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किशनगंज: कनकई नदी बरपा रही है कहर, दर्जनों परिवार हुए बेघर - दर्जनों परिवार हुए बेघर

जिले में कनकई नदी का कहर जारी है. बहादुरगंज प्रखंड में कई गांव कनकई नदी के बढ़े जलस्तर का प्रकोप झेल रहा है. दर्जनों परिवार बेघर हो चुके हैं.

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Published : Jul 21, 2020, 10:44 PM IST

किशनगंज: जिले में कनकई नदी का कहर जारी है. बहादुरगंज प्रखंड में कई गांव कनकई नदी के बढ़े जलस्तर का प्रकोप झेल रहा है. नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. साथ ही लौचा पंचायत के सतमेढ़ी गांव में कनकई नदी से भीषण कटाव हो रहा है. जिसके कारण दर्जनों परिवार बेघर हो चुके हैं.

जिला पार्षद प्रतिनिधि इमरान आलम के नेतृत्व में अंचलाधिकारी कौशर इमाम, प्रखंड विकास पदाधिकारी जुल्फकार आदिल ने नाव से नदी पार कर सतमेढ़ी गांव का जायजा लिया. यहां अबतक दो दर्जन से अधिक परिवार टीन का छपरी बना कर ऊंची जगह में शरण ले चुके हैं. एक दर्जन से अधिक लोगों का घर नदी में विलीन हो चुका है. पिछले दिनों जल निस्सरण विभाग से कटाव निरोधक कार्य किया गया था. जो कटाव रोकने में फेल हो गया. साथ ही बम्बू रॉल से फ्लड फइटिंग कार्य भी किया गया. जिसके अधिकांश बम्बू रॉल को नदी अपने साथ बहा ले गयी.

देखें रिपोर्ट.

सड़क पर गुजारा कर रहे लोग
स्थानीय जहांगीर आलम ने बताया कि लोग सड़क पर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं. खुद से बांस बल्ली और प्लास्टिक जुटाकर झोपड़ी बना रहे हैं. साथ ही मवेशी रोड पर ही बंधे हैं. लेकिन बारिश की वजह से यहां भी चैन नहीं है. सांप और विषैले जीवों के काटने के डर के साथ लोग रात काट रहे हैं.

नहीं मिली कोई सरकारी मदद
वहीं स्थानीय मोहम्मद इरशाद ने बताया कि वो घर छोड़कर सड़क पर आ गए हैं. उन्होंने बताया कि ना तो खाने-पीने का कोई ठिकाना है ना हीं रहने का. लेकिन अब तक प्रशासन या सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. प्रशासन की ओर से सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए बीडिओ और सीओ गांव में आए थे. हमें बांस बल्ली से कटाव रोकने की बात कहकर चले गए.

किशनगंज: जिले में कनकई नदी का कहर जारी है. बहादुरगंज प्रखंड में कई गांव कनकई नदी के बढ़े जलस्तर का प्रकोप झेल रहा है. नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. साथ ही लौचा पंचायत के सतमेढ़ी गांव में कनकई नदी से भीषण कटाव हो रहा है. जिसके कारण दर्जनों परिवार बेघर हो चुके हैं.

जिला पार्षद प्रतिनिधि इमरान आलम के नेतृत्व में अंचलाधिकारी कौशर इमाम, प्रखंड विकास पदाधिकारी जुल्फकार आदिल ने नाव से नदी पार कर सतमेढ़ी गांव का जायजा लिया. यहां अबतक दो दर्जन से अधिक परिवार टीन का छपरी बना कर ऊंची जगह में शरण ले चुके हैं. एक दर्जन से अधिक लोगों का घर नदी में विलीन हो चुका है. पिछले दिनों जल निस्सरण विभाग से कटाव निरोधक कार्य किया गया था. जो कटाव रोकने में फेल हो गया. साथ ही बम्बू रॉल से फ्लड फइटिंग कार्य भी किया गया. जिसके अधिकांश बम्बू रॉल को नदी अपने साथ बहा ले गयी.

देखें रिपोर्ट.

सड़क पर गुजारा कर रहे लोग
स्थानीय जहांगीर आलम ने बताया कि लोग सड़क पर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं. खुद से बांस बल्ली और प्लास्टिक जुटाकर झोपड़ी बना रहे हैं. साथ ही मवेशी रोड पर ही बंधे हैं. लेकिन बारिश की वजह से यहां भी चैन नहीं है. सांप और विषैले जीवों के काटने के डर के साथ लोग रात काट रहे हैं.

नहीं मिली कोई सरकारी मदद
वहीं स्थानीय मोहम्मद इरशाद ने बताया कि वो घर छोड़कर सड़क पर आ गए हैं. उन्होंने बताया कि ना तो खाने-पीने का कोई ठिकाना है ना हीं रहने का. लेकिन अब तक प्रशासन या सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. प्रशासन की ओर से सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए बीडिओ और सीओ गांव में आए थे. हमें बांस बल्ली से कटाव रोकने की बात कहकर चले गए.

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