ETV Bharat / state

पाल वंशकालीन लाल पहाड़ी का रहस्य जानने आए लोग हुए निराश, अवशेषों पर उग आए जंगल

author img

By

Published : Jan 14, 2022, 6:53 PM IST

लखीसराय स्थित पाल वंशकालीन लाल पहाड़ी पर पुरातात्विक अवशेष के लिए चल रहा खुदाई ( Excavation of Lal Pahari Stopped In Lakhisarai ) कार्य रुका हुआ है. अब यहां मानचित्र और मूर्तियों पर जंगल उग आया है. मकर संक्रांति में घूमने आए पर्यटकों को इस कारण निराशा हाथ लगी. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

Excavation of lal pahari stopped in Lakhisarai
Excavation of lal pahari stopped in Lakhisarai

लखीसराय: जिला मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर दूर लाल पहाड़ी स्थित है. इस लाल पहाड़ी की खासियत के कारण लोग दूर-दूर से इसे देखने आते हैं. कहा जाता है कि राजा पालवंशी की नगरी का यह हिस्सा हुआ करता था, जिसे क्रिमला के नाम से भी जाना जाता है. यहां से अब तक कई प्राचीनकालीन मूर्तियां (Archaeological Excavations In Lakhisarai) मिल चुकी हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस स्थान की खुदाई का काम तीन साल पहले शुरू कराया था, जिसपर अब विराम लग चुका है.

यह भी पढ़ें- लाल पहाड़ी की खुदाई में मिले बौद्ध कालीन मंदिर के अवशेष, कई रहस्य खुलने बाकी

इस पहाड़ी को लेकर कई कहानियां और रहस्यों (mystery of lal pahari ) का जिक्र स्थानीय लोग करते हैं. इसमें प्राचीन मूर्तियों का भी जिक्र है. इस लाल पहाड़ी पर कई रानियों के रहने की बात भी कही जाती है. इतिहास के पन्नों पर भी इसका जिक्र है. इसी को लेकर विगत 4 साल पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लाल पहाड़ी पर खुदाई का काम शुरू करवाया था. लाल पहाड़ी की खुदाई का काम 25 नवंबर, 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुरू करवाया था. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से लाइसेंस प्राप्त करने और 2017 में बिहार सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के बाद बिहार में 3 साल के अंदर पूरी की गई पहली खुदाई परियोजना थी.

अवशेषों पर उग आया है जंगल

"यह राजा पाल की नगरी है. यहां पर बहुत सारी धरोहर मूर्तियां हैं. हम सभी लाल पहाड़ी घूमने आए थे. हालांकि सरकारी उदासीनता का शिकार होने के कारण इस स्थान की महत्ता को समझने में लोगों को परेशानी जरूर हो रही है. सब कुछ पेड़ पौधों से ढक चुका है. हालांकि कुछ नक्काशी और प्राचीन मूर्तियां देखने को मिली, इसलिए मुझे बहुत अच्छा लगा रहा है."- आरती, पर्यटक

यह भी पढ़ें- शादी के बाद पहली मकर संक्रांति दिल्ली में मना रहे तेजस्वी, पटना में 10 सर्कुलर रोड पर पसरा सन्नाटा

लाल पहाड़ी की खुदाई कर कई प्राचीन मूर्तियों के साथ-साथ कई अद्भुत भगवान की मूर्तियां (Buddhist monastery in lal pahari Lakhisarai ) भी मिली थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने लाल पहाड़ी पर पहुंचकर अद्भुत प्राचीन मूर्तियों का अवलोकन कर विशेष जानकारी हासिल की थी. यही नहीं इसकी खुदाई में करीबन करोड़ों रुपए भी पर्यटक स्थल विभाग ने खर्च किए थे. खुदाई में मिले पत्थरों की मूर्तियों को विभिन्न संग्रहालय में भेज दिया गया है. इसके बाद से इस स्थान की खुदाई विराम अवस्था में है.

