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यहां होता है कोसी और बागमती का संगम, सुस्त प्रशासन बाढ़ से बेखबर, लोगों में दहशत - latest news

पचौठ गांव में हालात कुछ ऐसे हैं कि कभी भी कोसी और बागमती के हुए संगम के बाद कोसी रौद्र रूप धारण कर सकती है. इसके चलते ग्रामीणों में दहशत हैं. वहीं, कटान भी तेजी से हो रहा है.

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Published : Jul 15, 2019, 11:35 PM IST

खगड़िया: बिहार में बाढ़ अपना रौद्र रूप ले रही है. वहीं, जिले में कोसी और बागमती नदियां पूरे उफान पर है. यहां के बेलदौर प्रखंड के पचौठ गांव में कोसी नदी की तेज धारा से कटान तेजी से हो रहा है. दूसरी ओर प्रशासन सिर्फ कार्यालय में बैठकर ही राहत और बचाव कार्य की बात कर रहा है.

बेलदौर प्रखंड के पचौठ गांव में स्थिति खतरनाक होती जा रही है. इस बाबत प्रशासन अभी मौन है. दरअसल, इस गांव से कुछ दूरी पर कोसी नदी में बागमती नदी का संगम होता है, जिसके बाद कोसी नदी और प्रचंड रूप धारण करते हुए इस गांव से गुजरती है. इस समय हालात कुछ ऐसे हैं कि कभी भी कोसी और बागमती के हुए संगम के बाद कोसी रौद्र रूप धारण कर सकती है. इसके चलते ग्रामीणों में दहशत हैं. वहीं, कटान भी तेजी से हो रहा है.

क्या बोले डीएम

दो घंटे और पूरा गांव तबाह
धीरे-धीरे बढ़ रही लहरों से ऐसा लग रहा है कि अगर बागमती का संगम और बरसात तेज हो गई, तो महज 2 घंटे में पूरा गांव बह सकता है. प्रशासन के सुस्त रवैये को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि कटान बीते 4 दिनों से हो रही है. कई बार अधिकारियों को सूचना देने की कोशिश की गई लेकिन कोई हम लोगों को देखने वाला नहीं है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अब तो समझ नहीं आ रहा परिवार को ले कर कहां जाएं. बच्चों को लेकर कहां रखें.

जमीनी हकीकत

इलाके में तटबंध मजबूत हैं- डीएम
इस पूरे मामले पर जब डीएम अनिरुद्ध कुमार से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि नेपाल से आने वाले पानी की वजह से जिला बाढ़ प्रभावित हो सकता है. वहीं, डीएम का कहना है कि इलाके में तटबंध मजबूत हैं, जबकि इलाके में कोई तटबंध है ही नहीं. ऐसे में ग्रामीणों का आक्रोशित होना लाजमी है.

खगड़िया: बिहार में बाढ़ अपना रौद्र रूप ले रही है. वहीं, जिले में कोसी और बागमती नदियां पूरे उफान पर है. यहां के बेलदौर प्रखंड के पचौठ गांव में कोसी नदी की तेज धारा से कटान तेजी से हो रहा है. दूसरी ओर प्रशासन सिर्फ कार्यालय में बैठकर ही राहत और बचाव कार्य की बात कर रहा है.

बेलदौर प्रखंड के पचौठ गांव में स्थिति खतरनाक होती जा रही है. इस बाबत प्रशासन अभी मौन है. दरअसल, इस गांव से कुछ दूरी पर कोसी नदी में बागमती नदी का संगम होता है, जिसके बाद कोसी नदी और प्रचंड रूप धारण करते हुए इस गांव से गुजरती है. इस समय हालात कुछ ऐसे हैं कि कभी भी कोसी और बागमती के हुए संगम के बाद कोसी रौद्र रूप धारण कर सकती है. इसके चलते ग्रामीणों में दहशत हैं. वहीं, कटान भी तेजी से हो रहा है.

