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संगम स्थल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि, पार्थिव भस्म को कुर्सेला में किया गया था प्रवाहित

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Published : Feb 11, 2021, 7:54 PM IST

कटिहार के कुर्सेला प्रखंड संगम स्थल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी गई. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान के 73वें वर्ष पर गांधी आश्रम में 11 और 12 फरवरी को दो दिवसीय पूर्ण स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

संगम स्थल
संगम स्थल

कटिहार: कुर्सेला प्रखंड के तीनघरिया गांव स्थित गांधी आश्रम जिले के ऐतिहासिक स्थलों में अहम है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्मृतियों के रूप में कायम सर्वोदय आश्रम जीवंत रूप से गांधी बिनोद विचार दर्शन का बोध करा रहा है. आश्रम इतिहास के उन महान युग पुरुषों का स्मृति स्थल है. जहां आकर राष्ट्र नायकों की कृतियों की सहज अनुभूति होती है. देश के सोलह आश्रमों में एक गांधी घर कुरसेला इतिहास का साक्षी बन कर कायम है.

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दो दिवसीय पूर्ण स्मृति कार्यक्रम
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान के 73वें वर्ष पर गांधी आश्रम में 11 और 12 फरवरी को दो दिवसीय पूर्ण स्मृति कार्यक्रम का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी जा रही है. आयोजन में पहले दिन 11 फरवरी को गंगा कोसी संगम पर जहां 73 वर्ष पहले गांधी जी के पार्थिव भष्म को प्रवाहित किया गया था. वहां दो नाव से जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन को गाकर और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

संगम स्थल पर कार्यक्रम
सर्वोदय आश्रम के अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश यादव ने बताया कि 73 साल पहले पूज्य बापू के पार्थिव भस्म को पूरे देश के मुख्य नदियों में प्रवाहित किया गया था. जिसे कटिहार के कुर्सेला स्थित त्रिमुहानी संगम पर प्रवाहित किया गया था. बापू के भष्म प्रवाहित किए गए संगम स्थल पर आकर पूज्य बापू के प्रिय भजन को गाकर उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई.

कटिहार: कुर्सेला प्रखंड के तीनघरिया गांव स्थित गांधी आश्रम जिले के ऐतिहासिक स्थलों में अहम है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्मृतियों के रूप में कायम सर्वोदय आश्रम जीवंत रूप से गांधी बिनोद विचार दर्शन का बोध करा रहा है. आश्रम इतिहास के उन महान युग पुरुषों का स्मृति स्थल है. जहां आकर राष्ट्र नायकों की कृतियों की सहज अनुभूति होती है. देश के सोलह आश्रमों में एक गांधी घर कुरसेला इतिहास का साक्षी बन कर कायम है.

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दो दिवसीय पूर्ण स्मृति कार्यक्रम
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान के 73वें वर्ष पर गांधी आश्रम में 11 और 12 फरवरी को दो दिवसीय पूर्ण स्मृति कार्यक्रम का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी जा रही है. आयोजन में पहले दिन 11 फरवरी को गंगा कोसी संगम पर जहां 73 वर्ष पहले गांधी जी के पार्थिव भष्म को प्रवाहित किया गया था. वहां दो नाव से जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन को गाकर और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

संगम स्थल पर कार्यक्रम
सर्वोदय आश्रम के अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश यादव ने बताया कि 73 साल पहले पूज्य बापू के पार्थिव भस्म को पूरे देश के मुख्य नदियों में प्रवाहित किया गया था. जिसे कटिहार के कुर्सेला स्थित त्रिमुहानी संगम पर प्रवाहित किया गया था. बापू के भष्म प्रवाहित किए गए संगम स्थल पर आकर पूज्य बापू के प्रिय भजन को गाकर उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई.

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