खगड़िया: जिले के परबत्ता प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की हालत जर्जर है. यहां पर डॉक्टरों की घोर कमी है. लोगों को इलाज करवाने के लिए अस्पताल में घंटों इंतजार करना पड़ता है. खासकर गर्भवती महिलाओं को इसके कारण खासी दिक्कत झेलनी पड़ती है. ऐसे में मरीजों को निजी क्लिनिक का रुख करना पड़ता है.
गर्भवती महिलाओं को नहीं मिलता खाना
जानकारी के मुताबिक अस्पताल में मरीज तो आते हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं रहते. वहीं, कुछ महिलाओं का कहना हैं कि प्रसव के बाद उन्हें वॉर्ड से बाहर बैठा दिया जाता है और कहा जाता है कि एम्बुलेंस अभी दूसरे इलाके में मरीज को छोड़ने गई है. जब आएगी तो उन्हें लेकर जाएगी. ऐसे में प्रसव के बाद महिलाएं नवजात को लेकर अस्पताल के बाहर पड़ी रहती है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि गर्भवती महिलाओं को न तो नाश्ता दिया जाता है, न ही खाना.
'डॉक्टरों की कमी की वजह से होती है परेशानी'
लाखों रुपये की लागत से परबत्ता के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को बनाया गया है. साथ ही इसमें हर तरह की सुविधा दी गई है. लेकिन इन सभी सुविधाओं को अस्पताल में संचालित करने वाला कोई नहीं है. ईटीवी भारत ने जब अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस की कमी के वजह से लोगों को इंतजार करना पड़ता है.
डॉक्टरों की कमी पर उन्होंने कहा कि पूरे जिले में यही हाल है. ऐसे में इसके बारे में वे कई बार सिविल सर्जन को लिख चुके हैं, लेकिन डॉक्टरों की नियुक्ति का उन्हें पता नहीं. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की कमी की वजह से काफी परेशानियां होती हैं.