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खगड़ियाः मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर 700 मजदूरों ने युद्धस्तर पर किया काम, लेकिन नहीं मिली मजदूरी - दो विभागों के बीच फंसा मामला

मुख्यमंत्री वैसिक जलकर का निरीक्षण करेंगे, ये पहले से तय था. ऐसे में इसकी सफाई के लिए 700 मजदूरों को काम पर लगाया गया था. उस समय ठंड भी काफी थी. ऐसे में कई मजदूर ज्यादा देर तक पानी में रहने से बीमार भी पड़ गए. फिर भी उन्हें समय पर मजदूरी नहीं मिली.

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Published : Jan 22, 2020, 11:15 AM IST

खगड़ियाः जल जीवन हरियाली यात्रा के तहत 4 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिले में आगमन हुआ था. मुख्यमंत्री तेलिहार गांव में वैसकी जलकर के जीणोद्धार का निरीक्षण करने वाले थे. इसके लिए 700 मजदूरों को लगाकर युद्ध स्तर पर तैयारी करवाई गई थी. लेकिन 17 दिन बीत जाने के बाद भी इन मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है.

700 मजदूरों को लगाया गया था काम पर
बता दें कि जब नीतीश कुमार का जिले में दौरा होने वाला था तब जिला प्रशासन की टीम युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई थी. मुख्यमंत्री वैसिक जलकर का निरीक्षण करेंगे, ये पहले से तय था. ऐसे में इसकी सफाई के लिए 700 मजदूरों को काम पर लगाया गया था. उस समय ठंड भी काफी थी. ऐसे में कई मजदूर ज्यादा देर तक पानी में रहने से बीमार भी पड़ गए. फिर भी उन्हें समय पर मजदूरी नहीं मिली.

17 दिन बीत जाने के बाद भी मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी

दो विभागों के बीच फंसा मामला
जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि ये काम लघु सिंचाई विभाग ने किया था, लेकिन उनका कहना है कि फिशिंग डिपार्टमेंट को इन मजदूरों का पैसा भुगतान करना है. ऐसे में मामला फंस गया है. राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है. जैसे ही वहां से निर्देश आ जाएगा, मजदूरों को पैसा दे दिया जाएगा. मजदूरों की 4 लाख 68 हजार मजदूरी अभी बाकी है. ये एक बड़ी रकम है. इस वजह से दोनों विभाग फंड देने में हिचक रहे हैं.

खगड़ियाः जल जीवन हरियाली यात्रा के तहत 4 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिले में आगमन हुआ था. मुख्यमंत्री तेलिहार गांव में वैसकी जलकर के जीणोद्धार का निरीक्षण करने वाले थे. इसके लिए 700 मजदूरों को लगाकर युद्ध स्तर पर तैयारी करवाई गई थी. लेकिन 17 दिन बीत जाने के बाद भी इन मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है.

700 मजदूरों को लगाया गया था काम पर
बता दें कि जब नीतीश कुमार का जिले में दौरा होने वाला था तब जिला प्रशासन की टीम युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई थी. मुख्यमंत्री वैसिक जलकर का निरीक्षण करेंगे, ये पहले से तय था. ऐसे में इसकी सफाई के लिए 700 मजदूरों को काम पर लगाया गया था. उस समय ठंड भी काफी थी. ऐसे में कई मजदूर ज्यादा देर तक पानी में रहने से बीमार भी पड़ गए. फिर भी उन्हें समय पर मजदूरी नहीं मिली.

17 दिन बीत जाने के बाद भी मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी

दो विभागों के बीच फंसा मामला
जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि ये काम लघु सिंचाई विभाग ने किया था, लेकिन उनका कहना है कि फिशिंग डिपार्टमेंट को इन मजदूरों का पैसा भुगतान करना है. ऐसे में मामला फंस गया है. राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है. जैसे ही वहां से निर्देश आ जाएगा, मजदूरों को पैसा दे दिया जाएगा. मजदूरों की 4 लाख 68 हजार मजदूरी अभी बाकी है. ये एक बड़ी रकम है. इस वजह से दोनों विभाग फंड देने में हिचक रहे हैं.

Intro:बीते दिनों 4 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का खगडिया में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान आगमन हुआ था,मुख्यमंत्री खगड़िया के तेलिहार गांव में जीणोद्धार किए गए वैसकी जलकर का निरक्षण किए थे लेकिन उस जलकर में लगे 700 मजदूरों को 17 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक मजदूरी नही मिली है।


Body:बीते दिनों 4 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का खगडिया में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान आगमन हुआ था,मुख्यमंत्री खगड़िया के तेलिहार गांव में जीणोद्धार किए गए वैसकी जलकर का निरक्षण किए थे लेकिन उस जलकर में लगे 700 मजदूरों को 17 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक मजदूरी नही मिली है।

भीषण ठंड में कई-कई घन्टे लगातार पानी मे थे मजदूर
आप को बता दे कि जब नीतीश कुमार का दौरा होने वाला था खगड़िया में तब यंहा की जिला प्रशासन की टीम युद्ध अस्तर पर तैयारी में जुटी हुई थी और हजारों मजदूरों को काम मे लगाया गया था। और उस समय खगड़िया में ठंड भी अपने चरम सीमा पर थी वैसे में कई मजदूर पानी मे ज्यादा देर रहने के वजह से बीमार भी पड़ गए। और दो तरफ़ा मार उन्हें तब लगी जब मजदूरी भी समय पर नही मिली।

वैसिक जलकर का जनोर्धार होना था और पहले से तय था कि मुख्यमंत्री इसी जलकर का निरीक्षण करनेगें ऐसे में इस जलकर को साफ करने के लिए 700 मजदूरों को लगाया गया और ये मजदूर दिन रात एक कर के इसका जनोर्धार किए लेकिन बदले में क्या मिला इनको अधिकारियों के यंहा चक्कर।

700 मजदूरों की 4 लाख 68 हजार मजदूरी बाकी है। ये एक बड़ी रकम है इस वजह से दोनों विभाग फंड देने में हिचक रहे है। क्यों की अगर किसी विभाग से गलती हो जाती है तो उस विभाग के अधिकारी को ये पैसा अपने जेब से सरकार को देना पड़ जायगा।
दो विभागों के बीच अटका है मामला
जिला अधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि ये काम लघु सिंचाई विभाग के द्वारा किया गया था लेकिन विभाग का कहना है कि फिशिंग डिपार्टमेंट को इन मजदूरों का पैसा भुगतान करना है ऐसे में मामला फंस गया है।राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है जैसे ही वंहा से निर्देश आ जायगा इनलोगो का पैसा दे दिया जायगा।

बाइट-लालसर शर्मा,मजदूर,बिपिन,मजदूर

(नोट-इस स्टोरी से जुड़ी बाइट और विसुअल व्रैप से भेजी गई है)


Conclusion:जिला प्रसाशन को चाहिए कि इन गरीब लोगो का पैसा जल्द से जल्द भुगतान कर दे ताकि जो बीमार पड़े है मजदूर वो अपना इलाज करा सके। जिला प्रसाशन को पहले ही तय कर लेना चाहिए था कि इनका पैसा कौन विभाग देगा।
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