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1971 के युद्ध में मिली विजय की याद में शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन, आधुनिक हथियार देखने उमड़ी भीड़

शहीद अशफाक उल्ला खां स्टेडियम में शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हथियारों की प्रदर्शनी के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.

शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम
शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम
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Published : Dec 13, 2021, 9:15 AM IST

किशनगंज: भारत-पाक 1971 युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर सीमा सुरक्षा बल के माध्यम से किशनगंज में शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम (Shaurya Pradarshani In Kishanganj) का आयोजन किया गया. शहीद अशफाक उल्ला खां स्टेडियम (Exhibition In Shaheed Ashafakullah Khan Stadium) खगड़ा में बीएसएफ के द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन ब्रिगेडियर डीसी मजूमदार व डीएम डॉक्टर आदित्य प्रकाश ने फीता काटकर किया.

इसे भी पढ़ें: राज्यस्तरीय भारोत्तोलन प्रतियोगिता का समापन, बेगूसराय ने 8 गोल्ड और 3 सिल्वर समेत 12 पदक जीते

शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम के अवसर पर एसपी कुमार आशीष भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद बीएसएफ के ब्रिगेडियर डीसी मजूमदार के साथ डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश व एसपी कुमार आशीष ने प्रदर्शनी का मुआयना किया. इस विजय दिवस के उपलक्ष्य में सीमा सुरक्षा बलों के द्वारा हथियारों के प्रदर्शनी के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. डीएम व एसपी को बीएसएफ के अधिकारियों ने 1971 में पाकिस्तान और बांग्लादेश लड़ाई में किस तरह से बांग्लादेश का भारत ने साथ दिया और पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजादी दिलाने में जो भारत की भूमिका थी, उसके बारे में वीर सपूतों के कारनामों का फोटो के माध्यम बताया गया.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: सहरसा में तीन दिवसीय बीजेपी कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, डिप्टी सीएम ने दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन

बता दें कि स्वर्ण जयंती शौर्य प्रदर्शनी दिनांक 4 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल के पूर्वी कमान मुख्यालय कोलकाता से चलकर दिनांक 12 दिसंबर को किशनगंज बीएसएफ मुख्यालय पहुंचा है. इस दौरान डीएम और एसपी को बीएसएफ अधिकारियों ने शौर्य गाथाओं को लेकर कई जानकारियां दी. 1971 में हुए जंग में वीर योद्धाओं की गाथाओं का भी वर्णन किया गया. जिसमें आधुनिक हथियारों का भी प्रदर्शन किया गया.

इस मौके पर बीएसएफ के अधिकारियों के अलावा प्रशासन के कई अधिकारी भी मौजूद रहे. इसके अलावा स्थानीय लोगों ने भी प्रदर्शनी को देखा. इस सम्पूर्ण कार्यक्रम को राघवेन्द्र सिंह कमान्डेंट की देखरेख में आयोजित किया गया. इस मौके पर कई अधिकारियों समेत जवान और उनके परिवार के सदस्य उपस्थित रहे. इसके अलावा स्कूली बच्चों और स्थानीय नागरिकों ने भी बढ़ चढ़कर प्रदर्शनी का लुत्फ उठाया.

'1971 के युद्ध में मिली विजय की याद में शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम मनाया जा रहा है. यह शौर्य प्रदर्शनी कोलकता से चलकर सीमावर्ती क्षेत्र से होते हुए आया है. युद्ध में जो भी हमारे जवान कार्य किए थे, उन सभी कार्यों को प्रदर्शनी के माध्यम से किया जा रहा है.' -डॉ आदित्य प्रकाश, डीएम

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किशनगंज: भारत-पाक 1971 युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर सीमा सुरक्षा बल के माध्यम से किशनगंज में शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम (Shaurya Pradarshani In Kishanganj) का आयोजन किया गया. शहीद अशफाक उल्ला खां स्टेडियम (Exhibition In Shaheed Ashafakullah Khan Stadium) खगड़ा में बीएसएफ के द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन ब्रिगेडियर डीसी मजूमदार व डीएम डॉक्टर आदित्य प्रकाश ने फीता काटकर किया.

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शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम के अवसर पर एसपी कुमार आशीष भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद बीएसएफ के ब्रिगेडियर डीसी मजूमदार के साथ डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश व एसपी कुमार आशीष ने प्रदर्शनी का मुआयना किया. इस विजय दिवस के उपलक्ष्य में सीमा सुरक्षा बलों के द्वारा हथियारों के प्रदर्शनी के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. डीएम व एसपी को बीएसएफ के अधिकारियों ने 1971 में पाकिस्तान और बांग्लादेश लड़ाई में किस तरह से बांग्लादेश का भारत ने साथ दिया और पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजादी दिलाने में जो भारत की भूमिका थी, उसके बारे में वीर सपूतों के कारनामों का फोटो के माध्यम बताया गया.

देखें रिपोर्ट.

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बता दें कि स्वर्ण जयंती शौर्य प्रदर्शनी दिनांक 4 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल के पूर्वी कमान मुख्यालय कोलकाता से चलकर दिनांक 12 दिसंबर को किशनगंज बीएसएफ मुख्यालय पहुंचा है. इस दौरान डीएम और एसपी को बीएसएफ अधिकारियों ने शौर्य गाथाओं को लेकर कई जानकारियां दी. 1971 में हुए जंग में वीर योद्धाओं की गाथाओं का भी वर्णन किया गया. जिसमें आधुनिक हथियारों का भी प्रदर्शन किया गया.

इस मौके पर बीएसएफ के अधिकारियों के अलावा प्रशासन के कई अधिकारी भी मौजूद रहे. इसके अलावा स्थानीय लोगों ने भी प्रदर्शनी को देखा. इस सम्पूर्ण कार्यक्रम को राघवेन्द्र सिंह कमान्डेंट की देखरेख में आयोजित किया गया. इस मौके पर कई अधिकारियों समेत जवान और उनके परिवार के सदस्य उपस्थित रहे. इसके अलावा स्कूली बच्चों और स्थानीय नागरिकों ने भी बढ़ चढ़कर प्रदर्शनी का लुत्फ उठाया.

'1971 के युद्ध में मिली विजय की याद में शौर्य प्रदर्शनी कार्यक्रम मनाया जा रहा है. यह शौर्य प्रदर्शनी कोलकता से चलकर सीमावर्ती क्षेत्र से होते हुए आया है. युद्ध में जो भी हमारे जवान कार्य किए थे, उन सभी कार्यों को प्रदर्शनी के माध्यम से किया जा रहा है.' -डॉ आदित्य प्रकाश, डीएम

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