खगड़िया: पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर विवादों के जद में है. पहली कक्षा के बच्चे को अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार का आरोपी (SC ST Case On First Class Student) बनाया गया है. हद तो तब हो गयी जब फर्जी केस में डीएसपी ने टेबल पर अनुसंधान करते हुए आरोपों (Fake SC ST Case In Khagaria ) को सही करार दे दिया.
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जानकारी के अनुसार गोगरी थाना इलाके के फतेहपुर गांव की एक महिला ने गोगरी थाने में एक मामला दर्ज करवाया है, इस मुकदमे में एक महिला समेत चार लोगों पर छेड़खानी (Woman Molestation Case On Minor), एससी एसटी एक्ट,चोरी समेत अन्य धाराएं लगाई गई हैं. 8 जुलाई 2021 का ये मामला बताया जा रहा है. पुलिस ने अनुसंधान भी शुरू कर दिया है.
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थाने में मामला दर्ज (FIR In First Class Student In Khagaria) होने के बाद खगड़िया के मुख्यालय डीएसपी रंजीत सिंह (DSP Ranjit Singh On Child Case ) को सुपरविजन का जिम्मा सौंपा गया. मुख्यालय डीएसपी ने ऑफिस में बैठे- बैठे पूरे मामले को सही करार दिया है. डीएसपी के सुपरविजन रिपोर्ट के बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई तो, पीड़ित पक्ष के लोगों ने वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाना शुरू कर दिया.
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पीड़ित लोगों ने एसपी को आवेदन देकर बताया कि, एक बच्चे को आरोपी बनाया गया है. वहीं, दूसरे आरोपी अरविंद यादव का नाम भी गलत तरीके से जोड़ा गया क्योंकि अरविंद यादव बिहार के बाहर मजदूरी करता था. और पूरे कोरोना काल में वो घर लौटा ही नहीं था. बावजूद इसके उसका भी नाम मामले में दे दिया गया.
पीड़ित पक्ष लगातार वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहा है. बहरहाल पूरे मामले के संज्ञान में आने के बाद फर्जी एफआईआर पर एसपी अमितेश कुमार (SP Amitesh Kumar On Fake Case) ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में दोषी लोगों पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. लेकिन इतना तय है कि जिले में फर्जी एफआईआर का दर्ज होना और टेबल अनुसंधान के कई मामले उजागर होने के बाद खगड़िया पुलिस सकते में है.
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