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किशनगंज: BSF की महिला जवान खुद को बता रही थी कोरोना वायरस पीड़ित, अस्पताल में मचा हड़कंप - किशनगंज बीएसएफ कैंप

किशनगंज सदर अस्पताल में एक महिला बीएसएफ जवान खुद को कोरोना वायरस से पीड़ित बता कर इलाज के लिए पहुंची. जिस वजह से अस्पताल में महिला जवान को देखने के लिए अस्पताल में लोगों की भीड़ जमा हो गई. हालांकि, जांच में महिला जवान में कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिला. इसके बाद उसे अस्पातल से छुट्टी दे दी गई.

BSF की महिला जवान
BSF की महिला जवान
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Published : Mar 14, 2020, 12:04 AM IST

किशनगंज: जिले के सदर अस्पताल में कोरोना वायरस की मरीज की सूचना पर अफरा-तफरी मच गई. दरअसल, बीएसएफ की एक महिला जवान अपने को कोरोना वायरस की मरीज बता रही थी. इस वजह से अस्पताल परिसर हड़कंप मच गया. हालांकि, जांच के दौरान चिकित्सकों ने कहा कि महिला जवान में वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए गए. उसे मामूली सर्दी-खांसी थी. इस वजह से उसका उपचार कर उसे अस्पाताल से छुट्टी दे दी गई.

'135 वी वाहिनी में कॉन्स्टेबल है महिला'
इसको लेकर अस्पताल के प्रभारी सीएस डॉ. रफत हुसैन ने बताया कि बीएसएफ की एक महिला जवान खांसी, बुखार और सासं फूलने पर कोरोना वायरस की आशंका से डरी हुई थी. शुक्रवार की शाम को वह सदर अस्पताल आई हुई थी. महिला जवान मरीज किशनगंज खगरा स्थित बीएसएफ के 135 वी वाहिनी में कॉन्स्टेबल है. महिला जवान का नाम डाखो सीकरबार पति स्व.किरण सिंह चौहान उम्र 41 वर्ष है. सदर अस्पताल में महिला जवान पहुंचते ही हड़कंप मच गया. अस्पताल में जैसे ही अन्य मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को इस बारे में भनक लगी. मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई. वहीं, मौके पर पहुंचे प्रभारी सीएस डॉक्टर रफत हुसैन, डीएस डॉक्टर अनवर हुसैन, डॉक्टर अजीत कुमार ने मरीज से बात की और महिला जवान की समस्या को सुनकर कहा कि महिला जवान में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं हैं. हालांकि, महिला जवान का मोबाइल नंबर ले लिया गया है. उसपर नजर रखी जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मास्क पहनकर देखने पहुंचे लोग'
जानकारी के अनुसार महिला कॉन्स्टेबल 10 मार्च को मध्यप्रदेश के ग्वालियर से किशनगंज बीएसएफ कैंप पहुंची थी. उसे पिछले 3 दिनों से खांसी, जुखाम, सर्दी और सांस लेने में परेशानी हो रही थी. जिस वजह से महिला जवान इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंची. जहां ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ अजीत कुमार ने पहले अपने स्तर से जांच की, इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना डीएस और एमओ को दिया. डीएस और एमओ ने महिला जवान के परेशानी को पूछा और कोरोना लक्षण की बात से इनकार किया. लेकिन महिला जवान अपने-आप को कोरोना पीड़ित बता रही थी और कोरोना जांच करने की मांग कर रही थी. जिसके बाद प्रभारी सीएस महिला जवान को समझाया लेकिन फिर भी वह मानने को तैयार नहीं थी. जिस वजह से सीएस ने बीएसएफ के वरीय अधिकारी से बात कर उन्हें मामले की सूचना दी. इस दौरान अस्पताल में कोरोना वायरस मरीज की खबर आग की तरह फैल गई. इसके बाद अस्पताल में लोगों मास्क पहनकर महिला जवान को देखने के लिए आ पहुंचे.

किशनगंज: जिले के सदर अस्पताल में कोरोना वायरस की मरीज की सूचना पर अफरा-तफरी मच गई. दरअसल, बीएसएफ की एक महिला जवान अपने को कोरोना वायरस की मरीज बता रही थी. इस वजह से अस्पताल परिसर हड़कंप मच गया. हालांकि, जांच के दौरान चिकित्सकों ने कहा कि महिला जवान में वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए गए. उसे मामूली सर्दी-खांसी थी. इस वजह से उसका उपचार कर उसे अस्पाताल से छुट्टी दे दी गई.

'135 वी वाहिनी में कॉन्स्टेबल है महिला'
इसको लेकर अस्पताल के प्रभारी सीएस डॉ. रफत हुसैन ने बताया कि बीएसएफ की एक महिला जवान खांसी, बुखार और सासं फूलने पर कोरोना वायरस की आशंका से डरी हुई थी. शुक्रवार की शाम को वह सदर अस्पताल आई हुई थी. महिला जवान मरीज किशनगंज खगरा स्थित बीएसएफ के 135 वी वाहिनी में कॉन्स्टेबल है. महिला जवान का नाम डाखो सीकरबार पति स्व.किरण सिंह चौहान उम्र 41 वर्ष है. सदर अस्पताल में महिला जवान पहुंचते ही हड़कंप मच गया. अस्पताल में जैसे ही अन्य मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को इस बारे में भनक लगी. मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई. वहीं, मौके पर पहुंचे प्रभारी सीएस डॉक्टर रफत हुसैन, डीएस डॉक्टर अनवर हुसैन, डॉक्टर अजीत कुमार ने मरीज से बात की और महिला जवान की समस्या को सुनकर कहा कि महिला जवान में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं हैं. हालांकि, महिला जवान का मोबाइल नंबर ले लिया गया है. उसपर नजर रखी जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मास्क पहनकर देखने पहुंचे लोग'
जानकारी के अनुसार महिला कॉन्स्टेबल 10 मार्च को मध्यप्रदेश के ग्वालियर से किशनगंज बीएसएफ कैंप पहुंची थी. उसे पिछले 3 दिनों से खांसी, जुखाम, सर्दी और सांस लेने में परेशानी हो रही थी. जिस वजह से महिला जवान इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंची. जहां ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ अजीत कुमार ने पहले अपने स्तर से जांच की, इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना डीएस और एमओ को दिया. डीएस और एमओ ने महिला जवान के परेशानी को पूछा और कोरोना लक्षण की बात से इनकार किया. लेकिन महिला जवान अपने-आप को कोरोना पीड़ित बता रही थी और कोरोना जांच करने की मांग कर रही थी. जिसके बाद प्रभारी सीएस महिला जवान को समझाया लेकिन फिर भी वह मानने को तैयार नहीं थी. जिस वजह से सीएस ने बीएसएफ के वरीय अधिकारी से बात कर उन्हें मामले की सूचना दी. इस दौरान अस्पताल में कोरोना वायरस मरीज की खबर आग की तरह फैल गई. इसके बाद अस्पताल में लोगों मास्क पहनकर महिला जवान को देखने के लिए आ पहुंचे.

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