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बिहार एनएसयूआई 8 मार्च को करेगा विस का घेराव, चलाएगा नौकरी दो या डिग्री लो अभियान - विधानसभा का घेराव

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. इस हिसाब से अब तक 12 से 13 करोड़ लोगों को रोजगार मिल जाना चाहिए था. लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से देश में पिछले 45 वर्षों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है.

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Published : Mar 3, 2021, 5:42 PM IST

लखीसरायः सरकार को लगातार बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा जा रहा है. इसी क्रम में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा भाजपा जब सत्ता में आई थी तब पार्टी ने अपने घोषणापत्र में हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. देश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी और नौकरी न मिलने से परेशान रोजगार की तलाश में घूम रहे है.

यह भी पढ़ें - '2 हजार रुपये कमाने वाला आज 2 लाख रुपये कमा रहा है, महंगाई तो बढ़ेगी ना'

'सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी के तरफ धकेला'
दीपक कुमार ने कहा कि देशभर में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर बिहार एनएसयूआई मोदी सरकार के खिलाफ नौकरी दो या डिग्री वापस लो कैंपेन शुरू करने जा रही है. एनएसयूआई दीपक कुमार ने कहा हमारे देश की कुल आबादी 138.35 करोड़ है. इसमें युवा वर्ग की संख्या 34.33 फीसदी है. आज सरकार लोगों को रोजगार देने की जगह नोटबंदी, जीएसटी और असुनियोजित लॉकडाउन करके युवाओं को बेरोजगारी के तरफ धकेल रही है.

रेलवे का निजीकरण से बढ़ी बेरोजगारी
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. इस हिसाब से अब तक 12 से 13 करोड़ लोगों को रोजगार मिल जाना चाहिए था. लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से देश में पिछले 45 वर्षों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है. भारतीय रेलवे देश में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान करती है लेकिन मोदी सरकार ने रेलवे का निजीकरण करके देश में बेरोजगारी बढ़ाने का काम किया है.

देर से आते हैं सरकारी परीक्षाओं के परिणाम
दीपक कुमार ने कहा कि आकड़े के अनुसार देश में नोटबंदी के कारण 50 लाख लोगों ने नौकरी खो दी थी. वहीं मोदी सरकार ने सरकारी परीक्षाओं के परिणाम में देरी करके भी युवाओं के सामने एक बहुत बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. आरआरबी, एनटीपीसी, रेलवे भर्ती बोर्ड की तरफ से 2015 में परीक्षा आयोजित करवाई गई थी. इसमें करीब 5700000 उम्मीदवार बैठे थे, जिसका परिणाम 2 साल बाद घोषित किया गया. इससे 2 साल तक 57 लाख युवाओं को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ा.

यह भी पढ़ें - दुनिया को है भारत के कोरोना टीकों पर विश्वास, विपक्ष कर रहा राजनीति: मंगल पांडेय

'करेंगे विधानसभा का घेराव'
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ने कहा कि नौकरी दो या डिग्री वापस लो अभियान के तहत हम छात्रों की डिग्री एकत्रित करेंगे और डिग्री धारी बेरोजगार का वास्तविक डाटा वर्तमान सरकार के सामने लाने का काम करेंगे. बिहार में भाजपा गंठबंधन की सरकार है. नीतीश कुमार बताएं की बिहार के बेरोजगार युवा वर्ग के लिए उन्होंने कितने रोजगार दिए. इस आंदोलन के लिए लखीसराय जिला एनएसयूआई अपने साथियों के साथ 8 मार्च को विधानसभा का घेराव करेगा.

लखीसरायः सरकार को लगातार बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा जा रहा है. इसी क्रम में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा भाजपा जब सत्ता में आई थी तब पार्टी ने अपने घोषणापत्र में हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. देश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी और नौकरी न मिलने से परेशान रोजगार की तलाश में घूम रहे है.

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'सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी के तरफ धकेला'
दीपक कुमार ने कहा कि देशभर में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर बिहार एनएसयूआई मोदी सरकार के खिलाफ नौकरी दो या डिग्री वापस लो कैंपेन शुरू करने जा रही है. एनएसयूआई दीपक कुमार ने कहा हमारे देश की कुल आबादी 138.35 करोड़ है. इसमें युवा वर्ग की संख्या 34.33 फीसदी है. आज सरकार लोगों को रोजगार देने की जगह नोटबंदी, जीएसटी और असुनियोजित लॉकडाउन करके युवाओं को बेरोजगारी के तरफ धकेल रही है.

रेलवे का निजीकरण से बढ़ी बेरोजगारी
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. इस हिसाब से अब तक 12 से 13 करोड़ लोगों को रोजगार मिल जाना चाहिए था. लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से देश में पिछले 45 वर्षों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है. भारतीय रेलवे देश में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान करती है लेकिन मोदी सरकार ने रेलवे का निजीकरण करके देश में बेरोजगारी बढ़ाने का काम किया है.

देर से आते हैं सरकारी परीक्षाओं के परिणाम
दीपक कुमार ने कहा कि आकड़े के अनुसार देश में नोटबंदी के कारण 50 लाख लोगों ने नौकरी खो दी थी. वहीं मोदी सरकार ने सरकारी परीक्षाओं के परिणाम में देरी करके भी युवाओं के सामने एक बहुत बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. आरआरबी, एनटीपीसी, रेलवे भर्ती बोर्ड की तरफ से 2015 में परीक्षा आयोजित करवाई गई थी. इसमें करीब 5700000 उम्मीदवार बैठे थे, जिसका परिणाम 2 साल बाद घोषित किया गया. इससे 2 साल तक 57 लाख युवाओं को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ा.

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'करेंगे विधानसभा का घेराव'
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ने कहा कि नौकरी दो या डिग्री वापस लो अभियान के तहत हम छात्रों की डिग्री एकत्रित करेंगे और डिग्री धारी बेरोजगार का वास्तविक डाटा वर्तमान सरकार के सामने लाने का काम करेंगे. बिहार में भाजपा गंठबंधन की सरकार है. नीतीश कुमार बताएं की बिहार के बेरोजगार युवा वर्ग के लिए उन्होंने कितने रोजगार दिए. इस आंदोलन के लिए लखीसराय जिला एनएसयूआई अपने साथियों के साथ 8 मार्च को विधानसभा का घेराव करेगा.

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