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मौजाबाड़ी पंचायत में महानंदा नदी का भीषण कटाव, दशहत में रहने को मजबूर लोग - कोचाधामन प्रखंड

किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड के मौजाबाड़ी पंचायत में महानंदा नदी की वजह से भीषण कटाव हो रहा है. नदी के तट पर बसे लोग दहशत में हैं. सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि और दर्जनों मकान नदी में समाते जा रहे हैं. प्रशासन का कटाव रोकने का प्रयास विफल साबित हो रहा है.

महानंदा नदी की वजह से भीषण कटाव
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Published : Jul 28, 2019, 3:44 PM IST

किशनगंज: जिले के कोचाधामन प्रखंड के मौजाबाड़ी पंचायत में महानंदा नदी की वजह से भीषण कटाव हो रहा है. सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि और दर्जनों मकान नदी में समाते जा रहे हैं. यहां के लोग अपने घरों को नदी में समाते देख रहे हैं. दर्जनों मकान नदी में कट कर समा चुके हैं. लोग बेबस हैं. हालात इतने बदतर है कि एक दिन में सैकड़ों मीटर कटाव हो रहा है. नदी के तट पर बसे लोग दहशत में हैं.

महानंदा नदी की वजह से भीषण कटाव

बांध की वजह से हो रहा भीषण कटाव
लोगों ने अपने आशियाने को तिनका-तिनका जोड़कर बसाया था और अब खुद ही उसे तोड़ रहे हैं. अपने मकान को कटाव में आने से पहले ही लोग उसे तोड़कर उसमे से ईंट और जरूरी सामान निकाल रहे हैं. गांव से कुछ ही दूरी पर नदी पर पुल है. जिसके पास बने बांध की वजह से इस साल नदी का रुख बदल गया. नदी में भीषण कटाव होने लगा. प्रशासन का कटाव रोकने का प्रयास विफल साबित हो रहा है. लोगों का कहना है कि उनके पास ना रहने को मकान, ना खाने को अनाज और ना बसर के लिए जमीन ही है. लोगों के पास कच्चा मकान बनाने की भी सुविधा नहीं है. जिसकी वजह से वो बेहद परेशान हैं.

किशनगंज
घरों को नदी में समाते देख बेबस लोग

बसने के लिए दिया जाएगा भूमि और मुआवजा
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा का कहना है कि मौजाबाड़ी में हमने इंजीनियर और फ्लड कंट्रोल टीम को लगा दिया है. वे लोग जल्द ही कटाव रोकने में सफल होंगे. जिनके मकान नदी के कटाव में चले गए हैं उनलोगों को सरकारी प्रावधान के अनुसार फिर से बसने के लिए भूमि और मुआवजा दिया जाएगा.

किशनगंज: जिले के कोचाधामन प्रखंड के मौजाबाड़ी पंचायत में महानंदा नदी की वजह से भीषण कटाव हो रहा है. सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि और दर्जनों मकान नदी में समाते जा रहे हैं. यहां के लोग अपने घरों को नदी में समाते देख रहे हैं. दर्जनों मकान नदी में कट कर समा चुके हैं. लोग बेबस हैं. हालात इतने बदतर है कि एक दिन में सैकड़ों मीटर कटाव हो रहा है. नदी के तट पर बसे लोग दहशत में हैं.

महानंदा नदी की वजह से भीषण कटाव

बांध की वजह से हो रहा भीषण कटाव
लोगों ने अपने आशियाने को तिनका-तिनका जोड़कर बसाया था और अब खुद ही उसे तोड़ रहे हैं. अपने मकान को कटाव में आने से पहले ही लोग उसे तोड़कर उसमे से ईंट और जरूरी सामान निकाल रहे हैं. गांव से कुछ ही दूरी पर नदी पर पुल है. जिसके पास बने बांध की वजह से इस साल नदी का रुख बदल गया. नदी में भीषण कटाव होने लगा. प्रशासन का कटाव रोकने का प्रयास विफल साबित हो रहा है. लोगों का कहना है कि उनके पास ना रहने को मकान, ना खाने को अनाज और ना बसर के लिए जमीन ही है. लोगों के पास कच्चा मकान बनाने की भी सुविधा नहीं है. जिसकी वजह से वो बेहद परेशान हैं.

