किशनगंज: बिहार सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था के सुगम होने के लाख दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए डॉक्टर नहीं होने से मरीज काफी परेशान नजर आए.
दरअसल, हर महीने की 9 तारीख को प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्वभती महिलाओं के लिए चिकित्सा जांच शिविर और मुफ्त दवा वितरण करना है. लेकिन यहां महिलाओं के इलाज के लिए डॉक्टर नदारद दिखे. जिससे महिलाओं और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. महिला चिकित्सक के नहीं होने से कई महिलाएं बिना इलाज कराये वापस लौट गई.
परिजन का आरोप
परिजन ने कहा कि वह सुबह से इलाज के लिए महिला डॉक्टर का इंतजार कर रही हैं. अस्पताल में कहीं बैठने की सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है. वहीं, दूसरे मरीज ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ खून जांच करने वाले स्टाफ हैं. उन्होंने कहा कि एक महीने से डॉक्टर नहीं आई हैं. सभी मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
पुरुष डॉक्टर ने संभाला मोर्चा
वहीं, अस्पताल उपाधीक्षक अनवर हुसैन मौके पर पहुंच कर महिला चिकित्सक के बदले खूद ही महिलाओं की जांच करने लग गए. ऐसे में महिला मरीज ने पुरुष चिकित्सक से जांच करवाने में संकोच कर रही थी. इस मामले में अस्पताल उपाधीक्षक ने कहा जिस महिला डॉक्टर की ड्यूटी थी, उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. जिस कारण अस्पताल नहीं आई हैं.