके साथ बिहार के पर्यटन मानचित्र पर जिले ने अपनी जगह बना ली है.
पुरातत्व विभाग कर रहा है पहाड़ी की खुदाई
भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से लाली पहाड़ी की खुदाई के बाद वहां कुछ पुरातात्विक भग्नावशेष पाए गए हैं. जहां उन अवशेषों का गहन अध्ययन किया गया और फिर से उसकी खुदाई का फैसला लिया गया. लाली पहाड़ी की खुदाई के लिए बिहार विरासत विकास समिति ने भी हरी झंडी दिखा दी है. जिसके बाद से खुदाई का काम तेजी से किया जा रहा है.
लाल पहाड़ी की खुदाई की हो रही है चर्चा
राज्य में बालगुदर टीला, नोनगढ़, सत्संडा, घोसीकुंडी बिछवे पहाड़, उरैन और लय पहाड़ी जैसे कई ऐसे स्थान हैं, जिन्हें बिहार सरकार की ओर से संरक्षित स्थल घोषित किया जा चुका है. ऐसे में जिले के लाल पहाड़ी की खुदाई की भी खूब चर्चा हो रही है. इसके अलावा अशोक धाम के ईद गिर्द भी कई टीलें हैं, जिन पर पुरातत्व विभाग की पैनी नजर है. बता दें कि आधुनिक यंत्रों से ऐसे कई स्थलों का सर्वेक्षण किया जा चुका है.