करोड़ों की लागत से लाल पहाड़ी की खुदाई की गई थी, लेकिन लंबे समय तक खुदाई रोक देने के कारण अब यह स्थान जंगल में तब्दील हो गया है. हर जगह पर मानचित्र और पत्थरों पर अब घने जंगलों जैसे पेड़-पौधे दिख रहे हैं. करोड़ों रुपए की लागत से सुंदर ऐतिहासिक धरोहर को संवारने का काम चल रहा था, जिसपर अब ग्रहण लग गया है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या फिर से यहां खुदाई का रुका काम शुरू हो पाता है या नहीं. लाल पहाड़ी के इतिहास को जानने के बाद और यहां से प्राचीन मूर्तियों के मिलने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसे ऐतिहासिक पर्यटक स्थल बनाने की बात कही थी, जिसपर भी फिलहाल विराम लग चुका है.

यह भी पढ़ें- Makar Sankranti 2022: पटना के गांधी घाट पर कोरोना का काला साया, स्नान के लिए नहीं जुटी भीड़

"सरकार की ओर से इस जगह की देखभाल के लिए मेरी ड्यूटी लगाई गई है. यहां पहले खुदाई हो रहा था, लेकिन अब नहीं हो रहा है. सब मूर्तियों को कहीं रख दिया गया है. पूरा जगह में जंगल ही जंगल दिखता है. हमको यहां आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है. पूरे लाल पहाड़ी के धरोहत की हिफाजत की जाती है."- विजय कुमार, होम गार्ड

यह भी पढ़ें- आज और कल दो दिन मकर संक्रांति का त्योहार, जानिए क्या कहता है मिथिला और बनारस का पंचांग

मकर सक्रांति के उपलक्ष्य में इसी लाल पहाड़ी को देखने के लिए हजारों लोग दूर दराज से आते हैं. लेकिन यहां के दृश्य को देखकर पर्यटक निराश होकर लौट गए. पहाड़ी के होमगार्ड जवानों के द्वारा लोगों के प्रवेश पर मनाही कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर लखीसराय के जिलाधिकारी के आदेश के बाद तमाम चित्रों को संग्रहालय में बंद कर दिया गया. यही कारण है कि, अद्भुत मूर्तियां मीडिया के माध्यम से ही लोग देख पाते हैं. इस मानचित्र दृश्य और खुदाई को देखने के लिए और इनके सुरक्षा को लेकर 4 होमगार्ड जवानों को लगाया गया है. लेकिन यहां सुविधाविहीन पहाड़ों पर बिजली की घोर किल्लत से ये भी परेशान हैं.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

लखीसराय: जिला मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर दूर लाल पहाड़ी स्थित है. इस लाल पहाड़ी की खासियत के कारण लोग दूर-दूर से इसे देखने आते हैं. कहा जाता है कि राजा पालवंशी की नगरी का यह हिस्सा हुआ करता था, जिसे क्रिमला के नाम से भी जाना जाता है. यहां से अब तक कई प्राचीनकालीन मूर्तियां (Archaeological Excavations In Lakhisarai) मिल चुकी हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस स्थान की खुदाई का काम तीन साल पहले शुरू कराया था, जिसपर अब विराम लग चुका है.

यह भी पढ़ें- लाल पहाड़ी की खुदाई में मिले बौद्ध कालीन मंदिर के अवशेष, कई रहस्य खुलने बाकी

इस पहाड़ी को लेकर कई कहानियां और रहस्यों (mystery of lal pahari ) का जिक्र स्थानीय लोग करते हैं. इसमें प्राचीन मूर्तियों का भी जिक्र है. इस लाल पहाड़ी पर कई रानियों के रहने की बात भी कही जाती है. इतिहास के पन्नों पर भी इसका जिक्र है. इसी को लेकर विगत 4 साल पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लाल पहाड़ी पर खुदाई का काम शुरू करवाया था. लाल पहाड़ी की खुदाई का काम 25 नवंबर, 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुरू करवाया था. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से लाइसेंस प्राप्त करने और 2017 में बिहार सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के बाद बिहार में 3 साल के अंदर पूरी की गई पहली खुदाई परियोजना थी.

