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अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के नाम पर उगाही, DM बोले- जांच के बाद होगी कार्रवाई - Recovery in the name of officers in Kishanganj

किशनगंज अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के नाम पर अवैध उगाही का मामला सामने आया है. जिसमें डीएम ने डॉ. आदित्य प्रकाश कहा है कि मामले की जांच करके कार्रवाई की जाएगी.

किशनगंज अंचल कार्यालय
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Published : Sep 6, 2021, 6:09 PM IST

किशनगंज: बिहार के किशनगंज के अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज (Mutation) के नाम पर अवैध धन उगाही (Illegal Money Laundering) का मामला प्रकाश में आया है. नामांतरण के नाम पर वसूली कर्मचारी और उसके गुर्गे एक महिला से 50 हजार और एक व्यक्ति से एक लाख 25 हजार रुपए ऐंठ लिये. लेकिन उसके बावजूद भी दाखिल खारिज नहीं किया गया. जिससे परेशान पीड़ित न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं. हालांकि जिलाधिकारी ने माना कि इस संबंध में शिकायत मिली है. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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प्रदेश में घूसखोर अधिकारी लगाता निगरानी विभाग के हत्थे चढ़ रहे हैं. इसके बावजूद अधिकारियों और कर्मचारियों की घूसखोरी नहीं थम रही है. किशनगंज अंचल में घुसखोरी का भी मामला सामने आया है. जहां आरोप है कि दाखिल खारिज करवाने के लिए कर्मचारी मंजर आलम एवं उसके गुर्गे दिवाकर ने दो लोगों से 1 लाख 75 हजार रूपए वसूल लिये. लेकिन अभी तक उनका काम नहीं किया गया. जिसके बाद पीड़ितों ने मीडिया से न्याय की गुहार लगायी. पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि उसने दो एकड़ जमीन का दाखिल खारिज करवाने के लिए पत्नी के गहने बेच कर 1 लाख 25 हजार रूपए कर्मचारी मंजर आलम को दिया. लेकिन उन्हें अब टहलया जा रहा है. वहीं पीड़ित महिला ने 9 बीघा जमीन का दाखिल खारिज करवाने के लिए 50 हजार रुपया दिवाकर को दिया लेकिन महीनों बीत जाने के बाद उनका काम नहीं किया गया.

'रसीद काटने के लिए कर्मचारी मंजर आलम को 8 महीने पहले पत्नी का जेवर बेचकर एक लाख 25 हजार दिया था. लेकिन अभी तक काम नहीं हुआ.' -हुसैन हैदर, पीड़ित

'दाखिल खारिज के लिए 50 हजार दिया है, फिर भी ऑब्जेक्शन लगा दिया गया है. इस वजह बार-बार आना पड़ रहा है.' -नूर बेगम, पीड़िता

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सरकार ने दाखिल खारिज में मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है. लेकिन भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी रुकने का नाम नहीं ले रहा. अधिकारियों और कर्मचारियों ने इसमें भी वसूली का उपाय निकाल लिया. सर्वे के नाम पर आवेदकों को घुमाया जाता है. जमीन का दाखिल खारिज करवाने के नाम पर अवैध वसूली का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व भी सैकड़ों शिकायतें जिला प्रशासन को मिली हैं. डीएम ने हाल ही में बैठक कर सभी अंचलाधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर दाखिल खारिज का कार्य पूर्ण करने का सख्त निर्देश दिया था. इसके बावजूद भी कोई ना कोई अड़ंगा लगाकर वसूली के लिए दाखिल खारिज रोक दिया जाता है.

हालांकि इस संबंध में अंचलाधिकारी समीर कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि उनके नाम पर वसूली का जो आरोप लगाया गया है, वो निराधार है. वह इसकी जांच करेंगे. वहीं, जिला पदाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश ने इस पूरे मामले पर कहा कि उन्हें शिकायत मिली है. इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

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'कर्मचारी पर रुपये लेने का आरोप है तो पीड़ित लिखित आवेदन दे हम कार्रवाई करेंगे.' -समीर कुमार, अंचलाधिकारी

'म्यूटेशन के संबंध में कुछ शिकायते आयी हैं. उसकी पुष्टि होती है तो क्रिमिनल एक्शन स्टार्ट करेंगे और सिविल प्रोसिडिंग प्रारंभ की जाएगी.' -डॉ. आदित्य प्रकाश, डीएम

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