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राम भरोसे है यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था, डॉक्टर के अभाव में निराश लौटे मरीज

महिला डॉक्टर के नहीं होने मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. कई मरीज बिना इलाज कराए ही घर वापस लोट गई हैं.

डॉक्टर ने होने से मरीज परेशान
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Published : May 10, 2019, 2:24 PM IST

किशनगंज: बिहार सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था के सुगम होने के लाख दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए डॉक्टर नहीं होने से मरीज काफी परेशान नजर आए.
दरअसल, हर महीने की 9 तारीख को प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्वभती महिलाओं के लिए चिकित्सा जांच शिविर और मुफ्त दवा वितरण करना है. लेकिन यहां महिलाओं के इलाज के लिए डॉक्टर नदारद दिखे. जिससे महिलाओं और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. महिला चिकित्सक के नहीं होने से कई महिलाएं बिना इलाज कराये वापस लौट गई.
परिजन का आरोप
परिजन ने कहा कि वह सुबह से इलाज के लिए महिला डॉक्टर का इंतजार कर रही हैं. अस्पताल में कहीं बैठने की सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है. वहीं, दूसरे मरीज ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ खून जांच करने वाले स्टाफ हैं. उन्होंने कहा कि एक महीने से डॉक्टर नहीं आई हैं. सभी मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

डॉक्टर के अभाव में निराश लौटे मरीज

पुरुष डॉक्टर ने संभाला मोर्चा
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक अनवर हुसैन मौके पर पहुंच कर महिला चिकित्सक के बदले खूद ही महिलाओं की जांच करने लग गए. ऐसे में महिला मरीज ने पुरुष चिकित्सक से जांच करवाने में संकोच कर रही थी. इस मामले में अस्पताल उपाधीक्षक ने कहा जिस महिला डॉक्टर की ड्यूटी थी, उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. जिस कारण अस्पताल नहीं आई हैं.

किशनगंज: बिहार सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था के सुगम होने के लाख दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए डॉक्टर नहीं होने से मरीज काफी परेशान नजर आए.
दरअसल, हर महीने की 9 तारीख को प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्वभती महिलाओं के लिए चिकित्सा जांच शिविर और मुफ्त दवा वितरण करना है. लेकिन यहां महिलाओं के इलाज के लिए डॉक्टर नदारद दिखे. जिससे महिलाओं और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. महिला चिकित्सक के नहीं होने से कई महिलाएं बिना इलाज कराये वापस लौट गई.
परिजन का आरोप
परिजन ने कहा कि वह सुबह से इलाज के लिए महिला डॉक्टर का इंतजार कर रही हैं. अस्पताल में कहीं बैठने की सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है. वहीं, दूसरे मरीज ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ खून जांच करने वाले स्टाफ हैं. उन्होंने कहा कि एक महीने से डॉक्टर नहीं आई हैं. सभी मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

डॉक्टर के अभाव में निराश लौटे मरीज

पुरुष डॉक्टर ने संभाला मोर्चा
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक अनवर हुसैन मौके पर पहुंच कर महिला चिकित्सक के बदले खूद ही महिलाओं की जांच करने लग गए. ऐसे में महिला मरीज ने पुरुष चिकित्सक से जांच करवाने में संकोच कर रही थी. इस मामले में अस्पताल उपाधीक्षक ने कहा जिस महिला डॉक्टर की ड्यूटी थी, उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. जिस कारण अस्पताल नहीं आई हैं.

Intro:किशनगंज सदर अस्पताल मे केंद्र सरकार की ड्रीम प्रॉजेक्ट प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना पूरी तरह से फ्लोप। चुनावी मौसम मे इस स्वास्थ्य योजना मे ग्रहण लग गया है। प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रत्येक महीने के 9 तारीख को गर्वभती महिलाओं के लिए चिकित्सा जांच शिविर लगान है और मुफ्त दवाई भी देना है। लेकिन किशनगंज सदर अस्पताल मे इस महीने यानि आज 9 मई को शिविर तो लगा लेकिन गर्वभती महिलाओं जांच करने के लिए महिला चिकित्सक ही नदारद रहे। जिससे दूर दराज से आये गर्वभती महिलाओं व उनके परिजनों को काफी परेशानी झेलना पड़ा। दूर दराज के गर्वभती महिलाओं सुबह मे ही काफी तादाद मे जांच के लिए अस्पताल पहुंचे थे।लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी महिला चिकित्सक नहीं पहुंची। महिला चिकित्सक नदारद होने के कारन नर्सो के द्वारा ही गर्वभती महिलाओं का सिर्फ ब्लड प्रेशर व वजन नापकर पुरुष चिकित्सक से जांच करवाने की बात कहीं। वहीं कुछ महिलाएं 9 माह की गर्वभती थी जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रहा था यहां तक की अस्पताल मे गर्वभती महिलाओं के लिए चैयर का व्यवस्था नहीं किये गये थे


Body:कुछ महिलाएं बिना जांच करवाई वापस चले गये। वहीं मिडिया पहुचने की खबर मिलते ही अस्पताल उपाधीक्षक अनवर हुसैन मौके पर पहुंच कर महिला चिकित्सक के बदले खूद ही महिलाओं की जांच करने लगे। वहीं कुछ महिला मरीजों का कहना था पुरुष चिकित्सक से जांच करवाने मे संकोच होता है। इस मामले अस्पताल उपाधीक्षक ने कहा जिस महिला चिकित्सक की ड्यूटी थी उनका तवियत खराब होने के कारन नहीं आपाया । जिस कारन थोड़ा परेशानी होगया। वहीं अस्पताल मे चार महिला चिकित्सक है जिसमें दो महिला चिकित्सक लंबी अवकाश मे है । जबकि दो महिला चिकित्सक मे एक अस्वस्थ है और दुसरा मन मरजी है।


Conclusion:किशनगंज सदर अस्पताल मे महिला चिकित्सकों के मन मानी का खामियाजा गर्वभती महिला मरीजों को उठाना पड़ रहा है और कैंद्र सरकार के योजना का धज्जियां उड़ाया जा रहा है। सिर्फ कागज व कलम मे ही यह योजना चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत मुफ्त दवाई भी देना है लेकिन किसी को दवाई तक नहीं मिल रहा है।
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