अवशेषों पर उग आया है जंगल

"यह राजा पाल की नगरी है. यहां पर बहुत सारी धरोहर मूर्तियां हैं. हम सभी लाल पहाड़ी घूमने आए थे. हालांकि सरकारी उदासीनता का शिकार होने के कारण इस स्थान की महत्ता को समझने में लोगों को परेशानी जरूर हो रही है. सब कुछ पेड़ पौधों से ढक चुका है. हालांकि कुछ नक्काशी और प्राचीन मूर्तियां देखने को मिली, इसलिए मुझे बहुत अच्छा लगा रहा है."- आरती, पर्यटक

यह भी पढ़ें- शादी के बाद पहली मकर संक्रांति दिल्ली में मना रहे तेजस्वी, पटना में 10 सर्कुलर रोड पर पसरा सन्नाटा

लाल पहाड़ी की खुदाई कर कई प्राचीन मूर्तियों के साथ-साथ कई अद्भुत भगवान की मूर्तियां (Buddhist monastery in lal pahari Lakhisarai ) भी मिली थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने लाल पहाड़ी पर पहुंचकर अद्भुत प्राचीन मूर्तियों का अवलोकन कर विशेष जानकारी हासिल की थी. यही नहीं इसकी खुदाई में करीबन करोड़ों रुपए भी पर्यटक स्थल विभाग ने खर्च किए थे. खुदाई में मिले पत्थरों की मूर्तियों को विभिन्न संग्रहालय में भेज दिया गया है. इसके बाद से इस स्थान की खुदाई विराम अवस्था में है.

करोड़ों की लागत से लाल पहाड़ी की खुदाई की गई थी, लेकिन लंबे समय तक खुदाई रोक देने के कारण अब यह स्थान जंगल में तब्दील हो गया है. हर जगह पर मानचित्र और पत्थरों पर अब घने जंगलों जैसे पेड़-पौधे दिख रहे हैं. करोड़ों रुपए की लागत से सुंदर ऐतिहासिक धरोहर को संवारने का काम चल रहा था, जिसपर अब ग्रहण लग गया है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या फिर से यहां खुदाई का रुका काम शुरू हो पाता है या नहीं. लाल पहाड़ी के इतिहास को जानने के बाद और यहां से प्राचीन मूर्तियों के मिलने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसे ऐतिहासिक पर्यटक स्थल बनाने की बात कही थी, जिसपर भी फिलहाल विराम लग चुका है.

यह भी पढ़ें- Makar Sankranti 2022: पटना के गांधी घाट पर कोरोना का काला साया, स्नान के लिए नहीं जुटी भीड़

"सरकार की ओर से इस जगह की देखभाल के लिए मेरी ड्यूटी लगाई गई है. यहां पहले खुदाई हो रहा था, लेकिन अब नहीं हो रहा है. सब मूर्तियों को कहीं रख दिया गया है. पूरा जगह में जंगल ही जंगल दिखता है. हमको यहां आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है. पूरे लाल पहाड़ी के धरोहत की हिफाजत की जाती है."- विजय कुमार, होम गार्ड

यह भी पढ़ें- आज और कल दो दिन मकर संक्रांति का त्योहार, जानिए क्या कहता है मिथिला और बनारस का पंचांग

मकर सक्रांति के उपलक्ष्य में इसी लाल पहाड़ी को देखने के लिए हजारों लोग दूर दराज से आते हैं. लेकिन यहां के दृश्य को देखकर पर्यटक निराश होकर लौट गए. पहाड़ी के होमगार्ड जवानों के द्वारा लोगों के प्रवेश पर मनाही कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर लखीसराय के जिलाधिकारी के आदेश के बाद तमाम चित्रों को संग्रहालय में बंद कर दिया गया. यही कारण है कि, अद्भुत मूर्तियां मीडिया के माध्यम से ही लोग देख पाते हैं. इस मानचित्र दृश्य और खुदाई को देखने के लिए और इनके सुरक्षा को लेकर 4 होमगार्ड जवानों को लगाया गया है. लेकिन यहां सुविधाविहीन पहाड़ों पर बिजली की घोर किल्लत से ये भी परेशान हैं.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.