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किशनजंग: ध्वस्त हुई बहादुरगंज-टेढ़ागाछ की लाइफलाइन, जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे लोग

किशनगंज के बहादुरगंज और टेढ़ागाछ ब्लॉक को जोड़ने वाला पुल बाढ़ के कारण डूब गया है. ऐसे में जान जोखिम में डालकर नदी पर बने सालों पुराने पुल को पार करना लोगों की मजबूरी हो गई है.

जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते लोग
जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते लोग
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Published : Sep 29, 2020, 1:37 PM IST

किशनगंज: जिले में बाढ़ का कहर थमता नहीं दिख रहा है. कोरोना के बीच बाढ़ की तबाही से लोगों की मुसीबत दोगुनी हो गई है. पुल-पुलिया, घर-गांव सब डूब चुके हैं. ऐसे में ग्रामीण किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं. सरकार भी इनपर ध्यान नहीं दे रही है. ताजा मामला बहादुरगंज प्रखंड से टेढागाछ प्रखंड मुख्यालय को जाने वाली मुख्य सड़क पर बने पुल का है.

कोल नदी की बरसाती धार पर बना झींगाकाटा पुल दो प्रखंडों को जोड़ता है. कई दिनों से लगातार हो रही वर्षा से नदी उफान पर है. नतीजतन इस पुल के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है. यह पुल बहादुरगंज-टेढ़ागाछ ब्लॉक की लाइफलाइन कही जाती है. लेकिन मौजूदा समय में यह लोगों के मौत का कारण बन रही है.

किशनगंज
जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते लोग

पुल पर बह रहा बाढ़ का पानी
दरअसल, पुल के ऊपर पानी चढ़ गया है. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर यातायात कर रहे हैं. इससे लोगों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. उनका साफ कहना है कि सरकार की अनदेखी के कारण ये हाल हुआ है. 3 साल से इस पुल के समांनतर पुल का निर्माण हो रहा है लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो सका है.

देखें रिपोर्ट.

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
स्थिति यह है कि लोग पुल के ऊपर से पैदल और बाइक लेकर आना-जाना कर रहे हैं. बाइक को नदी की उफनती धारा में पार कराने के लिए स्थानीय युवकों से मदद लेनी पड़ती है. इसके एवज में बाइक चालक युवकों को रुपये दे रहे हैं. नदी की तेज धार में सड़क के कटने का खतरा बना हुआ है. लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मामले पर किशनगंज के अनुमंडल पदाधिकारी शाहनवाज अख्तर नियाजी ने बताया कि इलाके में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिस वजह से कई इलाकों में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है. सभी प्रखंडों के बीडीओ और सीओ को अलर्ट मोड पर रखा गया है.

किशनगंज: जिले में बाढ़ का कहर थमता नहीं दिख रहा है. कोरोना के बीच बाढ़ की तबाही से लोगों की मुसीबत दोगुनी हो गई है. पुल-पुलिया, घर-गांव सब डूब चुके हैं. ऐसे में ग्रामीण किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं. सरकार भी इनपर ध्यान नहीं दे रही है. ताजा मामला बहादुरगंज प्रखंड से टेढागाछ प्रखंड मुख्यालय को जाने वाली मुख्य सड़क पर बने पुल का है.

कोल नदी की बरसाती धार पर बना झींगाकाटा पुल दो प्रखंडों को जोड़ता है. कई दिनों से लगातार हो रही वर्षा से नदी उफान पर है. नतीजतन इस पुल के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है. यह पुल बहादुरगंज-टेढ़ागाछ ब्लॉक की लाइफलाइन कही जाती है. लेकिन मौजूदा समय में यह लोगों के मौत का कारण बन रही है.

किशनगंज
जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते लोग

पुल पर बह रहा बाढ़ का पानी
दरअसल, पुल के ऊपर पानी चढ़ गया है. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर यातायात कर रहे हैं. इससे लोगों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. उनका साफ कहना है कि सरकार की अनदेखी के कारण ये हाल हुआ है. 3 साल से इस पुल के समांनतर पुल का निर्माण हो रहा है लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो सका है.

देखें रिपोर्ट.

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
स्थिति यह है कि लोग पुल के ऊपर से पैदल और बाइक लेकर आना-जाना कर रहे हैं. बाइक को नदी की उफनती धारा में पार कराने के लिए स्थानीय युवकों से मदद लेनी पड़ती है. इसके एवज में बाइक चालक युवकों को रुपये दे रहे हैं. नदी की तेज धार में सड़क के कटने का खतरा बना हुआ है. लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मामले पर किशनगंज के अनुमंडल पदाधिकारी शाहनवाज अख्तर नियाजी ने बताया कि इलाके में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिस वजह से कई इलाकों में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है. सभी प्रखंडों के बीडीओ और सीओ को अलर्ट मोड पर रखा गया है.

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