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खगड़िया: किसान कौंसिल के कार्यकर्ताओं ने दिया धरना, किए कई मांग - Khagaria farmers

किसान कौंसिल के कार्यकर्ताओं ने खगड़िया में धरना दिया. वे सरकार से किसान और मजदूरों के लिए सहायता की मांग कर रहे थे.

किसान कौंसिल
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Published : Jun 7, 2020, 12:00 PM IST

खगड़िया: जिले में किसान कौंसिल के कार्यकर्ताओं ने किसानों और प्रवासी मजदूरों के हित मे धरना दिया. किसान कौंसिल के कार्यकर्ताओं ने खगड़िया सहित अलौली, बेलदौर, गोगरी और परबत्ता में शरीरिक दूरी कायम रखते हुए धरना प्रदर्शन किया. वे किसान और प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार से मांग कर रहे थे.

किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा परेशान किसान हैं. खगड़िया पूरे देश में सर्वाधिक मक्का पैदा करने वाला जिला है. मक्का खेतों से किसानों के घरों पर रखा हुआ है. लेकिन कोई खरीददार नहीं है. ऐसे में किसान मक्के को औने पौने दामों में बेचने के लिए विवश हैं. सरकार के तरफ से कोरोना महामारी में जारी सहायता किसानों और मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है.

पेश है रिपोर्ट

'किसानों के सामने निराशा ही है'

संजय कुमार ने कहा कि सरकार ने मक्के खरीद का समर्थन मूल्य 1760 रुपये प्रति क्विंटल तय तो कर दी है. लेकिन आज तक किसी भी पंचायतों में क्रयकेंद्र नहीं खोला गया है. ऐसे में किसानों के सामने निराशा ही है. वहीं, पलायन से लौटे मजदूरों के सामने भुखमरी की हालत है, सरकार को उन्हें अगले 6 माह का मुफ्त में राशन और 10 हजार रुपए प्रति माह जीवन भत्ता देना होगा.

खगड़िया: जिले में किसान कौंसिल के कार्यकर्ताओं ने किसानों और प्रवासी मजदूरों के हित मे धरना दिया. किसान कौंसिल के कार्यकर्ताओं ने खगड़िया सहित अलौली, बेलदौर, गोगरी और परबत्ता में शरीरिक दूरी कायम रखते हुए धरना प्रदर्शन किया. वे किसान और प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार से मांग कर रहे थे.

किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा परेशान किसान हैं. खगड़िया पूरे देश में सर्वाधिक मक्का पैदा करने वाला जिला है. मक्का खेतों से किसानों के घरों पर रखा हुआ है. लेकिन कोई खरीददार नहीं है. ऐसे में किसान मक्के को औने पौने दामों में बेचने के लिए विवश हैं. सरकार के तरफ से कोरोना महामारी में जारी सहायता किसानों और मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है.

पेश है रिपोर्ट

'किसानों के सामने निराशा ही है'

संजय कुमार ने कहा कि सरकार ने मक्के खरीद का समर्थन मूल्य 1760 रुपये प्रति क्विंटल तय तो कर दी है. लेकिन आज तक किसी भी पंचायतों में क्रयकेंद्र नहीं खोला गया है. ऐसे में किसानों के सामने निराशा ही है. वहीं, पलायन से लौटे मजदूरों के सामने भुखमरी की हालत है, सरकार को उन्हें अगले 6 माह का मुफ्त में राशन और 10 हजार रुपए प्रति माह जीवन भत्ता देना होगा.

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