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आजादी के दशकों बाद भी नहीं हुआ पुल का निर्माण, निराश ग्रामीणों ने चंदे से बनाया चचरी पुल

खगड़िया से महज आठ किलोमीटर दूर मानसी प्रखंड के मटिहानी और टिका रामपुर दियारा को जोड़ने के लिए गंडक नदी की मुख्यधारा पर बांस का चचरी पुल बनाया गया है. पुल के निर्माण से लोगों को सहूलियत मिल रही है.

चचरी पुल
चचरी पुल
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Published : Dec 30, 2020, 7:50 PM IST

खगड़िया: सात नदियों से घिरे जिले के कई इलाके आजादी के दशकों बाद भी मुख्य सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं. जिसकी वजह से इलाके के लोगों को काफ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में गंडक नदी पर जब पुल की मांग पूरी नहीं हुई तो ग्रामीणों ने खुद के चंदे से बांस का चचरी पुल बनाया. अब यही पुल इनकी जरुरतों को पूरा कर रहा है.

ग्रामीणों ने बनाया चचरी पुल
जिले से महज आठ किलोमीटर दूर मानसी प्रखंड के मटिहानी और टिका रामपुर दियारा को जोड़ने के लिए गंडक नदी की मुख्यधारा पर बांस का चचरी पुल बनाया गया है. यह बांस का पुल नहीं बल्कि ग्रामीणों के जज्बे का पुल है. आजादी के बाद से लेकर आज तक इस घाट पर पुल बनाने की मांग दशकों से की जा रही है. लेकिन किसी भी सरकार ने इस इलाके के लोगों की तकलीफ समझकर पुल के काम को पूर्ण करने का जहमत नहीं उठाया. सालों पहले इस घाट पर पुल निर्माण का काम शुरू तो हुआ, लेकिन आज तक वह पूरा ही नहीं हुआ है. नाव से नदी पार करना या इस बांस के चचरी पुल के सहारे नदी के इस पार से उस पार होना इस इलाके के लोगों की नियति बन गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कई बार हो चुके हैं हादसे का शिकार
नदी पार करने के दौरान कई बार इस इलाके के लोग हादसे के शिकार भी हुए हैं और बेमौत मारे भी गए हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि हर बार चुनाव के समय में जनप्रतिनिधि आते हैं और पुल निर्माण का कार्य पूर्ण करने का वादा कर चले जाते हैं. यही वजह है आज तक यहां पर पुल निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है. स्थानीय मनोरमा देवी बताती हैं कि एक नाव दुर्घटना में दर्जनों लोग लापता हो गए थे. जिसमें उसके घर के भी दो लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, अब ग्रामीणों के सहयोग से पुल बनाया गया जिससे थोड़ी सहूलियत मिल रही है.

खगड़िया: सात नदियों से घिरे जिले के कई इलाके आजादी के दशकों बाद भी मुख्य सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं. जिसकी वजह से इलाके के लोगों को काफ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में गंडक नदी पर जब पुल की मांग पूरी नहीं हुई तो ग्रामीणों ने खुद के चंदे से बांस का चचरी पुल बनाया. अब यही पुल इनकी जरुरतों को पूरा कर रहा है.

ग्रामीणों ने बनाया चचरी पुल
जिले से महज आठ किलोमीटर दूर मानसी प्रखंड के मटिहानी और टिका रामपुर दियारा को जोड़ने के लिए गंडक नदी की मुख्यधारा पर बांस का चचरी पुल बनाया गया है. यह बांस का पुल नहीं बल्कि ग्रामीणों के जज्बे का पुल है. आजादी के बाद से लेकर आज तक इस घाट पर पुल बनाने की मांग दशकों से की जा रही है. लेकिन किसी भी सरकार ने इस इलाके के लोगों की तकलीफ समझकर पुल के काम को पूर्ण करने का जहमत नहीं उठाया. सालों पहले इस घाट पर पुल निर्माण का काम शुरू तो हुआ, लेकिन आज तक वह पूरा ही नहीं हुआ है. नाव से नदी पार करना या इस बांस के चचरी पुल के सहारे नदी के इस पार से उस पार होना इस इलाके के लोगों की नियति बन गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कई बार हो चुके हैं हादसे का शिकार
नदी पार करने के दौरान कई बार इस इलाके के लोग हादसे के शिकार भी हुए हैं और बेमौत मारे भी गए हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि हर बार चुनाव के समय में जनप्रतिनिधि आते हैं और पुल निर्माण का कार्य पूर्ण करने का वादा कर चले जाते हैं. यही वजह है आज तक यहां पर पुल निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है. स्थानीय मनोरमा देवी बताती हैं कि एक नाव दुर्घटना में दर्जनों लोग लापता हो गए थे. जिसमें उसके घर के भी दो लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, अब ग्रामीणों के सहयोग से पुल बनाया गया जिससे थोड़ी सहूलियत मिल रही है.

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