लखीसराय : बिहार के लखीसराय स्टेशन पर पटना-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस (Janshatabdi Express) रुकते ही एक टीटीई ने नकली विजिलेंस अफसर को आरपीएफ के हवाले कर दिया. वह व्यक्ति मोकामा से ट्रेन में चढ़ा था. इसी बीच ट्रेन में चढ़े टीटीई ने उससे टिकट की मांग की. इसके बाद उल्टे उस व्यक्ति ने ही टीटीई को हड़काते हुए सवाल करना शुरू कर दिया और खुद को रेलवे विजिलेंस इंस्पेक्टर (fake vigilance officer) बताया. वह टीटीई से अतिरिक्त सुविधा लेने की जुगत में था. इसके बाद टीटीई को शक होने के बाद उसने कंट्रोल को सूचना दी और लखीसराय स्टेशन पर उतारा गया.
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क्या है मामलाः किऊल रेल पुलिस ने गाड़ी संख्या 12024 डाउन (पटना हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस) के टीटीई प्रदीप कुमार सिंह की शिकायत पर लखीसराय स्टेशन पर ट्रेन को अटेंड किया. टीटीई प्रदीप कुमार सिंह की सूचना अनुसार एक व्यक्ति D1 कोच में मोकामा से आसनसोल का मेल/एक्सप्रेस का टिकट लेकर यात्रा कर रहा था. टिकट चेक करने के दौरान उसने अपने आप को सेंट्रल रेलवे कानपुर का विजिलेंस इंस्पेक्टर बताया और टीटीई को हड़काते हुए उनकी संख्या, कहां मुख्यालय है, एसी कोच में कितने स्टाफ हैं, एक ही टीटीई क्यों है, इत्यादि पूछने लग. पहचान पत्र मांगने पर उसने कोई पहचान पत्र नहीं दिखाया. संदेह होने पर टीटीई ने कंट्रोल को सूचना दी. गाड़ी के लखीसराय आने पर उसे उतारा गया.
शक होने पर टीटीई ने दी सूचनाः इस संबंध में किऊल रेल डीएसपी परवेज आलम ने बताया कि मोकामा से एक यात्री आसनसोल जा रहा था. इसी दौरान टीटी ने टिकट मांगा. इस पर वह अपने आप को विजिलेंस अफसर बताया. फिर ज्यादा बोलने पर टीटीई को उस आदमी पर शक हुआ. इसके बाद उन्होंने कंट्रोल को इसकी सूचना दी. तब जाकर लखीसराय स्टेशन से फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी हुई.
जमुई का रहने वाला है फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टरः रेल डीएसपी ने बताया कि पूछने पर उसने अपना नाम शंभू सिंह उम्र 41 वर्ष, पिता स्व. अधिकलाल सिंह, घर लोहंडा, थाना सिकंदरा, जिला जमुई बताया. इसके पास एक छोटा बैग था, उसे चेक करने पर एक मेल/एस्प्रेस का साधारण टिकट, आधार कार्ड और इसका अपना दो मोबाइल फोन मिला. उसे रेल सुरक्षा बल पोस्ट किऊल लाया गया, जहां पर इसे बेवजह का न्यूसेंस क्रिएट करने के जुर्म में रेल अधिनियम की धारा 145 के तहत कांड सं 843/22 मामला दर्ज किया गया. उसे माननीय रेलवे न्यायालय किऊल में प्रस्तुत किया जाएगा.
''मोकामा से एक यात्री आसनसोल जा रहा था. इसी दौरान टीटी ने टिकट मांगा. इस पर वह अपने आप को विजिलेंस अफसर बताया. फिर ज्यादा बोलने पर टीटीई को उस आदमी पर शक हुआ. इसके बाद टीटीई ने कंट्रोल को इसकी सूचना दी. तब जाकर लखीसराय स्टेशन से फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी हुई. फर्जी विजिलेंस इंस्पेक्टर का नाम शंभू सिंह, घर जमुई है''- परवेज आलम, रेल डीएसपी, किऊल
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