खगड़िया: 6 जून 1981 को खगड़ियावासी कभी भूल नहीं सकते. इस घटना को बीते 39 साल हो गए, लेकिन इसी दिन सैकड़ों लोग एक साथ काल के गाल में समा गये थे.
6 जून 1981 की शाम ही मानसी-सहरसा रेल खंड पर बदला घाट के पास बागमती नदी पर बने पुल संख्या-51 पर पैसेंजर ट्रेन दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी. ट्रेन उफनती बागमती में जा गिरी थी और सौकड़ों लोग काल के गाल में समा गए थे. इस दर्दनाक घटना को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
'सैकड़ों लोगों की हुई थी मौत'
इस रेल हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी. ट्रेन में काफी भीड़ थी और वह अपनी रफ्तार में दौड़ रही थी. हर एक यात्री को अपने गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी थी. लेकिन उन्हें जरा भी अहसास नहीं था कि उनके लिए यह यात्रा उनकी जिन्दगी की अंतिम यात्रा साबित होने वाली है.
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'800 से अधिक लोगों की हुई थी मौत'
416 डाउन सवारी गाड़ी समस्तीपुर से बनमनखी जा रही थी. इसी दौरान ड्राइवर ने किसी कारण से अचानक ब्रेक लगा दिया. जिससे ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसके सात डिब्बे पुल की रेलिंग को तोड़ते हुए नदी में गिर गए. हालांकि सरकारी आंकड़े के अनुसार हादसे में मरने वालों की संख्या 800 ही थी. लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार हजारों की संख्या में लोगों की मौत हुई थी.
तूफान के कारण हुआ था रेल हादसा
इस दर्दनाक दुर्घटना को अपने आंख से देखने वाले दबिन्दर चौधरी ने बताया कि जब तूफान आया था. इस कारण हम रेल पटरी के पास में छिप गए थे. ताकि तूफान से बच सके, लेकिन जैसे ही तूफान शांत हुआ उसके बाद हम जो देखे उस पर विश्वास नही हो रहा था. बागमती नदी में हजारों लोग चीख-पुकार रहे थे. नदी खून से लाल हो गया था. सैकड़ो की संख्या में लाश तैरने लगी थी. ये सब देख कर आंख को विश्वास नहीं हो पा रहा था. ना ही कुछ समझ मे आ रहा था.
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स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन के इंजन से लगे दो बोगी पूल के पार चली गई थी, लेकिन 7 बोगी नदी में समा गई और इन सात बोगियों में करीब 3 से 4 हजार लोग सवार थे.