कटिहार: कोरोना वायरस से बचाव और संक्रमण के रोकथाम को लेकर देशभर में लॉक डाउन जारी है. इस दौरान कृषि कार्य पर असर ना पड़े इसके लिये कृषि विभाग को कई दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं. किसानों की समस्या के समाधान को लेकर विभाग पूरी लगन से जुटा हुआ है. ऐसे समय में कृषि विभाग में अधिकारियों की कमी की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आलम यह है कि कटिहार में जिला कृषि पदाधिकारी के जिम्मे चार अन्य विभागों का भी प्रभार है. कहना गलत नहीं होगा कि जैसे-तैसे विभाग की गाड़ी चल रही है.
वर्क लोड से सुस्त है कृषि विकास की गति
सरकार ने किसानों की समस्या के समाधान के लिए पहले भी कई पहल किए. जिनमें लम्बे-चौड़े कृषि विभाग के कार्य क्षेत्र को कई विभागों में बांटना, फूल और फल के लिए उद्यान विभाग, जूट के लिये अलग अनुसंधान विभाग बनाना. साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) का गठन किया गया, ताकि खेती पर निर्भर किसानों की किस्मत चमक सके, लेकिन कटिहार में यह सारे उपाय सरकारी लापरवाही की भेंट चढ़ गई. इन विभागों से किसानों को फायदा तब होता जब विभाग में अधिकारियों का पदस्थापन होता.
रबी और आम-लीची के फसल से जुड़ी जानकारी का अभाव
कटिहार में जिला कृषि पदाधिकारी के जिम्मे चार विभागों का अतिरिक्त प्रभार हैं. जिसमें जिला उद्यान विभाग, सहायक निदेशक, जूट प्रभार, कृषि प्रौद्योगिकी विकास अभिकरण के निदेशक का भार साथ ही कृषि पदाधिकारी का भार भी सम्मिलित है. जिससे विभागीय काम-काज पर काफी असर पड़ा है. चार विभागों के कार्य से दबे जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए आगामी तीन मई तक पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा की गई है. इस दौरान चल रहे रबी फसलों और आम-लीची के किसानों की समस्या दूर करने के भी निर्देश दिए गए हैं. वहीं, विभागीय अधिकारी की भारी कमी में किसानों की समस्या कैसे दूर होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.