खगड़िया: बिहार सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात कर लें. लेकिन, इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के चौथम प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की भारी कमी है. मरीजों को यहां दर- दर भटकना पड़ रहा है. अस्पताल में डॉक्टरों के नहीं होने मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
क्या कहते हैं ग्रामीण ?
ग्रामीण बताते हैं कि इस स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ एक ही डॉक्टर नियुक्त हैं. वह भी सप्ताह में तीन ही दिन आते हैं. ऐसे में लोगों को इलाज कराने में काफी समस्या होती है. यहां तक इस स्वास्थ्य केंद्र में एनएम की भी दर्शन नहीं होता है. मरीजों का कहना है कि यहां की स्थिति काफी बदत्तर है. डॉक्टर के नहीं होने के कारण मरीजों को निजी क्लिनिक की ओर रुख करना पड़ता है.
सफाई से दूर अस्पताल
यहां गर्भवती महिलाओं को गंदे चादर पर दिन गुजानरा पड़ता है. उन्होंने कहा कि रुटीन के अनुसार यहां मरीजों को भोजन तक नहीं मिलता है. जहां तक बात साफ-सफाई की करें, तो यह कहना कहीं से नहीं गलत होगा कि यहां इस मामले में सफाई कोसों दूर है.
क्या बेले सिविल सर्जन ?
इस संबंध में अस्पताल के सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल ने बताया कि डॉक्टरों की कमी से पूरा अस्पताल जूझ रहा है. पूरे बिहार में डॉक्टर की भारी कमी है. फिर भी अगर अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई गड़बरी पाई गई तो उसपर कार्रवाई जरुर की जाएगी.