किशनगंज: बिहार के किशनगंज में सुरक्षित स्थान से पांच नाबालिग फरार (Five Minors Absconding From Juvenile Home In Kishanganj) हो गए. सुरक्षित स्थान से बाथरूम की खिड़की तोड़कर पांच किशोर फरार हो गये. पांच फरार किशोर में एक किशोर को पुलिस ने बंगाल के कानकी से पकड़ लिया. जबकि चार किशोर अब तक फरार हैं. पांचों तकरीबन चार माह से किशनगंज सुरक्षित स्थान में जघन्य अपराध के आरोप में बंद थे. फरार पांचों किशोर में तीन मुजफ्फरपुर, एक दरभंगा और एक मधेपुर के किशोर हैं. जबकि पुलिस ने मुजफ्फरपुर के एक फरार किशोर को बरामद कर लिया है. बरामद किशोर के खिलाफ जघन्य अपराध का आरोप है.
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पांच नाबालिग बाल सुघार गृह से फरार : फरार दरभंगा के किशोर पर बोचहा थाना में एक अपराध का मामला दर्ज है. जिसके आरोप में सुरक्षित स्थल में बंद हैं. मुजफ्फरपुर के फरार एक किशोर पर मनियारी थाना में दो व सकरा थाना में चार मामला दर्ज है. जबकि मुजफ्फरपुर के एक और फरार किशोर पर वैशाली थाना में दो, हाजीपुर थाना में दो, मीनापुर थाना में एक, सरेया थाना में एक व कुढ़नी थाना में एक मामला दर्ज है. मधेपुरा के फरार किशोर पर उदाकिशनुगंज थाने में एक मामला और मुरलीगंज थाने में एक मामला दर्ज है. सभी किशोर जघन्य अपराध के आरोप में नाबालिग होने के कारण सुरक्षित स्थल पर बंद थे. पांचों ने शातिर दिमाग लगाकर सुरक्षित स्थल के बाथरूम का खिड़की तोड़कर स्थल के कैंपस के अंदर चारदिवारी पर सिढ़ी के सहारे पार कर बाहर बाहर निकल गए. वहीं, खगड़ा जुलजूली स्थित सुरक्षित स्थल से तकरीबन एक किलोमीटर दूर बंगाल का बॉर्डर है और बंगाल के रास्ते सभी किशोर फरार हो गए.
फरार नाबालिगों पर है आपराधिक मामले दर्ज : सुरक्षित स्थल में रात्रि सुरक्षा पर एक बिहार पुलिस सिपाही और आतंरिक सुरक्षा गार्ड तैनात थे. आरोप है कि आतंरिक सुरक्षा गार्ड अजय कुमार किशोरों के भागने के समय सो रहे थे. जबकि बिहार पुलिस के सिपाही विजय कुमार चौधरी ड्यूटी पर मुख्य गेट पर अनुपस्थित थे. हालांकि सुरक्षित स्थल के चारदिवारी की हाइट काफी कम है और बाथरूम में लगे खिड़की, दरवाजे काफी कमजोर हैं. इसको लेकर पूर्व में ही सुरक्षित स्थल के अधीक्षक ने लिखित आवेदन देकर बदलने और मरम्मत करने की बात कही थी.
एक नाबालिग पकड़े गए : सुरक्षित स्थल में मात्र बिहार पुलिस के 4 सिपाही और एक होमगार्ड के जवान सुरक्षा में तैनात हैं. वहीं, सुरक्षित स्थल पर कार्यरत मात्र 3 अधिकारी हैं. जिसमें एक अधीक्षक, एक हाउस फादर हैं. सुरक्षित स्थल पर कुल 43 किशोर बंद थे. जिसमें चार अभी फरार होने से 39 किशोर मौजूद हैं. ज्यादातर किशोर जघन्य अपराध के आरोप में बंद है. घटना के बाद जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने चार सदस्य टीम का घटन कर मामले की जांच कर रहे हैं. जिसमें डीडीसी, एडीएम, एसडीएम और एसडीपीओ शामिल हैं. चारों वरीय पदाधिकारी सुरक्षित स्थल पहुंचकर जांच की है. जल्द जांच रिपोर्ट डीएम को ये लोग देंगे.