खगड़िया: जिले में बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पहले से ही कोशी, बागमती और बुढी गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी, अब गंगा का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर हो गया है.
1.5 लाख की आबादी है प्रभावित
जिले के 7 प्रखंड की 41 पंचायत के 135 गांव बाढ़ से घिरे हैं. जिससे डेढ़ लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है. ऐसे में लोगों के आने-जाने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है. सरकार की ओर से बाढ़ प्रभवित इलाकों में डेढ़ सौ नाव उपलब्ध कराई गई है. फिर भी लोगों को पानी में आने-जाने के लिए जुगाड़ टेक्नोलॉजी का सहारा लेना पड़ रहा है. जिससे डूबने का भी खतरा बना रहता है.
ट्यूब का है सहारा
सदर प्रखंड के मोरकाही गांव में कुछ ऐसे ही नजारा देखते को मिला. जहां लोग आने जाने के लिए ट्यूब का सहारा ले रहे हैं. लोगों ने बताया कि दबंग प्रवृत्ति के लोगों ने नाव पर कब्जा जमा लिया है. वे लोग अपने हिसाब से नावों का संचालन करते हैं. बाकी लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसलिए लोग मजबूरी में ट्यूब के सहारे पानी में आने-जाने को मजबूर हैं.