क्या बोले डीएम

दो घंटे और पूरा गांव तबाह
धीरे-धीरे बढ़ रही लहरों से ऐसा लग रहा है कि अगर बागमती का संगम और बरसात तेज हो गई, तो महज 2 घंटे में पूरा गांव बह सकता है. प्रशासन के सुस्त रवैये को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि कटान बीते 4 दिनों से हो रही है. कई बार अधिकारियों को सूचना देने की कोशिश की गई लेकिन कोई हम लोगों को देखने वाला नहीं है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अब तो समझ नहीं आ रहा परिवार को ले कर कहां जाएं. बच्चों को लेकर कहां रखें.

जमीनी हकीकत

इलाके में तटबंध मजबूत हैं- डीएम
इस पूरे मामले पर जब डीएम अनिरुद्ध कुमार से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि नेपाल से आने वाले पानी की वजह से जिला बाढ़ प्रभावित हो सकता है. वहीं, डीएम का कहना है कि इलाके में तटबंध मजबूत हैं, जबकि इलाके में कोई तटबंध है ही नहीं. ऐसे में ग्रामीणों का आक्रोशित होना लाजमी है.

Intro:बाढ़ अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दी है कोशी और बागमती मिल कर गांवों को उजाड़ने में जुट गई है।खगड़िया के बेलदौर प्रखंड के पचौठ गांव में कोशी नदी का कटाव हर मिनट हो रहा है घरों के नीचे पानी आ गया है। लेकिन जिला प्रसाशन सिर्फ कार्यालयों में बैठ कर ही बाढ़ से बचाने का काम कर रही है।


Body:बाढ़ अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दी है कोशी और बागमती मिल कर गांवों को उजाड़ने में जुट गई है।खगड़िया के बेलदौर प्रखंड के पचौठ गांव में कोशी नदी का कटाव हर मिनट हो रहा है घरों के नीचे पानी आ गया है। लेकिन जिला प्रसाशन सिर्फ कार्यालयों में बैठ कर ही बाढ़ से बचाने का काम कर रही है।

खगड़िया जिला सात नदियों से घिरा हुआ जिला है और बाढ़ के समय में हल्की सी बारिश भी नदियों को उफान पर ला देती है और यंहा की श्रापित नदिया कई -कई गावो को अपने गोद मे लिए आगे बढ़ जाती है कुछ ऐसी ही स्थिति खगड़िया के बेलदौर ब्लॉक के पचौठ गांव में बनी हुई है इस गांव से कुछ दूर पहले कोशी नदी में बागमती नदी का संगम होता है जिसके बाद कोशी नदी और प्रचंड रूप धारण करते हुए इस गांव से गुजरती है।आज का समय मे परिस्थिति ऐसी बनी है कि मानो घण्टे 2 घण्टे में गांव के घरों को कोशी नदी निगल सकती है।अस्थनीय ग्रामीण दहसत के साय में जी रहे है कि कब कोशी घरों को निगलना शुरू कर दे।ग्रामीणों में आक्रोस भी उतना ही है ग्रामीणों का कहना है कि नदी का कटाव बिते 4 दिनों से हो रहा है कई बार अधिकारियों को सूचना देने की कोशिस की गई लेकिन कोई हमलोग को देखने वाला नही है।आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अब तो समझ नही आ रहा परिवार को ले कर कंहा जाए बच्चो को ले कर कहा रखे।

अब जरा आप खुद सुनिए जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार का बाढ़ से बचाव की तैयारी को ले कर क्या कहना है। जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार बोल रहे है कि नेपाल से आने वाली पानी के वजह से जिला बाढ़ प्रभावित हो सकता है जिले के सब से बड़े अधिकारी को अभी ये नही पता कि जिले में बाद आ चुकी है और बाढ़ तबाही भी मचाना शुरू कर चुकी है।भला ऐसे में ग्रामीणों का आरोप है कि सिर्फ अधिकारी ऐसी में बैठ कर ही बाढ़ से बचाने का काम कर रहे तो गलत क्या कह रहे है।डीएम साहब कह रहे है कि मेरा तट मजबूत है लेकिन ग्रउंड पर जा कर देखिए तो की तटबंध वंहा है भी या नही।


Conclusion:
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