लखीसराय: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए के आह्वान पर शुक्रवार को डॉक्टरों की ओर से हड़ताल किया जा रहा है. बिहार समेत देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज और उनके परिजनों पर असर पड़ रहा है. हालांकि आईएमए की बुलाई हड़ताल के दौरान निजी अस्पतालों में ओपीडी तो बंद है. लेकिन सरकारी अस्पतालों में खुले हैं. निजी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं ही जारी है.
डॉक्टरों की हड़ताल
बता दें कि संगठन के आह्वान पर लखीसराय के सदर अस्पताल में मात्र इमरजेंसी को लेकर 3 चिकित्सक पदस्थापित दिखे. जबकि, सदर अस्पताल में कुल मिलाकर 3 दर्जन से अधिक चिकित्सक हैं जो कि शुक्रवार को हड़ताल पर रहे. इसका असर लखीसराय के सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों के ऊपर पड़ा. वहीं, इस संबंध में सदर अस्पताल के प्रबंधक नंदकिशोर यादव का कहना है कि इमरजेंसी वार्ड को छोड़कर सभी चिकित्सक हड़ताल पर हैं. वहीं, आउटडोर की बात की जाए तो इसे इमरजेंसी में रखा गया है, जिसमें 3 चिकित्सकों को इमरजेंसी वार्ड और कोरोना वार्ड सहित आउटडोर में रखा गया है.
मरीजों को हो रही परेशानी
हड़ताल पर गए चर्म रोग विशेषज्ञ आनंद शंकर का कहना है कि संगठन की ओर से हड़ताल किया गया है, लेकिन इमरजेंसी वार्ड को ध्यान में रखते हुए लोग कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें आयुर्वेद से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जो चिकित्सक शिक्षण प्राप्त किए हैं. उनसे विशेष कार्य कराया जाए. वहीं, मरीजों की बात करें तो हड़ताल पर गए चिकित्सकों की ओर से पर्ची कटाने वाले काउंटर को बंद करा दिया गया. जिसको लेकर मरीज अपना इलाज नहीं कर पाए और निराश होकर अपने घर वापस लौट गए. वहीं, इस संबंध में सिविल सर्जन आत्मानंद कुमार ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड छोड़कर सभी चिकित्सक आज हड़ताल पर चले गए हैं. कोरोना वार्ड, इमरजेंसी वार्ड और अन्य सुविधाएं जारी है.