खगड़िया: बिहार में बाढ़ अपना रौद्र रूप ले रही है. वहीं, जिले में कोसी और बागमती नदियां पूरे उफान पर है. यहां के बेलदौर प्रखंड के पचौठ गांव में कोसी नदी की तेज धारा से कटान तेजी से हो रहा है. दूसरी ओर प्रशासन सिर्फ कार्यालय में बैठकर ही राहत और बचाव कार्य की बात कर रहा है.
बेलदौर प्रखंड के पचौठ गांव में स्थिति खतरनाक होती जा रही है. इस बाबत प्रशासन अभी मौन है. दरअसल, इस गांव से कुछ दूरी पर कोसी नदी में बागमती नदी का संगम होता है, जिसके बाद कोसी नदी और प्रचंड रूप धारण करते हुए इस गांव से गुजरती है. इस समय हालात कुछ ऐसे हैं कि कभी भी कोसी और बागमती के हुए संगम के बाद कोसी रौद्र रूप धारण कर सकती है. इसके चलते ग्रामीणों में दहशत हैं. वहीं, कटान भी तेजी से हो रहा है.
दो घंटे और पूरा गांव तबाह
धीरे-धीरे बढ़ रही लहरों से ऐसा लग रहा है कि अगर बागमती का संगम और बरसात तेज हो गई, तो महज 2 घंटे में पूरा गांव बह सकता है. प्रशासन के सुस्त रवैये को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि कटान बीते 4 दिनों से हो रही है. कई बार अधिकारियों को सूचना देने की कोशिश की गई लेकिन कोई हम लोगों को देखने वाला नहीं है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अब तो समझ नहीं आ रहा परिवार को ले कर कहां जाएं. बच्चों को लेकर कहां रखें.
इलाके में तटबंध मजबूत हैं- डीएम
इस पूरे मामले पर जब डीएम अनिरुद्ध कुमार से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि नेपाल से आने वाले पानी की वजह से जिला बाढ़ प्रभावित हो सकता है. वहीं, डीएम का कहना है कि इलाके में तटबंध मजबूत हैं, जबकि इलाके में कोई तटबंध है ही नहीं. ऐसे में ग्रामीणों का आक्रोशित होना लाजमी है.