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खगड़िया में रोजाना लगती है 'मौत की मंडी', प्रशासन कर रहा किसी अनहोनी का इंतजार! - खगड़िया रेलवे स्टेशन

मंडी लगाने वाले फुटकर विक्रेताओं ने बताया कि उन्हें कहीं भी दुकान लगाने के लिए जगह नहीं मिलती इसलिए वो सभी यहां दुकान लगते हैं.उन्होंने बताया कि पेट पालने के कारण उन्हें ये जोखिम उठानी पड़ती है.

खगड़िया
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Published : Aug 19, 2019, 4:33 PM IST

खगड़िया: यहां के रेलवे स्टेशन से महज 100 मीटर की दूरी पर एक मंडी लगती है. जिसे मौत की मंडी कहें तो कुछ गलत नहीं होगा. इस मंडी से महज दो कदम की दूरी पर रेलवे ट्रैक है, जहां से 24 घंटे ट्रेन गुजरती है. किसी भी वक्त यहां बड़ी अनहोनी हो सकती है, लेकिन प्रशासन को इसकी कोई फिक्र नहीं है.

विक्रेता का बयान

प्रशासन नहीं लेता कोई सूध
खगड़िया रेलवे प्रसाशन के तरफ से आज तक इसके लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. शायद किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है. ईटीवी भारत की टीम जब इस बारे में रेलवे प्रशासन और जीआरपी से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

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रेलवे ट्रैक के किनारे लगती है सब्जी मंडी

मामले को टालते नजर आए अधिकारी
इस बारे में पूछने पर रेलवे स्टेशन मास्टर प्रवीण कुमार ने कहा कि जोन के डीआरएम इस बारे में बता सकते हैं. यह क्षेत्र उनके अधिकृत नहीं है. यही नहीं जीआरपी थाना के थाना अध्यक्ष एएन दुबे भी रेलवे एसपी से बात करने की सलाह देकर मामले को टालते नजर आए.

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जान जोखिम में डालकर लोग करते हैं रेलवे ट्रैक पार

पापी पेट का है सवाल
वहीं, मंडी लगाने वाले फुटकर विक्रेताओं ने बताया कि उन्हें कहीं भी दुकान लगाने के लिए जगह नहीं मिलती इसलिए वो सभी यहां दुकान लगते हैं.उन्होंने बताया कि पेट पालने के कारण उन्हें ये जोखिम उठानी पड़ती है.

खगड़िया: यहां के रेलवे स्टेशन से महज 100 मीटर की दूरी पर एक मंडी लगती है. जिसे मौत की मंडी कहें तो कुछ गलत नहीं होगा. इस मंडी से महज दो कदम की दूरी पर रेलवे ट्रैक है, जहां से 24 घंटे ट्रेन गुजरती है. किसी भी वक्त यहां बड़ी अनहोनी हो सकती है, लेकिन प्रशासन को इसकी कोई फिक्र नहीं है.

विक्रेता का बयान

प्रशासन नहीं लेता कोई सूध
खगड़िया रेलवे प्रसाशन के तरफ से आज तक इसके लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. शायद किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है. ईटीवी भारत की टीम जब इस बारे में रेलवे प्रशासन और जीआरपी से बात करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

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रेलवे ट्रैक के किनारे लगती है सब्जी मंडी

मामले को टालते नजर आए अधिकारी
इस बारे में पूछने पर रेलवे स्टेशन मास्टर प्रवीण कुमार ने कहा कि जोन के डीआरएम इस बारे में बता सकते हैं. यह क्षेत्र उनके अधिकृत नहीं है. यही नहीं जीआरपी थाना के थाना अध्यक्ष एएन दुबे भी रेलवे एसपी से बात करने की सलाह देकर मामले को टालते नजर आए.

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जान जोखिम में डालकर लोग करते हैं रेलवे ट्रैक पार

पापी पेट का है सवाल
वहीं, मंडी लगाने वाले फुटकर विक्रेताओं ने बताया कि उन्हें कहीं भी दुकान लगाने के लिए जगह नहीं मिलती इसलिए वो सभी यहां दुकान लगते हैं.उन्होंने बताया कि पेट पालने के कारण उन्हें ये जोखिम उठानी पड़ती है.