किशनगंज
घरों को नदी में समाते देख बेबस लोग

बसने के लिए दिया जाएगा भूमि और मुआवजा
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा का कहना है कि मौजाबाड़ी में हमने इंजीनियर और फ्लड कंट्रोल टीम को लगा दिया है. वे लोग जल्द ही कटाव रोकने में सफल होंगे. जिनके मकान नदी के कटाव में चले गए हैं उनलोगों को सरकारी प्रावधान के अनुसार फिर से बसने के लिए भूमि और मुआवजा दिया जाएगा.

Intro:किशनगंज:-किशनगंज के मौजाबाड़ी में महानंदा नदी की वजह से हो रहा भीषण कटाव,सैकड़ो एकड़ कृषि योग्य भूमि और दर्ज़नो मकान नदी में समाए।तिनका-तिनका जोड़कर आशियाना बनाया था अब लचर और बेबस नदी में समाते देख रहे है।
दर्ज़नो मकान नदी में काट कर समा चुके है,और जो बचे है उन्हें लोग खुद तोड़कर उसमे से ईट और अन्य सामान निकालकड़ सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं।
मौजाबाड़ी पूल के पास बने बांध की वजह से इस साल नदी का रूख बदल गया और नदी में हो रहा भीषण कटाव।


Body:किशनगंज:-
Anchor:-सरकार हमलोगों के रहने की बेवस्था करे और समस्या का समाधान करे नही तो आत्महत्या कर लेंगे।यह कहना है किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड के मौजाबाड़ी पंचायत के लोगो का।दरसल महानंदा की वजह से मौजाबाड़ी में भीषण कटाव हो रहा है,कटाव की वजह से अब तक सैकड़ो एकड़ कृषि योग्य भूमि और दर्ज़नो मकान नदी के आगोश में समा चुके है।हालात इतने बदतर है कि एक दिन में सैकड़ो मीटर कटाव हो रहा है।नदी के तट पर बसे लोग दहसत में है।लोंगो के मकान कटाव में चले जाने की वजह से सड़क किनारे प्लास्टिक तांग कर गुजर बसर करने को बेबस है।
लोगो ने अपने आशियाने को तिनका-तिनका जोड़कर बसाया था,और अब खुद ही उसे तोड़ रहे है,अपने मकान को कटाव में आने से पहले ही लोग उसे तोड़कर उसमे से ईंट और जरूरियात सामान निकाल लें रहे हैं ताकि कटाव में जाने से पहले कुछ तो निकल ले।गांव से कुछ ही दूरी पर नदी पर पूल है जिसके पास बने बाँध की वजह से इस साल नदी का रुख बदल गया और नदी में भीषण कटाव होने लगा।प्रशासन का कटाव रोकने का प्रयाश विफल साबित हो रहा है।
लोगो का कहना है कि उनके पास रहने का मकान नही और खाने को अनाज नही है।फिर से गुजर बसर करने के लिए जमीन भी नही है कि वो अपने लिए कच्चे मकान भी बना सके।अगर ज़िला प्रसाशन उन्हें मकान बनाने को भूमि नही देता है और उनकी समस्या का समाधान नही करता है तो उनलोगो के पास नदी में कूदकर आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नही रह जाएगा।


Conclusion:बाईट-हिमांशु शर्मा (जिलाधिकारी)
इस संबंध में जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा का कहना है कि मौजाबाड़ी में लगातार तेज़ कटाव हो रहा है,और हमने वहाँ पर सब्बि इंजीनियर और फ्लड कंट्रोल टीम को लगा दिया है।हम लोव जल्द ही कटाव रोकने में सफल हो जाएंगे।और जिनके मकान नदी के कटाव में चले गए है वैसे भूमिहिन लोगो के लिए सरकार का प्रावधान है कि जिसकी भूमि नदी के कटाव में चली जाती हैं, उन्हें सरकार फिर से बसाने के लिए भूमि और मुवावजा भी देती है।
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