ETV Bharat / state

12 साल से यहां न डॉक्टर आए न नर्स, बस कागजों में चल रहा स्वास्थ्य केंद्र - sarkari health system

ग्रामीण कहते हैं कि कभी कोई बीमार होता है तो आधी रात में भी गांव से दूर चारपाई से ही मरीज को शहर अस्पताल लेकर जाना पड़ता है. दियारा क्षेत्र होने के कारण उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.

स्वास्थ्य व्यवस्था
author img

By

Published : May 14, 2019, 1:55 PM IST

खगड़ियाः यहां के गोगरी प्रखंड में पौरा गांव में स्वास्थय केंद्र तो 12 साल पहले ही बन गया था लेकिन गांव वालों को अभी तक इसकी सुविधा नहीं मिली. डॉक्टर तो दूर आज तक यहां एक नर्स भी अपनी ड्यूटी करने नहीं पहुंची. 2007 में बना ये स्वास्थ्य केंद्र केवल कागजों में ही चल रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि साल 2007 में इसका निर्माण हुआ था. इसके बाद से ही स्वास्थ्य केंद्र में कभी कोई डॉक्टर या एनएम नहीं आए. ये इलाका दुर्गम क्षेत्र में पड़ता है इसलिए स्वास्थ्य प्रसाशन से जुड़े अधिकारी भी निरीक्षण करने नहीं आते. वे कहते हैं कि कभी कोई बीमार होता है तो आधी रात में भी गांव से दूर चारपाई से ही मरीज को शहर अस्पताल लेकर जाना पड़ता है.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोले ग्रामीण

कई बार की गई शिकायत
ग्रामीण कहते हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्था की इस हालत के बारे में डीएम और चिकित्सा अधिकारी को कई बार लिखित शिकायत की गई. प्रशासन को कहते-कहते थक गए, अधिकारी कहते हैं सही समय पर खुल जाएगा. मगर कब? उनका कहना है कि दियारा क्षेत्र होने के कारण उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं, इस चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था पर जब खगड़िया के सिविल सर्जन से बात करनी चाही तो वे कैमरे के आगे बोलने से बचे केवल कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार से जब इस पर प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि स्वास्थ्य केंद्र तो खुला हुआ है. बाद में ग्रामीणों के बयान के आधार पर उन्होंने इसकी जांच करने की बात कही.

चुनावी मौसम में नेता नए-नए वादे तो कर रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था का ये हाल सभी दावों की पोल खोल रहा है. ऐसे समय में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जमीनी स्तर पर आकलन की जरूरत है.

खगड़ियाः यहां के गोगरी प्रखंड में पौरा गांव में स्वास्थय केंद्र तो 12 साल पहले ही बन गया था लेकिन गांव वालों को अभी तक इसकी सुविधा नहीं मिली. डॉक्टर तो दूर आज तक यहां एक नर्स भी अपनी ड्यूटी करने नहीं पहुंची. 2007 में बना ये स्वास्थ्य केंद्र केवल कागजों में ही चल रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि साल 2007 में इसका निर्माण हुआ था. इसके बाद से ही स्वास्थ्य केंद्र में कभी कोई डॉक्टर या एनएम नहीं आए. ये इलाका दुर्गम क्षेत्र में पड़ता है इसलिए स्वास्थ्य प्रसाशन से जुड़े अधिकारी भी निरीक्षण करने नहीं आते. वे कहते हैं कि कभी कोई बीमार होता है तो आधी रात में भी गांव से दूर चारपाई से ही मरीज को शहर अस्पताल लेकर जाना पड़ता है.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोले ग्रामीण

कई बार की गई शिकायत
ग्रामीण कहते हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्था की इस हालत के बारे में डीएम और चिकित्सा अधिकारी को कई बार लिखित शिकायत की गई. प्रशासन को कहते-कहते थक गए, अधिकारी कहते हैं सही समय पर खुल जाएगा. मगर कब? उनका कहना है कि दियारा क्षेत्र होने के कारण उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं, इस चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था पर जब खगड़िया के सिविल सर्जन से बात करनी चाही तो वे कैमरे के आगे बोलने से बचे केवल कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार से जब इस पर प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि स्वास्थ्य केंद्र तो खुला हुआ है. बाद में ग्रामीणों के बयान के आधार पर उन्होंने इसकी जांच करने की बात कही.

चुनावी मौसम में नेता नए-नए वादे तो कर रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था का ये हाल सभी दावों की पोल खोल रहा है. ऐसे समय में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जमीनी स्तर पर आकलन की जरूरत है.

Intro:सूबे की सरकार विकाश की लाखों दावे कर रही है।जैसे: राज्य में सड़क विकाश हुआ,शिक्षा विकाश हुआ या स्वास्थ्य विकाश हुआ। खगड़िया जिले से स्वास्थ्य विकाश से जुड़ा एक मुद्दा हम ले कर आये है आप के पास जो सरकार के सभी दावों को पोल खोलने के लिए एक बहुत बड़ा उदहारण है।


Body:सूबे की सरकार विकाश की लाखों दावे कर रही है।जैसे: राज्य में सड़क विकाश हुआ,शिक्षा विकाश हुआ या स्वास्थ्य विकाश हुआ। खगड़िया जिले से स्वास्थ्य विकाश से जुड़ा एक मुद्दा हम ले कर आये है आप के पास जो सरकार के सभी दावों को पोल खोलने के लिए एक बहुत बड़ा उदहारण है।
खगड़िया के गोगरी प्रखंड में पौरा गांव है यंहा एक स्वास्थ्य केंद्र है जो 2007 में 12 साल पहले यंहा के अस्थनीयो के लिए बनाया गया था,लेकिन यंहा क्या इलाज होता है कितने ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ इस से मिलता है इसका जवाब देने वाला कोई नही है।इसलिए हम उन ग्रामीणों से ही बात किये जिनके लिए ये अतरिक्त स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है।
ग्रामीण कहते है कि इस स्वास्थ्य केंद्र में कभी कोई डॉक्टर या एन एम नही आते। चुकी ये इलाका दुर्गम क्षेत्र में पड़ता है इसलिए स्वास्थ्य प्रसाशन से जुड़े अधिकारी निरक्षण करने भी कभी नही आते।ग्रामीण कहते है कि इस आधुनिक दुनिया मे भी हमलोग खाट के सहारे ही मरीज को यंहा से वहां इलाज कराने ले कर आते जाते है।आसपास में कोई अस्पताल नही होने के वजह से लगातार अनहोनी भी होती रहती है लेकिन हमलोग को दियारा क्षेत्र में रहने के वजह से लगातार अनदेखा किया जाता रहा है जिसके वजह से हमलोग।

इस अतरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के बारे में हमने जानकारी लेने और सिविल सर्जन की प्रतिक्रिया लेने की कोशिस की तो सिविल सर्जन का कहना रहा की इस पर कार्यवाई करंगे लेकिन कैमरे पर कुछ बोलेंगे नही इसके बाद जिला अधिकारी अनिरुद्ध कुमार से हमने जब इस पर प्रतक्रिया ली तो उनका कहना था कि नही ऐसा नही है की वो खुलता नही है,खुलता है लेकिन डॉक्टर की नियुक्ति नही है लेकिन हमने जब ग्रामीणों की कही गई बात को सुनाई तो जिलाधिकारी ने बात को मानते हुए कहे की सिविल सर्जन को बोल कर सो कॉज मांगता हूं




Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.