Intro:यू तो पूरे बिहार के सभी जिलों में बिहार सरकार का जिला प्रसाशन अपने कर्मो में विफल ही दिखता है लेकिन किसी-किसी जिला से जिला प्रसाशन की अच्छी पहल भी दिख जाती है


Body:यू तो पूरे बिहार के सभी जिलों में बिहार सरकार का जिला प्रसाशन अपने कर्मो में विफल ही दिखता है लेकिन किसी-किसी जिला से जिला प्रसाशन की अच्छी पहल भी दिख जाती है अगर ऐसे में आप खगड़िया जिला की तरफ रुख करते है तो यंहा सिर्फ सिर्फ नकामी ही नजर आएगी आपको चाहे आप किसी भी वीभाग की बात करे जिला प्रसाशन का कोई विभाग हो स्वास्थ्य प्रसाशन हो या रेलवे प्रसाशन ही क्यों ना हो। ऐसा लगता है जैसे आपस मे यंहा सभी विभागों में रेस लगी हो कि हम सब से विफल तो हम सब से विफल।
आज हम बात कर रहे है खगड़िया रेलवे प्रसाशन और जीआरपी की।खगड़िया रेलवे स्टेशन से महज 100 मीटर की दूरी पर एक मंडी लगती है इसको आप मौत की मंडी भी कह सकते है। क्यों कि ये मंडी रेलवे ट्रैक से महज 2 कदम की दूरी पर सजती है और 24 घण्टे में से 18 घण्टे मौत को बुलावा देती है। खैर अब तक यंहा कोई अनहोनी हुई नही है लेकिन कब यंहा एक बड़ी दुर्घटना हो जाये ये कहा नही जा सकता कब खगड़िया रेलवे प्रसाशन की पूरे देश मे चर्चा होनी लगे ये कहा नही जा सकता।
बहरहाल हैरतंगेज करने वाला खगड़िया रेलवे प्रसाशन अब तक इस पर एक छोटा सा कदम भी नही उठाया है मानिए वो एक बड़ी दुर्घटना होने का इंतेजार में बैठे हो रेलवे प्रसाशन और जीआरपी अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए ETV BHARAT के कैमरे पर कुछ भी बोलने से भी कतराते रहे रेलवे स्टेशन मास्टर प्रवीण कुमार ने सीधे कह दिया कि आप जोन के डीआरएम से बात किजये हमलोग अधिकृत नही है और ऐसा ही मिलता जुलता जवाब जीआरपी थाना के थाना अध्यक्ष एएन दुबे न भी मशवरा दिया कि रेलवे एसपी से बात किजये जो की कटिहार में बैठेते है।
अब जरा मंडी लगाने वाले फुटकर विक्रेताओं की बात को जान लीजये की वो क्या कह रहे है फुटकर विक्रताओं में ज़्यादातर संख्या महिलाओं की है एक महिला विक्रेता ने कहा कि कंही दुकान लगाने का जगह नही मिलता इसलिए यंहा आ कर दुकान लगती हूं । हमने पूछा कि क्या आप को डर नही लगता ? तो महिला का जवाब था कि डर तो लगता है लेकिन क्या करे बच्चो का पेट पालना है इसलिए मजबूरी है इसके हमरा दूसरा सवाल था कि क्या यंहा रेलवे वे तरफ से कोई मना करने आप लोग को बाजार लगाने से रोकने नही आता तो महिला का जवाब था कि ऐसे तो कोई नही आता सिर्फ त्योहार के दिनों में कभी कभार कोई आ जाता है रोकने के लिए

(इस खबर में किसी भी अधिकारी का बाइट नही मिल पा रही है,जीआरपी थाना प्रभारी बोल रहे मैं अधिकृत नही हु और रेल एसपी खगडिया आते नही है)


Conclusion:
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