खगड़ियाः बिहार के खगड़िया सर्किट हाउस में पूर्व सांसद आनंद मोहन (Former MP Anand Mohan case) के रुकने के मामले में खगड़िया के डीएम आलोक रंजन घोष ने एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया. जिसके बाद एडीएम ने आज पूरे जांच रिपोर्ट सौंप को जिलाधिकारी को सौंप दिया है. इस रिपोर्ट के तहत समाहरणालय के नाजिर और सहायक नाजिर को दोषी माना गया है.
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एडीएम ने सौंपा रिपोर्ट: बताया जाता है कि डीएम आलोक रंजन घोष ने एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया. जिसका रिपोर्ट जिलाधिकारी को एडीएम ने सौंप दिया है. इस रिपोर्ट में जिला समाहरणालय के नाजिर और सहायक नाजिर को दोषी मानते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया गया है. वहीं जिले के सर्किट हाउस में सुरक्षा के लिए तैनात कर्मी को वहां से हटाकर दूसरे पुलिसकर्मी को सर्किट हाउस की सुरक्षा के लिए रखने का आदेश दिया गया है.
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खगड़िया सर्किट हाउस मामला: खगड़िया सर्किट हाउस के रजिस्ट्रर में आरजेडी विधायक चेतन आनंद (RJD MLA Chetan Anand) और आरजेडी नेता लवली आनंद (RJD leader Lovely Anand) के नाम पर तीन कमरा 2, 3 और 5 को बुक किया गया था. रजिस्टर में 12 अगस्त की रात 12 बजे से सुबह के दस बजे तक तीन कमरा को बुक किया गया था. लेकिन उसमें पूर्व सांसद आनंद मोहन आकर रुके थे. आनंद मोहन आरजेडी के जिलाध्यक्ष कुमार रंजन, आरजेडी नेता मनोहर यादव समेत आरजेडी कार्यक्रताओं से भी सर्किट हाउस में मिले.
जेल प्रशासन पर भी कार्रवाई की तैयारीः वहीं इस मामले में जेल आईजी ने जेल अधीक्षक से भी शोकॉज नोटिस मांगा गया है. एसपी लिपि सिंह ने सहरसा जेल प्रशासन की भूमिका पर भी संदेह जाहिर करते हुए जांच करने की बात कही है. वहीं मामले को सहरसा डीएम ने भी गंभीरता से लिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल आईजी ने सहरसा के जेल अधीक्षक से शोकॉज नोटिस जारी किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में जेल प्रशासन पर भी कार्रवाई तय है.