किशनगंज: जिले में 20 लाख की आबादी के लिए महज 42 ही डॉक्टर हैं. इस कारण से मरीज परेशान हो रहे हैं. सिविल सर्जन के अनुसार जिले में किशनगंज जिले में महज 42 डॉक्टर पदस्थापित हैं. लेकिन यहां कम से कम 120 डॉक्टर होने चाहिए. इस वजह से मरीजों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
9 लाख महिलाओं पर सिर्फ 4 महिला डॉक्टर
जिले की स्वास्थ्य सुविधा बहुत ही लचर हालात में है. कहने को तो यहां 42 डॉक्टर पदस्थापित हैं. इसमें से 13 डॉक्टर सिर्फ सदर अस्पताल में पदस्थापित हैं, जिनमें से 2 महिला डॉक्टर हैं. पूरे जिले में सिर्फ 2 ही महिला डॉक्टर यानी की किशनगंज मे लगभग 9 लाख महिलाओं पर सिर्फ 4 महिला डॉक्टर पदस्थापित हैं. ऐसे में इन महिलाओं के पास दूसरे जिले या निजी नर्सिंग होम में इलाज करवाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
उप-स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हैं
मरीज सुबह से ही डॉक्टर के कमरे के बाहर अपना-अपना पुर्जा लेकर खड़ा हो जाते हैं. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि इन मरीजों का इंतजार करते-करते पूरा दिन निकल जाता है और डॉक्टर नहीं आते हैं. इन अस्पतालों मे विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है. बात सिर्फ जिले के सबसे बड़े अस्पताल की ही नहीं है, जिले में जितने भी उप-स्वास्थ्य केंद्र बने हैं, लगभग सभी डॉक्टरों की कमी से बंद पड़े हैं.
सिविल सर्जन का क्या है कहना?
पूरे मामले में किशनगंज सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर परशुराम प्रसाद ने बताया कि जिले में डॉक्टर की घोर कमी है. इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. सीएस ने बताया कि सदर अस्पताल में ही 23 पद रिक्त हैं. सिविल सर्जन ने उमीद जताई है कि आने वाले 1-2 महीनों मे डॉक्टरों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी.